CHANDIGARH: हरियाणा राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन कृष्ण कुमार ने कहा कि प्रदेश में सफाई कर्मचारियों की सीवरेज में काम के दौरान होने वाली मृत्यु के मामलों को देखते हुए आयोग ने सेंसर आधारित दो पायलट प्रोजेक्ट रेवाड़ी और गुरुग्राम में शुरू किए गए हैं। इन दो परियोजनाओं की सफलता को देखते हुए अब प्रदेश के दूसरे जिलों में भी चरणबद्ध तरीके से यह प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।
वे आज पलवल में सफाई कर्मचारियों की एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सीवरेज में सैंसर लगाए गए हैं। सैंसर द्वारा फोन पर सोफ्टवेयर के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि सीवरेज कब ओवरफ्लो होने वाला है और सीवरेज की सफाई के दौरान कोई खतरा तो नहीं है। उन्होंने कहा कि आज तकनीकी का समय है और इसका समुचित उपयोग करके न केवल सीवर की सफाई के दौरान होने वाले हादसों में अंकुश लगाया जा सकता है बल्कि सीवरेज की बेहतर साफ-सफाई भी सुनिश्चित की जा सकती है।
चेयरमैन ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सफाई कर्मचारियों के उत्थान के लिए हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया है। सफाई कर्मचारी आयोग द्वारा वैबसाइट बनाई गई है। इसके अलावा एक ऐप भी तैयार की गई है, जिस पर सफाई कर्मचारी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। प्रदेश के सफाई कर्मचारी अपनी शिकायत या सुझाव इस मोबाइल ऐप पर डालकर तुरंत कार्यवाही करवा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि हाल ही में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत सफाई कर्मचारियों के वेतन में बढोत्तरी की गई है और कर्मचारियों का वेतन सीधे बैंक के माध्यम से उनके खातों में जमा करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई गई है तथा प्रदेश में सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर समीक्षा की भी जा रही है।