पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार के लिए शिक्षकों को विदेश भेजेगी राज्य सरकार

भगवंत मान द्वारा सरकारी अध्यापकों से सुझाव लेने के लिए आनलाइन पोर्टल लांच

CHANDIGARH, 10 MAY: स्कूली शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार लाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यहाँ एक निजी रिज़ोर्ट में सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ विशेष मीटिंग करके उनसे स्कूली शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने के लिए सुझाव माँगे। इस मौके पर बोलते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का मौजूदा सरकारी शिक्षा प्रणाली से विश्वास उठ गया है।

भगवंत मान ने कहा कि सरकारी अध्यापकों की बेमिसाल काबिलीयत और सामर्थ्य पर कोई शक नहीं है, परन्तु सरकारी शिक्षा प्रणाली पर लोगों का भरोसा फिर कायम करना समय की ज़रूरत है, जो कि लोगों के पूर्ण शमूलियत और सहयोग से ही प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही हमें विद्यार्थियों के आत्म-विश्वास को बढ़ाने की भी ज़रूरत है जिससे उनको नौकरी ढूँढने वालों से नौकरी प्रदान करने वाला बनाया जा सके।

भगवंत मान ने आगे बताया कि उनकी सरकार मौजूदा शिक्षा प्रणाली को व्यावहारिक बनाने के साथ-साथ रोज़मर्रा की ज़िंदगी में और ज्यादा उचित और लाभदायक बनाने के लिए अध्यापकों को पूरा सहयोग देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में उद्योग को वापस लाकर हुनर के पलायन को रोकने के लिए वचनबद्ध है जहाँ हमारे नौजवानों को बड़ी नौकरियाँ मुहैया करवाई जाएंगी। इसलिए उच्च प्रतिशतता प्राप्त करने पर ध्यान देने की बजाय मानक तकनीकी शिक्षा प्रदान करने पर विशेष ज़ोर दिया जायेगा।

दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में केजरीवाल सरकार की प्राप्तियों को उजागर करते हुये भगवंत मान ने कहा कि चार लाख विद्यार्थी प्राईवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों में चले गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली से हर साल 450 विद्यार्थी आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित अदारों में दाखि़ला लेते हैं और दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में 10,000 कमरे बनाऐ हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि हमारी शिक्षा को अगले स्तर तक ले जाने के लिए हमारे अध्यापकों को दिल्ली के स्कूलों और विदेशों में भी शैक्षिक यात्राओं पर सिंगापुर, स्विटज़रलैंड, फिनलैंड जैसे देशों और हार्वर्ड और आक्सफोर्ड जैसी संस्थाओं में शिक्षा प्रशिक्षण के लिए सरकारी खर्च पर भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा प्रणाली को मज़बूत करने के लिए हमारे अध्यापकों के विचारों के इलावा शिक्षा का दिल्ली माडल पंजाब में भी लागू किया जायेगा।

भगवंत मान ने कहा कि प्रवासी भारतीय सरकारी स्कूलों को अपनाने के लिए तैयार हैं परन्तु उनके पैसे का प्रयोग विद्यार्थियों को आधुनिक शैक्षिक तकनीकें मुहैया करवाने के लिए किया जाना चाहिए न कि सिर्फ़ कमरे बनाने के लिए।

भगवंत मान ने सर्वोत्तम सरकारी स्कूलों के अध्यापकों और प्रिंसिपल के लिए सालाना इनामों का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि हर साल बढ़िया कारगुज़ारी वाले 10 अध्यापकों और प्रिंसिपल को सम्मानित किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने शैक्षिक सुधारों के लिए अध्यापकों से विचार और सुझाव लेने के लिए एक आनलाइन पोर्टल लांच किया। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को इस पोर्टल के द्वारा आनलाइन विचार भेजने चाहिएं जिससे शिक्षा की रिवायती प्रणाली को बदल कर शिक्षा प्रणाली को पेपर रहित, डिजिटल तौर पर समर्थ बनाया जा सके और माता पिता-अध्यापक मिलनी (पी.टी.ऐम.) की शुरूआत की जा सके।

भगवंत मान ने अध्यापकों को यह भी भरोसा दिया कि दिल्ली सरकार की तर्ज़ पर पंजाब सरकार अध्यापकों से पढ़ाने के इलावा कोई और काम नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को अन्य ड्यूटियों लगा कर काफ़ी समय बर्बाद किया जाता है जिस कारण वह पढ़ाने के काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं। इससे पहले शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेअर ने मुख्यमंत्री को पुस्तक भेंट करके उनका स्वागत किया।

इस मौके पर संबोधन करते हुये मीत हेअर ने भरोसा दिलाया कि सभी अध्यापकों के विचारों और सुझावों का स्वागत किया जायेगा और हरेक सुझाव को ध्यान से विचारा जायेगा। स्कूल शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में नंबर एक बनाने के लिए सार्थक विचारों को सभी स्कूलों में लागू किया जायेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इमानदारी, लगन और सख़्त मेहनत वाली कारगुज़ारी का सम्मान किया जायेगा और भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार में बेईमानी के लिए कोई जगह नहीं है।

इस मौके पर विधायक सरवजीत कौर माणूंके, रजिन्दरपाल कौर छीना, गुरप्रीत बस्सी गोगी, जीवन सिंह संगोवाल, कुलवंत सिंह सिद्धू, हाकम सिंह ठेकेदार, मदन लाल बग्गा, दलजीत सिंह ग्रेवाल, अशोक पराशर पप्पी, हरदीप सिंह मुंडीयां, जगतार सिंह दयालपुरा, मनविन्दर सिंह ग्यासपुरा, शिक्षा शास्त्री डा.के.ऐन.ऐस. कंग, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव वेणू प्रसाद, स्कूल शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक शेखर, डी.जी.एस.ई. प्रदीप अग्रवाल, डिप्टी कमिशनर सुरभी मलिक और आई.जी. ऐस.पी.ऐस. परमार शामिल थे।

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