उप मुख्यमंत्री रंधावा और तकनीकी शिक्षा मंत्री राणा गुरजीत सिंह के नेतृत्व में राज्य में फ़र्ज़ी विवाहों के मुद्दे और बायोमैट्रिक मुलाकात में चल रही धाँधली से निपटने के लिए उच्च स्तरीय मीटिंग
CHANDIGARH: पंजाब सरकार जल्द ही राज्य में इमीग्रेशन सलाहकारों और आईलैटस केन्द्रों के लिए विनियमित ढांचा तैयार करने के लिए विदेशों के इमीग्रेशन विभागों के सहयोग से एक मानक संचालन प्रक्रिया (एस.ओ.पीज) का नक्क्षा तैयार करेगी।
इस सम्बन्ध में फ़ैसला उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा और तकनीकी शिक्षा और रोज़गार सृजन मंत्री राणा गुरजीत सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान लिया गया। यह मीटिंग रोज़गार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग और गृह मामले विभाग, पंजाब की तरफ से सांझे तौर पर करवाई गई।
मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये उप मुख्यमंत्री और तकनीकी शिक्षा मंत्री ने पंजाब में इमीग्रेशन सलाहकारों को विनियमित करने, फ़र्ज़ी विवाहों को रोकने और बायोमैट्रिक के लिए आगामी समय (अप्वाइंटमैंट) लेने में चल रही धाँधली जैसे मुद्दों को रोकने के लिए एस.ओ.पी बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि आईलैटस टैस्ट करवाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्था आईडीपी ऐजूकेशन लिमटिड के साथ तालमेल करके एक नीति भी तैयार की जायेगी।
उप मुख्यमंत्री स. रंधावा ने कहा कि राज्य के नौजवान विदेश जा रहे हैं और पंजाब सरकार उनको एक सुचारू कानूनी ढांचा मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है जिसके द्वारा वह धोखे से पैसे ठगने वाले इमीग्रेशन सलाहकारों के शिकार होने से बच सकें और उनको विदेश जाने के लिए कोई ग़ैर-कानूनी रास्ता अपनाना न पड़े। उन्होंने कहा कि नौजवानों की ट्रैवल एजेंटों के हाथों हो रही लूट को रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।
राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि यह संस्था पंजाब सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग की निगरानी में टैक्निकल यूनिवर्सिटियों में आईलैटस ट्रेनिंग और टेस्टिंग केंद्र स्थापित करने में सहायता करेगी जिससे प्राईवेट आईलैटस केन्द्रों को नियमित किया जा सके।
इस मौके पर गृह विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा, रोज़गार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिव दलीप कुमार, तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण के प्रमुख सचिव राज कमल चौधरी, रोज़गार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग के डायरैक्टर एम.के. अरविन्द कुमार, उप मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव वरुण रूज़म, आई.जी क्राइम गौतम चीमा, सलाहकार डा. सन्दीप सिंह कोड़ा और अन्य भी उपस्थित थे।