केएमपी एक्सप्रेस-वे के बाद पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑरबिट रेल कॉरिडोर,
कोसली-नारनौल नई रेलवे लाइन की भी पहल
CHANDIGARH: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सडक़ व रेल कनेक्टिविटी में निरन्तर सुधार की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच के फलस्वरूप पूरे राज्य में पिछले छ:वर्षों से न केवल सडक़ व रेल तंत्र के सुदृढ़ीकरण की विशेष पहल की गई है बल्कि दो नई रेलवे लाइनें भी स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार को भेजी गई हैं ।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में सडक़ों के सुदृढ़ीकरण, मैट्रो के विस्तार तथा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर प्रणाली विकसित करने की विशेष पहल की है। हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड के नाम से एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया है जिसके माध्यम से हरियाणा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विभिन्न रेलवे प्रोजेक्ट क्रियान्वित किए जा रहे हैं। मानवरहित रेलवे फाटकों को बंद करने पर कार्य चल रहा है और जहां-जहां आवश्यकता है, वहां पर रेलवे ऊपरगामी पुलों या रेलवे अंडरपास (आरयूबी) का निर्माण करवाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गठित आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट कमेटी ने 5617.69 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑरबिट रेल कॉरिडोर की 121.742 किलोमीटर लंबी दोहरी विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लाइन को स्वीकृति प्रदान की थी। अब हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड ने कैथल शहर की 191.73 करोड़ रुपये की तथा झज्जर-नारनौल नई रेलवे लाइन के व्यवहार्यता अध्ययन करने की दो और नई परियोजनाएं केन्द्र सरकार को भेजी हैं।
उन्होंने बताया कि झज्जर से नारनौल के लिए सीधी रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी और इससे दक्षिण हरियाणा में विकास के नए युग का सूत्रपात होगा। 85 किलोमीटर लम्बी यह रेलवे लाइन उत्तर हरियाणा व दक्षिण हरियाणा को जोड़ेगी तथा पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और नांगलचौधरी में स्थापित किए जा रहे एकीकृत मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब को भी जोड़ेगी। उन्होंने बताया कि रोहतक के बाद कैथल हरियाणा का ऐसा दूसरा शहर होगा जहां पर एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का निर्माण करवाया जाएगा। 135 किलोमीटर लम्बे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रैस-वे के छ: मार्गी बनने के बाद इस मार्ग के दो किलोमीटर की परिधि के अंदर-अंदर पंचग्राम नाम से पांच नए शहर विकसित किए जाएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल व मेवात जिले के.एम.पी.एक्सप्रैस वे पर पड़ते हैं। इसके साथ ही कुंडली-गाजियाबाद-पलवल इस्टर्न पेरीफेरी-वे चालू हुआ है, जो दिल्ली के बाहर गुरुग्राम की ओर जाने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल उत्तरी हरियाणा बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी यातायात दबाव कम हुआ है और गाजियाबाद, नोएडा से जुडकऱ पश्चिमी राज्यों के बंदरगाहों को दक्षिण हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद व पलवल जिलों से द्रुत गति लिंक उपलब्ध हुआ है।
इसी प्रकार, दिल्ली मैट्रो का विस्तार गुरुग्राम से मानेसर तक किया जा चुका है । गुरुग्राम को फरीदाबाद के साथ मैट्रो से जोडऩे के प्रस्ताव पर भी तेजी से कार्य चल रहा है।