राज्य के ग्रामीण क्षेत्रोंं में 11.4 प्रतिशत व शहरी क्षेत्रों में 19.8 प्रतिशत एंटीबॉडीज पाई गईं
CHANDIGARH: हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में करवाए गए दूसरे चरण के सीरो सर्वे में 14.8 फीसदी लोगों में एंटीबॉडीज पाई गई ।
उन्होंने कोरोना से वर्तमान मृत्यु दर 1.06 प्रतिशत को न्यनूतम स्तर तक ले जाने के लिए चिकित्सकों को और कड़ी मेहनत करने का आह्वïन किया है। इसके साथ ही कोरोना के पूरे इतिहास पर शोध करने के भी निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने आज यह जानकारी कोविड-19 की तीव्रता जांच के लिए करवाए गए दूसरे चरण के सेरो सर्वे की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए दी । इस दौरान विभाग द्वारा तैयार की गई ‘कोविड-19 सीरो सर्वे राऊंड-2’ नामक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। दूसरे चरण का सर्वे के लिए 19-20 अक्तूबर को राज्य के सभी जिलों के करीब 14477 लोगों के नमूने एकत्र किए।
इनमें करीब 14.8 फीसदी लोगों में एंटीबॉडीज तैयार होने की पुष्टि हुई है। इससे पहले अगस्त माह के दौरान पहला सर्वे करवाया गया था, जिसमें करीब 8 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडीज बनी थी, जोकि इस बार बढकऱ 14.8 प्रतिशत हुई है।
विज ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रोंं में 11.4 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्रों में 19.8 प्रतिशत एंटीबॉडीज पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि शहरी सीरो सर्वे की रिपोर्ट में फरीदाबाद में 40.2 प्रतिशत, यमुनानगर में 37.1 प्रतिशत तथा पानीपत में 36.3 प्रतिशत रहा है।
इसी प्रकार अधिकतम सीरो-पॉजिटिव जिलों में फरीदाबाद 31.2 प्रतिशत, यमुनानगर में 28.6 प्रतिशत तथा जीन्द में 26.6 प्रतिशत एंटीबॉडीज पाई गई है। इसके साथ ही 10 प्रतिशत से नीचे सीरो पॉजिटिविटी पाए गए जिलों में हिसार 9.7 प्रतिशत, महेन्द्रगढ़ 8.6 प्रतिशत, चरखीदादरी 7.7 प्रतिशत, सिरसा 7.5 प्रतिशत, पलवल 5.5 प्रतिशत और भिवानी में 3.1 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के चिकित्सकों ने कोरोना को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके फलस्वरूप प्रदेश में रिकवरी दर 91.46 प्रतिशत है तथा मृत्यु दर 1.06 प्रतिशत रही है। उन्होंने विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना की लड़ाई में योगदान देने वाले चिकित्सकों को गत दिनों सम्मानित किया गया है, जिन्होंने बिना दवाई के भी इसमें अभूतपूर्व कार्य किया है।
विज ने पीजीआई रोहतक में पोस्ट कोविड मरीजों के लिए टीम का गठन करने को कहा ताकि कोरोना ठीक होने बाद लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानियों से निजात दिलवाई जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना वायरस पर सघन स्टडी भी करें ताकि भावी पीढिय़ां इससे लाभ उठा सकें।
इसमें विभिन्न मौसम व समय के दौरान कोरोना के प्रभाव पर जानकारी भी जुटाने को कहा है, जिनमें आईसोलेशन सैंटर, आईसीयू, कोविड केयर सैंटर तथा वेंटिलेटर, मास्क इत्यादि की जरूरतों तथा परिस्थिति बारे में भी अध्ययन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने सर्वेक्षण के उद्देश्य को साझा करते हुए कहा कि यह सीरो सर्वे हरियाणा में कोविड-19 की रोकथाम के प्रभावी उपाय करने के लिए किया गया । उन्होंने कहा कि सीरो सर्वे में व्यक्तियों के समूह का परीक्षण किया जाता है जिससे उनमें बीमारी के एंटीबॉडिज विकसित होने की जानकारी प्राप्त होती है।
रिपोर्ट में ग्रामीण जनसंख्या से ज्यादा शहरी जनसंख्या प्रभावित हुई है। सरकार द्वारा सक्रंमण को रोकने के लिए किए गए उपाय जैसे लोकडाउन, कारगर टैस्ट रणनीति, रोकथाम और सर्वेक्षण के उपाय जैसे कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सपंर्कों की पहचान प्रभावशाली रही हैं। इसके लिए नागरिकों द्वारा सामाजिक दूरी बनाए रखना, हाथों की स्वच्छता और खांसी का शिष्टाचार जैसे दिशा-निर्देेशों का पालन किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम ने कहा कि इस सीरो सर्वे में रोहतक पीजीआई एवं मेडिकल कॉलेजों का भी पूरा सहयोग रहा है तथा इस पर अध्ययन करने के लिए एक टीम का गठन किया गया है। शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट आएगी।
स्वास्थ्य विभाग में निर्देशक डॉ. उषा गुप्ता ने पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की । उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 22 जिलों में सर्वे टीमों का गठन किया गया था, हर जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से कुल 720 सैंपल लिए गए थे। हर जिले से कुल 16 क्लसटर बनाए गए। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की महानिदेशक अमनीत पी कुमार, आयुष विभाग के निदेशक अतुल द्विवेदी, स्वास्थ्य विभाग महानिदेशक डॉ. एस.बी. कम्बोज, निदेशक श्री वी के बंसल सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।