CHANDIGARH: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से आज पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विंग के सीनियर इंटेलिजेंस सहायक, जो मौजूदा समय सी.आई.डी. यूनिट, लुधियाना में तैनात है, को एक केस में विजीलैंस जांच रुकवाने के नाम के तहत तीन लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है।
यह सम्बन्धी जानकारी देते हुये डीजीपी -कम -चीफ डायरैक्टर विजीलैंस ब्यूरो श्री बी.के. उप्पल ने बताया कि विजीलैंस टीम ने इंटेलिजेंस विंग, जालंधर में तैनात सीनियर इंटेलिजेंस सहायक सतपाल (नंबर 2736/इंटेलिजेंस) को, जे.एस.के. लौजिस्टिकस नामक फर्म के भाईवालों से उनके खिलाफ चलती विजीलैंस जांच रुकवाने का बहाना लगा कर तीन लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है।
इस केस के विवरण देते हुये उन्होंने आगे बताया कि तीन हिस्सेदार जालंधर में जे.एस.के. लौजिस्टिकस कंपनी चला रहे हैं। विजीलैंस की टीम ने किसी मामले में फर्म के हिस्सेदार कैलाश चंद शर्मा को गिरफ्तार करने के लिए जे.एस.के. लौजिस्टिकस में छापा मारा था। इस मामले में, सीनियर इंटेलिजेंस सहायक सतपाल ने बहुत चालाकी से विजीलैंस का अधिकारी होने और विजीलैंस ब्यूरो के सीनियर अधिकारियों के साथ सम्बन्ध होने का दिखावा किया और विजीलैंज जांच रुकवाने और इस मामले में सहायता करने के लिए जे.एस.के. लौजिस्टिकस के दूसरे हिस्सेदार सन्दीप शर्मा से 3,00,000 रुपए की माँग की।
उन्होंने आगे बताया कि विजीलैंस ब्यूरो की जांच से डरते जे.एस.के. लौजिस्टिकस के हिस्सेदार ने ट्रांसपोर्ट नगर, जालंधर के गेट पर अपने पास काम करते कर्मचारी राजेंद्र लुथरा की मौजुदगी में सीनियर इंटेलिजेंस सहायक सतपाल को 3,00,000 की रिश्वत दी। उन्होंने आगे कहा कि दोषी सीनियर इंटेलिजेंस सहायक को इस जांच के बारे जानकारी थी कि ब्यूरो ने इस मामले की आगे जांच-पड़ताल करनी थी। इसका लाभ उठाते हुये सतपाल ने गवाह राजेंद्र लुथरा की मौजुदगी में 3,00,000 रुपए की रिश्वत के लिए। इस तरह, सीनियर इंटेलिजेंस सहायक सतपाल ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया और विजीलैंस ब्यूरो का अधिकारी होने का झूठा दिखावा किया, जो जांच में साबित हो गया है।
उन्होंने बताया कि दोषी इंटेलिजेंस सहायत के खिलाफ विजीलैंस ब्यूरो के पुलिस थाना, जालंधर में भ्रष्टाचार रोकथाम एक्ट और आइपीसी की धारा 419 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है और आगे जांच जारी है।