25 गजेटेड ऑफिसर सहित 135 सरकारी अधिकारियों पर हुई कार्रवाई, एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर कारगर साबित हुआ
CHANDIGARH 21, AUGUST: पंजाब में आम आदमी पार्टी(आप) की सरकार के सत्ता में आने के बाद से केवल पांच महीनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की लड़ाई को अभूतपूर्व सफलता मिली है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि विजिलेंस ब्यूरो ने 25 गज़टेड ऑफिसर समेत 135 सरकारी अधिकारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में ‘आप’ के कैबिनेट मंत्री सहित पिछली कांग्रेस सरकार के मंत्री, एक शीर्ष आईएएस अधिकारी, एक आईएफएस अधिकारी और 50 से अधिक पुलिस अधिकारी शामिल है।
भ्रष्टाचार के आरोप में मान सरकार ने खुद की सरकार के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को बर्खास्त किया और बाद में भ्रष्टाचार के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, 2008-बैच के आईएएस अधिकारी संजय पोपली को गिरफ्तार करने सहित कई बड़े नेताओं अधिकारियों पर शिकंजा कसा है। निदेशक पेंशन और भारतीय वन सेवा (ढ्ढस्नस्) अधिकारी विशाल चौहान पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा, दो सरकारी अधिकारियों को सस्पेंड किया गया।भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत जुलाई के महीने में ही पांच अलग-अलग मामलों में आठ सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आरोपियों में पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के दो कर्मचारी और लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के तीन कर्मचारी शामिल हैं। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 14 आपराधिक मामले दर्ज किए थे जिनमें 20 आरोपी भ्रष्टाचार में शामिल थे। इन आपराधिक मामलों में, चार पुलिस कर्मियों, दो राजस्व अधिकारियों और इंप्रूवमेंट ट्रस्ट लुधियाना के छह कर्मचारियों सहित इसके पूर्व अध्यक्ष रमन बाला सुब्रमण्यम पर विजिलेंस की जांच चल रही है। सुब्रमण्यम की पहचान एक शक्तिशाली अधिकारी के रूप में है, जिनकी देखरेख में यह घोटाला हुआ था।विजिलेंस ब्यूरो ने करीब 80 निजी व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया है। सात मामलों में, विभिन्न अदालतों द्वारा आठ सरकारी अधिकारी और एक निजी व्यक्ति को दोषी ठहराया गया है।वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर पर परिवहन टेंडर आवंटित करने के मामले में पूर्व खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ शुक्रवार को नया मामला दर्ज किया गया है और इस विभाग के केई अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा जारी किए गए एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर भ्रष्ट अधिकारियों का पर्दाफाश करने में बेहद कामयाब साबित हुआ है।
लोग इसका प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए आगे आ रहे हैं। इस साल 23 मार्च को नंबर जारी होने के बाद से अकेले हेल्पलाइन में शिकायतों के कारण 61 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 40 प्राथमिकी दर्ज की गईं। सरकार को दिए गए नंबर पर ऑडियो / वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ 4135 शिकायतें मिलीं है। आप सरकार की ‘भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस’ की नीति को दोहराते हुए सीएम भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने लोगों से भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन देने का वादा किया था। एंटी करप्शन एंटी करप्शन हेल्पलाइन पंजाब से भ्रष्टाचार खत्म करने में मील का पत्थर साबित हुआ है। सीएम ने कहा कि जनता का पैसा लूटने वाले सभी भ्रष्ट राजनेताओं और अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। जल्द ही उनके नाम सामने आएंगे।