CHANDIGARH: Srijan -An institute of Creativity की ओर से बसंत आगमन तथा महिला दिवस पर एक आनलाइन संगीतमय कार्यक्रम “महिफल-ए-इतवार” का आयोजन किया गया, जिसमें ट्राईसिटी के जाने-माने संगीत अध्यापको ने भाग लिया। कार्यक्रम का आरम्भ सृजन के अध्यक्ष गजल गायक सोमेश ने सरस्वती वन्दना तथा निदा फाजली की गजल घर से निकले तो हो—- गा कर किया। सोमेश ने बताया कि यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जिसमें ट्राईसिटी के विभिन्न संगीत अध्यापको ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन अमरज्योति शर्मा ने अपनी शेयरो शायरी से किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि – डॉ पी के शर्मा, रिटायर आफिसर हरियाणा सिविल सर्विस, अध्यक्ष यादगार – ए – रफ़ी सोसायटी, डायरेक्टर, स्कूल एजुकेशन चंडीगढ़, असिस्टेंट कमिश्नर म्यूनिसिपल कमेटी चंडीगढ़ ने कहा सृजनात्मक संगीत हमें मानसिक शांति देता है और यह व्यक्ति को निराशा से उबारने में भी मददगार साबित होता है इसके साथ ही उन्होंने सृजन की इस कोशिश की सराहना की और कलाकारों को मुबारकबाद दी कि इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करके उन्होंने साहित्य जगत को एक नया आयाम दिया है।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों ने- पूर्णिमा – गजल – “क्या मजा बार बार आता है”, अंजू राय – पंजाबी लोकगीत – “जिंद माहीया”, डॉ संगीता – रविन्द्र नाथ टैगोर का हिंदी वर्जन गाना – “अकेला चलो रे”, सोमेश – पंजाबी गीत तैनू बेरिया दे झुण्ड चो बुलावां—” – , ईशमीत कौर – पंजाबी लोकगीतों का रिमिक्स – “जुती कसूरी+ सोहे वे चीरे वालिया+ सुई वे”, पुनीता बावा – गजल – “गम का खजाना, तेरा भी है, मेरा भी”, कुलजीत सोढी – पंजाबी गीत – “वे मैं तेरे लड़ लगी आ, वे रांझणा”, गा कर समय बांध दिया। सोमेश ने बताया कि भविष्य में भी इसी प्रकार की गति विधियाँ जारी रहेंगी तथा सभी का आभार व्यक्त किया ।