CHANDIGARH, 4 JULY: भाजपा ने आज अपने संगठन में बड़ा बदलाव किया है। पंजाब में जैसी कि कल से चर्चा थी, उसके मुताबिक पार्टी ने सुनील जाखड़ को पंजाब भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। पंजाब में भाजपा की कमान संभाल रहे अश्वनी शर्मा की छुट्टी कर दी गई है। पंजाब में इसे बहुत अहम सियासी घटनाक्रम माना जा रहा है। हालांकि कांग्रेस छोड़कर आए सुनील जाखड़ को पंजाब भाजपा की कमान सौंप दिए जाने से पंजाब के पुराने भाजपा कार्यकर्ता व नेता असंतोष जता सकते हैं। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने इसके अलावा तीन अन्य राज्यों में भी भाजपा मुखिया बदल दिए हैं। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को तेलंगाना के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। एनटीआर की बेटी और तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की रिश्तेदार डी. पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को झारखंड भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। यही नहीं, एटाला राजेंदर को तेलंगाना भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।
इससे पहले 28 जून को देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ बैठक की थी। इस बैठक से भी पहले अमित शाह ने नड्डा, बीएल संतोष और आरएसएस के एक शीर्ष पदाधिकारी अरुण कुमार के साथ कम से कम पांच मैराथन बैठक की थीं। 5 जून, 6 जून और 7 जून को इन शीर्ष नेताओं ने भाजपा मुख्यालय पर लंबी बैठक कर पार्टी में बदलाव की रूपरेखा तैयार की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में इन बदलावों पर चर्चा हुई और पीएम मोदी ने बदलावों पर अपनी मुहर लगाई।
चुनावी राज्यों में किया बदलाव
बताया जाता है कि बैठक में चुनावी राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना को लेकर भी चर्चा हुई थी। अटकलें थीं कि इन राज्यों से कुछ लोगों को सरकार में लाया जा सकता है तो कुछ मंत्रियों को बेहतर कामकाज के लिए संगठन में भेजा जा सकता है। तेलंगाना में इस साल चुनाव होने हैं और वहां का जिम्मा केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को दिया गया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ होने हैं। इसलिए यहां पूर्व मुख्यमंत्री की रिश्तेदार पर दांव लगाकर भाजपा ने समीकरण साधने की कोशिश की है। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा पंजाब में खुद को अकेले दम पर खड़ा करने की कोशिश में लगी है। इसलिए भाजपा ने पंजाब में पार्टी के मुखिया का चेहरा बदलकर सबसे ज्यादा कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है, क्योंकि भाजपा में आने से पहले सुनील जाखड़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और कांग्रेस में संगठन पर उनकी अच्छी पकड़ रही है। अब माना जा रहा है कि सुनील जाखड़ के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस में निचले स्तर पर भी भगदड़ मच सकती है।