अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर समाजसेविका एवं वरिष्ठ साहित्यकार नीलम त्रिखा को किया गया सम्मानित

उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला की फाउंडर एवं मंगलम चैरिटेबल ट्रस्ट की चेयरपर्सन नीलम त्रिखा साहित्य व समाजसेवा के क्षेत्र में कर रहीं कई उत्कृष्ट कार्य

PANCHKULA, 4 MARCH: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समाजसेविका एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती नीलम त्रिखा को उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए आज पंचकूला की एसडीएम डॉक्टर रिचा राठी, अग्रसेन चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन जगमोहन गर्ग, उड़ान महिला मंच की चेयरपर्सन डिंपल गर्ग व नारी स्वाभिमान मंच की अध्यक्ष सुनीता गर्ग ने सम्मानित किया। यह कार्यक्रम अग्रवाल भवन सेक्टर-16 पंचकूला में हुआ। इस कार्यक्रम में कई अन्य महिलाओं को भी उनके समाज के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यो के लिए सम्मानित किया गया।

श्रीमती नीलम त्रिखा जाने-माने साहित्यिक संगठन उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला की फाउंडर हैं। यह मंच निरंतर काव्य गोष्ठियों के माध्यम से सभी लोगों को जागरूक करता आया है। अपने मंच के जरिए श्रीमती नीलम त्रिखा ने उन सभी महिलाओं को मौका दिया है, जिनके लेखन में व अपने अंदर कुछ करने की चाहत थी। श्रीमती नीलम त्रिखा ने उनके जज्बे को निकालकर उनके हाथ में न केवल कलम दी, बल्कि 12 सांझा संकलन का संपादन करके उनकी रचनाओं को सांझा संकलन पुस्तक के माध्यम से भी सभी के सामने लेकर आईं। बच्चों के लिए भी निशुल्क रूप से सांझा संकलन वह लेकर आ रही हैं, जिसमें उन सभी चुनिंदा बच्चों को मौका दिया गया है, जिनमें समाज व अपने देश के लिए लिखने का हुनर है।

श्रीमती नीलम त्रिखा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई कवि सम्मेलन भी करवाए हैं और अभी भी नियमित रूप से कर रही हैं। रेडियो व टीवी पर निरंतर इनकी प्रस्तुति आती रहती है। इसके साथ-साथ हाल ही में कोरोना पर आई उनकी पुस्तक आशाएं लघु कथाएं, जिसमें कोरोनाकाल में हुई सत्य घटनाओं पर आधारित 77 लघु कथाएं हैं, समाज को बड़ी सीख दे रही है। मंगलम चैरिटेबल ट्रस्ट पंचकूला की चेयरपर्सन श्रीमती नीलम त्रिखा समाज, खास तौर पर बेटियों के लिए बहुत कुछ करती आ रही है। उनकी पुस्तक मेरी बेटी-मेरा अभिमान, जिसमें सभी कविताएं बेटियों के गौरवगान पर लिखी गई हैं, को पुरस्कार भी मिला है। अनेक सम्मानों से सम्मानित श्रीमती नीलम त्रिखा 2013 में लंदन वॉल्वरहैंपटन से साहित्य रत्न से भी सम्मानित हुई हैं। राष्ट्रीय स्तर का इंडिया आइडियल अवार्ड भी इन्हें मिला है और पिछले कई वर्षों से वूमैन डे पर सम्मानित होती आई हैं। अभी भी बहुत सारी योजनाएं इनके पास हैं, जिससे देश, समाज और महिलाओं के हित के लिए कार्य करने में जुटी हुई हैं।

श्रीमती नीलम त्रिखा की बेटी की पुस्तक बाल साहित्य केवल 14 वर्ष की आयु में आई है, जिसको आरके नारायण कृति पुरस्कार से नवाजा गया है। श्रीमती नीलम त्रिखा अपने लेखन व समाजसेवा के कार्यों का सारा श्रेय अपने पति रजनीश चंद्र त्रिखा व अपनी पुत्री दृष्टि त्रिखा को देती हैं, जो हर समय उनका साथ देते हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर मिलने वाले सम्मान उनको बहुत सारे कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि अगले हफ्ते ही उनकी पुस्तक हिंद के प्रहरी का विमोचन होने वाला है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष लगभग उनकी 4 पुस्तकें आती हैं, जिनमें 2 सांझा संकलन हैं। श्रीमती नीलम त्रिखा ने पांच अलग-अलग विषयों में एम.ए. ,पत्रकारिता और अनेक तरह के कोर्स किए हुए हैं और अब एलएलबी के आखिरी सेमेस्टर के पेपर दे रही हैं। श्रीमती नीलम त्रिखा कहती हैं कि मैं पढ़ना और लिखना अपनी आखिरी सांस तक कायम रखूंगी, यह मैं छोड़ ही नहीं सकती हूं और बहन-बेटियों को यही सीख देना चाहती हैं कि शिक्षा आपका सबसे बड़ा धन है। मौका सबको मिलना चाहिए, ताकि वह अपने आप को साबित कर सकें। गरीब और जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई के लिए भी वह कार्य कर रही हैं।

पंचकूला की एसडीएम डॉक्टर रिचा राठी, अग्रसेन चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन जगमोहन गर्ग, उड़ान महिला मंच की चेयरपर्सन डिंपल गर्ग व नारी स्वाभिमान मंच की अध्यक्ष सुनीता गर्ग ने श्रीमती नीलम त्रिखा को सम्मानित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की तथा उन्हें बधाई देते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि श्रीमती नीलम त्रिखा इसी जोश और जज्बे के साथ निरंतर इसी तरह समाज और देश हित में कार्य करती रहेंगी।

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