CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के आश्वासन के बाद भी प्रशासन द्वारा शहर के पांच बूथ मार्केटों में दुकानें बंद करने के समय में बढ़ोतरी न किए जाने से इन बाजारों के दुकानदारों में निराशा व नाराजगी बढ़ गई है। इस मामले पर उद्योग व्यापार मंडल (UVM) चंडीगढ़ के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन के नेतृत्व में आज एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें UVM के पदाधिकारी नरेश कुमार जैन, अशोक कपिला, सुशील कुमार, विजय चौधरी के अलावा पटेल मार्केट सेक्टर-15 के प्रधान संजीव कुमार, पालिका मार्केट सेक्टर-19 के प्रधान नरेश जैन, सदर बाजार सेक्टर-19 के प्रधान नरेंद्र सिंह रिंकू, सेक्टर-41 कृष्णा मार्केट के प्रधान काका सिंह सहित बड़ी संख्या में दुकानदारों ने हिस्सा लिया।
बैठक के बाद उद्योग व्यापार मंडल (UVM) चंडीगढ़ के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन ने कल की कोविड वार रूम बैठक में चंडीगढ़ प्रशासन (Chandigarh Administration) के फैसले पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि इन छोटे व्यापारियों की भावनाओं को देखते हुए प्रशासन दुकानें बंद करने के समय में बढ़ोतरी करके कम से कम शाम 7 बजे तक का अवश्य कर देगा। इस बारे में चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने भी पिछले दिनों चंडीगढ़ के प्रशासक व उनके सलाहकार से बात करने के बाद दुकानदारों को आश्वासन दिया था कि दुकानों को बंद करने के समय में बढ़ोतरी की जाएगी। जैन ने कहा कि लगता है कि वार रूम की बैठक में इस मामले पर चर्चा नहीं की गई और गंभीरता से विचार नहीं किया गया तथा छोटे दुकानदारों के हितों को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने प्रशासन से एक बार फिर अनुरोध किया है कि इस मामले पर पुनर्विचार करके इन छोटे मार्केटों की दुकानों को बंद करने का समय कम से कम शाम 7 बजे तक किया जाए।
इस अवसर पर नरेश कुमार जैन ने कहा कि शाम 5 बजे दुकानें बंद करने से दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में भूखे मरने की नौबत आ जाएगी । उन्होंने कहा कि जब पूरे शहर के बाकी सभी मार्केट रात 10 बजे तक खुलते हैं तो केवल इन 5 मार्केटों को शाम 5 बजे बंद करने का कोई औचित्य नजर नहीं आता। उन्होंने सवाल किया कि क्या केवल इन 5 मार्केटों में ही कोरोना आता है, बाकी शहर में नहीं ? यहां तक कि रेहड़ी-फड़ी मार्केट भी रात 10 बजे तक खुले रहते हैं तो फिर केवल 5 बूथ मार्केटों के दुकानदारों के साथ अन्याय क्यों किया जा रहा है ? बैठक में सभी दुकानदारों ने प्रशासन से पुनः अनुरोध किया कि अपने फैसले पर पुनर्विचार करके छोटे दुकानदारों की रोजी- रोटी का भी ख्याल रखते हुए कम से कम शाम 7: बजे तक दुकान खोलने की इजाजत दी जाए।