सुख-समृद्धि और दीप माला का पर्व दीपावली इस साल 4 नवंबर को यानी आज मनाई जा रही है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हर साल दीवाली धूमधाम से मनाई जाती है। यह हिंदुओं का प्रमुख पर्व है। इस दिन अन्य धर्म के लोग भी मित्रों, सगे-संबंधियों से अपनी खुशी शेयर करते हैं। त्योहार के आगमन के कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरोें, दुकानोें या उन जगहों की सफाई करने लगते हैं, जहां उनका उठना-बैठना है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, मां लक्ष्मी के साथ-साथ इस दिन कुबेर की भी पूजा की जाती है। साथ ही श्री गणेश भगवान और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है, गणेश विघ्न हरण करने वाले हैं और माता सरस्वती ज्ञान की देवी हैं। ऐसी मान्यता है कि जो घर स्वच्छ और प्रकाशवान होता है, वहां मां लक्ष्मी अंश रूप में ठहर जाती हैं। चलिए जानते हैं कि माता लक्ष्मी की किस प्रकार से पूजा की जाती है और किन-किन बातों का ध्यान रखा जाता है-
पूजा शुरू करने से पहले उस पूरी जगह की साफ-सफाई ठीक से कर लें, जहां पूजा की जानी है और रंगोली बनाएं, ताकि पूजा स्थल सुंदर लगे। रंगोली में दीयोें की तस्वीर उकेरें। इसके बाद एक चौकी रखें, जिस पर मां लक्ष्मी और श्री गणेश जी को विराजमान करना है। चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद मां लक्ष्मी और श्री गणेश जी को विराजित करें। जल से भरा एक कलश भी रखें, जिसमें आम का पल्लव रख दें। पूजा स्थल पर जल, अबीर-गुलाल, फल, गुड़, हल्दी, मौली और चावल भी रख लें, क्योंकि इन सभी चीजोें की जरूरत पूजा के दौरान पड़ती है। सबसे पहले मां लक्ष्मी और श्री गणेश जी की मूर्ति को तिलक करें। इसके बाद देव-देवी को जल, अबीर, गुड़, हल्दी अर्पित करते हुए उनकी स्तुति करें। जिस तरह से मां लक्ष्मी की पूजा कर रहे हैं, उसी प्रकार से अन्य देवी-देवताओं की भी पूजा करें।
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त
शाम को 6 बजकर 9 मिनट से रात्रि 8 बजकर 20 मिनट तक
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें इस मंत्र का जाप
ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्रः ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
इस मंत्र के जाप से कुबेर देव होंगे प्रसन्न
ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।
इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी, ऋद्धि-सिद्धि के देवता गणपति, धन के देवता कुबेर के साथ महाकाली की पूजा का विधान है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए इन सभी देवी-देवताओं की रात्रि में साधना-आराधना की जाती है और उनके स्वागत में विशेष रूप से दीप जलाए जाते हैं। ज्योतिषविद् मदन गुप्ता सपाटू के अनुसार-
दीवाली और लक्ष्मी पूजा तिथि: गुरुवार 4 नवंबर 2021
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 18:10:28 से 20:06:18 तक।
अवधि: 1 घंटा 55 मिनट।
प्रदोष काल: 17:34:09 से 20:10:27 तक।
वृषभ काल: 18:10:28 से 20:06:18 तक।
दीवाली महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 23:38:52 से 24:30:58 तक।
महानिशीथ काल: 23:38:52 से 24:30:58 तक।
सिंह काल: 24:42:01 से 26:59:43 तक।
दीवाली शुभ चौघडिय़ा मुहूर्त
प्रात:काल मुहूर्त (शुभ): 06:34:58 से 07:57:21 तक।
प्रात:काल मुहूर्त (चल, लाभ, अमृत): 10:42:09 से 14:49:21 तक।
सायंकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल): 16:11:45 से 20:49:32 तक।
रात्रि मुहूर्त (लाभ): 24:04:55 से 25:42:37 तक।