अतिरिक्त मुख्य सचिव ने डिप्टी कमिश्नरों को हिदायतों की सख़्ती से पालना को यकीनी बनाने के लिए कहाकृषि विभाग ने सब्सिडी पर सुपर एस.एम.एस. लाने के लिए 2000 और आवेदनों को म़ंज़ूरी दी
CHANDIGARH: राज्य में धान की कटाई के उपरांत ख़ासकर कोविड महामारी के मद्देनजऱ पराली को आग लगाने की समस्या से कारगर ढंग से निपटने के लिए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य के कृषि और किसान कल्याण विभाग के सलाह-मशवरो से सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एस.एम.एस.) के बिना चलने वाली कम्बाईनों को ज़ब्त करने के हुक्म दिए हैं।
आज यहाँ यह व्यक्त करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) अनिरूद्ध तिवाड़ी ने कम्बाईन मालिकों को अपनी कम्बाईनों पर सुपर एस.एम.एस. लगवाने की अपील की है। उन्होंने यह भी बताया कि एक कम्बाईन पर सुपर एस.एम.एस लगवाने के लिए राज्य सरकार कुल कीमत पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है।
उन्होंने आगे बताया कि कृषि विभाग ने सब्सिडी पर सुपर एस.एम.एस. लगवाने के लिए आवेदन देने की आखिरी तारीख़ भी बढ़ाकर 30 सितम्बर, 2020 तक कर दी है, जिससे कम्बाईन मालिक इस सुविधा का फ़ायदा उठा सकें। यह आवेदन सम्बन्धित जि़लों में ब्लॉक कृषि अधिकारी/मुख्य कृषि अधिकारियों के दफ़्तरों में जमा करवाई जा सकती हैं।
तिवाड़ी ने आगे बताया कि राज्य में लगभग 12,500 कम्बाईनें हैं जिनमें पाँच हज़ार कम्बाईनों पर पहले ही एस.एम.एस. लग चुके हैं। उन्होंने बताया कि कम्बाईनों पर एस.एम.एस. लगाने के लिए कृषि विभाग को प्राप्त हुई 2000 और आवेदनों को भी मंज़ूरी दे दी गई है।
उन्होंने कहा कि कम्बाईन मालिकों को हवा (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) एक्ट 1981 के अंतर्गत जारी हुई हिदायतों को अपनाना होगा, जिससे धान के कटाई के सीजन के दौरान सिफऱ् एस.एम.एस. वाली मशीनें चलाए जाने को यकीनी बनाया जा सके।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य में धान की पराली जलाने की समस्या और इसके वातावरण पर पड़ रहे बुरे प्रभाव के कारण हवा (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) एक्ट 1981 की धारा 31 के अंतर्गत हिदायतें जारी की गई, जिसके अनुसार राज्य में धान की फ़सल काटने के लिए कम्बाईन मालिकों को अपनी मशीनों पर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाना होगा और इस सिस्टम के बिना किसी भी कम्बाईन को चलने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सुपर एस.एम.एस. के बिना चलने वाली कम्बाईनों के मालिकों पर वातावरण मुआवज़ा लागू किया जाएगा। इसके अंतर्गत पहली, दूसरी और तीसरी बार उल्लंघन करने वाले कम्बाईन मालिक को क्रमवार 50000 रुपए, 75000 और एक लाख रुपए वातावरण मुआवाज़ा अदा करना होगा। तीसरी उल्लंघन के बाद उल्लंघन के लिए एक लाख रुपए का मुआवज़ा भरना होगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने समूह डिप्टी कमिश्नरों को भी हुक्म जारी करके इन हिदायतों की सख़्ती से पालना करने को यकीनी बनाने के लिए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य सम्बन्धित विभागों के स्टाफ की ड्यूटियां लगाने के लिए कहा है।
बताने योग्य है कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी कम्बाईनें पर सुपर एस.एम.एस. लगाने की सिफ़ारशें पहले ही कर चुकी है। यह सिस्टम धान की फ़सल काटने के मौके पर मशीन से निकलने वाली पराली का टुकड़ा करके वहाँ ही बिखेर देता है, जिससे किसानों को अगली फ़सल बीजने से पहले पराली जलाने की ज़रूरत नहीं रहती।
किसान बिना पराली जलाए हैपी सीडर, ज़ीरो ड्रिल और सुपर सीडर के द्वारा अगली फ़सल बीज सकते हैं और इन कृषि यंत्रों को सब्सिडी पर लेने के साथ-साथ कस्टम हायर सैंटरों, पंचायतों या प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं के द्वारा किराये पर भी लिया जा सकता है।