आज की कविताः मैं ही हूं, मैं ही तो हूं…
जब कभी आभास हुआ है,भीड़ में तन्हा होने का,बहलाया है कह के खुद को,मैं ही हूं, मैं ही तो हूं। जब कभी हताश हुआ मन,असफल प्रयास के होने पर,बहलाया है कह के खुद को,मैं ही हूं, मैं ही तो हूं। जब कभी टूटा है यह दिल,अपनों के अपशब्दों से,बहलाया है कह के खुद को,मैं ही हूं […]
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