रसोई गैस की कीमतों वृद्धि का कड़ा विरोध: चंडीगढ़ कांग्रेस ने किया BJP दफ्तर की ओर कूच, पुलिस ने बेरिकेड लगाकर रोक दिया

अपने निजी खर्चों को निकालने के लिए आम जनता की जेब पर बोझ डाल रही मोदी सरकार: लक्की

CHANDIGARH, 6 JULY: भारतीय रसोई गैस को पूरी दुनिया में सबसे महंगा बनाने वाली मोदी सरकार द्वारा रसोई गैस की कीमतों में फिर से एक बार बढ़ोतरी करने के खिलाफ चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने आज यहां व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेसजनों ने कांग्रेस भवन सेक्टर-35 से सेक्टर-33 में भाजपा कार्यालय की ओर मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन मार्च शुरू होते ही भारी बैरीकेड लगा कर पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

इस अवसर पर चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की ने कहा कि 2014 में एक रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 400 रुपये से कम थी, लेकिन पिछले 8 वर्षों में इसे 170 प्रतिशत बढ़ाकर 1050 रुपये से ज्यादा कर दिया गया है। इससे ज्यादातर घरों का बजट अस्त- व्यस्त हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के फालतू और गैर-प्राथमिकता वाले खर्चों को पूरा करने के लिए आम आदमी को करों के असहनीय बोझ के नीचे दबाया जा रहा है। सरकार को तो बस अपने इस्तेमाल के लिए लक्जरी हवाई जहाज और अपनी इश्तहारबाजी के बहुत सारे संसाधन चाहिए, जिसे सरकार आम लोगों की जेब से निकाल रही है।

यह आरोप लगाते हुए कि रसोई गैस में ₹इस साल की यह चौथी वृद्धि है, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की ऐसी ही अदूरदर्शितापूर्ण नीतियों तथा समाज के मध्यम और कमजोर वर्गों द्वारा उपयोग की जाने वाली लगभग हर चीज पर अनुचित रूप से कर लगाने की उनकी सरकार की स्वार्थपूर्ण नीयत से भारत की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व गिरावट आ रही है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के फैसलों से लोगों की क्रय शक्ति कमजोर हो रही है, जिससे देश में अन्य गैर-खाद्य पदार्थों की मांग खत्म हो रही है।”

पार्टी अध्यक्ष ने इस तथ्य पर भी खेद व्यक्त किया कि यदि क्रय शक्ति समानता (पीपीपी) के आधार पर तुलना की जाए तो भारत में एलपीजी की कीमत आज दुनिया में सबसे अधिक है।

प्रोटैस्ट मार्च के दौरान बोलने वाले पार्टी के अन्य नेताओं ने अपने विचार रखते हुए कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि 2021-22 के पूरे वर्ष के दौरान 90 लाख से अधिक एलपीजी वाले घर एक बार भी ऐसी मंहगी एलपीजी को रिफिल नहीं कर सके और 1 करोड़ से अधिक घर पूरे साल में केवल एक बार ही यह रिफिल करा पाए. नतीजतन, आज लोग पारंपरिक ईंधन का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं, जिससे देश में प्रदूषण के स्तर में भी वृद्धि हो रही है।

पार्टी नेताओं ने कहा कि अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 तक छह महीने के लिए ईंधन की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई क्योंकि कई राज्यों में अपनी विधानसभाओं का चुनाव करने के लिए चुनाव हो रहे थे। दूसरी ओर मार्च 2022 में केवल चार महीनों में ईंधन की दरों में चार गुना वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि लोग भाजपा और उसकी सरकार की ऐसी चालें अब समझने लगे हैं। प्रोटैस्ट मार्च में पार्टी कार्यकर्ताओं, जिसमें प्रदेश और जिला और ब्लॉक कांग्रेस समितियों, युवा कांग्रेस, सेवा दल महिला कांग्रेस और पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्ष शामिल थे. वह सब एलपीजी में अनुचित वृद्धि के खिलाफ नारे लिखी हुई तख्तियां लिए हुए थे। उन्होंने मांग की कि सरकार को पेट्रोलियम ईंधन पर करों को तुरंत कम करना चाहिए ताकि देश आर्थिक तरक्की के रास्ते पर वापस आ सके।

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