ANews Office: श्री गणेश चतुर्थी के साथ ही शनिवार से देश-विदेश में भगवान श्री गणेश का दस दिवसीय जन्मोत्सव शुरू हो गया। हालांकि कोरोनाकाल का असर इस उत्सव पर हर तरफ नजर आ रहा है।
घरों में विराजे गणपति
हर साल सजने वाले गणपति पंडालों में धूमधाम इस बार नदारद है लेकिन घरों में हर बार की तरह इस बार भी गणपति अपार श्रद्धा के साथ परंपरागत तरीके से विराजे हैं, जबकि मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर समेत देश के तमाम प्रमुख गणेश मंदिरों से भगवान गणपति के दर्शन सोशल मीडिया के जरिए ऑनलाइन कराए जा रहे हैं।
लालबाग के राजा के LIVE दर्शन
इस बार लाल बाग के राजा 4 फुट के
कोरोनाकाल व सरकार की तरफ से कोविड-19 की गाइडलाइंस तथा जरूरी पाबंदियों के चलते इस बार महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध लाल बाग के राजा (मुंबई) के पंडाल में गणपति भक्तों की भीड़ नदारद है। हालांकि परंपरा को निभाते हुए प्रबंधकों ने पंडाल जरूर सजाया है। हर साल यहां लगने वाली श्री गणेश प्रतिमा (लाल बाग के राजा) भले ही इस बार विशालकाय नहीं है। इस बार सिर्फ चार फुट की प्रतिमा को यहां स्थापित किया गया है।
तिलक की गोद में बप्पा
बाल गंगाधर तिलक की गोद में रखी दिखाई गई इस बार लाल बाग के राजा की यह प्रतिमा भी भक्तों को लुभा रही है लेकिन इसके लाइव दर्शन सोशल मीडिया पर ऑनलाइन कराए जा रहे हैं। गौरतलब है कि गणपति उत्सव की शुरुआत महाराष्ट्र में बाल गंगाधर तिलक ने ही की थी। लाल बाग के राजा के पंडाल में इस बार दान भी नहीं लिया जा रहा है। प्रतिमा पूरी तरह ईकोफ्रेंडली बनाई गई है। इसका विसर्जन आर्टीफीशियल लेक में किया जाएगा।
मुंबई में पंडाल के लिए पहुंचीं मात्र 2350 एप्लीकेशनें
मुंबई में गणपति जन्मोत्सव पर कारोनाकाल का असर यह है कि पंडाल लगाने के लिए बीएमसी के पास इस बार मात्र 2350 एप्लीकेशन पहुंचीं, जबकि हर साल पंडाल लगाने के लिए बीएमसी के पास साढ़े तीन हजार से ज्यादा एप्लीकेशन पहुंचती रही हैं।
बच्चों-बुजुर्गों के प्रवेश पर रोक
इस बार पंडालों 10 साल से कम उम्र के बच्चों व बुजुर्गों के प्रवेश पर रोक है। प्रबंधकों को पंडाल दिन में तीन बार सेनेटाइज करना होगा। साथ ही जगह-जगह टचफ्री सेनेटाइजर डिस्पेंसर लगाने होंगे। प्रसाद व फूल-मालाएं चढ़ाने पर भी पाबंदी है। साथ ही पंडालों में 4 फुट से ज्यादा बड़ी प्रतिमाएं नहीं रखी गई हैं।