CHANDIGARH: किसान आंदोलन के दौरान बहुत से गाने सराहे गए थे और काफी गायकों ने अपना समर्थन आंदोलन को दिया , लेकिन जब यह बिल वापस हुए तो एक गाना हर किसान की ट्राली, ट्रक, कार से लेकर ट्रक तक बजा। ये गाना था दिल्ली जीत के पंजाब चले आ।
गायक रेशम सिंह अनमोल का यह गाना 13 घंटे के अंदर तैयार हुआ था इस गाने की कहानी खुद रेशम सिंह अनमोल ने मीडिया के साथ साझा की। रेशम सिंह अनमोल पूरे आंदोलन में टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर सक्रिय रहे लेकिन कभी उन्होंने स्टेज शेयर नहीं की।
क्योंकि उन्होंने अपने आप से वादा किया था कि जब तक बिल वापस नहीं होंगे वह मेन स्टेज पर नहीं जाएंगे और जब यह बिल वापस हुए तो सुबह तो उन्हें स्टेज से बुलावा आया।
इसी दौरान रास्ते में इस गाने के राइटर बिंदरबान ने फेसबुक पर मैसेज किया। तब उन्होंने गाने की पहली दो लाइने लिखी । इस दौरान रेशम सिंह अनमोल टिकरी बॉर्डर पर थे वहां पर उन्होंने ये 2 लाइन गाई। उसी दिन रात को वापस मोहाली स्टूडियो पहुंचे और 1:00 बजे यह गाना रिकॉर्ड किया।
सुबह होते-होते तक गाने के म्यूजिक और तमाम तैयारी मुकम्मल हो चुकी थी और अगले दिन यह गाना रिलीज किया गया। 13 से 15 तक जो फतेह मार्च चला उसमें हर ट्रैक्टर ट्राली में यह गाना बजता रहा।
खुद रेशम सिंह अनमोल भी जब सिंधु बॉर्डर से निकले तो रास्ते में लोगों ने रोक रोक कर उन पर फूलों की बारिश की और फोटो खिंचवाई। पिछले 10 साल से पंजाबी गायकी कर रहे रेशम सिंह अनमोल इससे पहले कंगना, सूरमा, नागिनी, गंडासा जैसे हिट गाने दे चुके हैं लेकिन यह गाना उनकी जिंदगी की असलियत के सबसे करीब है । अंबाला जिले के एक गांव के रहने वाले रेशम अनमोल की माने तो उन्हें खुद नहीं पता था कि यह गाना इतना हिट होगा और उनकी जिंदगी इस गाने से बदल जाएगी।