पंजाब के मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को सभी एहतियात बरतने के लिए कहा, सोमवार से सरकारी स्कूल खोलने की भी परमीशन दी
CHANDIGARH: राज्य में कोविड मामलों की घटती संख्या को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को आम ओ.पी.डी. सेवाएं और चुनिन्दा सर्जरियां व्यापक एहतियातों के साथ बहाल करने के आदेश दिए हैं, परन्तु इसके साथ ही उन्होंने महामारी की दूसरी लहर की संभावना को देखते हुए लापरवाह न होने संबंधी सावधान भी किया।
मुख्यमंत्री ने 19 अक्टूबर (सोमवार) से सरकारी स्कूल भी खोलने की आज्ञा दी, परन्तु इसके साथ ही स्कूलों की पूरी साफ़-सफ़ाई और विषाणु-मुक्त करने की प्रक्रिया, अभिभावकों की सहमति समेत सभी निर्धारित संचालन विधियों की पालना यकीनी बनाई जाए, जिसमें विद्यार्थियों की संख्या और स्कूल खुलने के घंटे भी निर्धारित किए जाएं। राज्य में कुछ निजी स्कूल आज खुल गए हैं।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा राज्य में त्योहारों के सीज़न या सर्दी के महीनों के दौरान महामारी की दूसरी लहर की मार पड़ने की संभावनाओं संबंधी चेतावनी पर गहरी चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए कि आगामी त्योहारों के सीज़न को देखते हुए स्थितियां नियंत्रण में रखना यकीनी बनाने के लिए सभी कदम उठाए जाएं।
उन्होंने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को मार्केट कमेटियों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर मास्क बाँटने, लोगों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के नियमों की पालना करना यकीनी बनाएं।
मुख्यमंत्री जो कोविड की स्थिति की समीक्षा करने के लिए वर्चुअल मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे, ने विभागों को कहा कि मैडीकल स्टाफ को प्रेरित करना यकीनी बनाया जाए और टैक्नीशियनों आदि के खाली पड़े पद तुरंत भर लिए जाएँ जिससे महामारी की स्थिति के दौरान आम ओ.पी.डी. सेवाएं और चुनिन्दा सरजरियां सुचारू तरीके से की जा सकें।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अनुसंधान विभाग के सचिवों ने मुख्यमंत्री को ओ.पी.डीज़, वार्ड, ऑपरेशन थिएटर में एहतियात को यकीनी बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे और निर्धारित संचालन विधि और संक्रमण को रोकने के लिए रोकथाम और नियंत्रण के दिशा-निर्देशों के अनुसार काम किया जाएगा।
डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने मीटिंग में बताया कि पंजाब पुलिस द्वारा त्योहारों के सीजन के दौरान प्रबंधन करने के लिए पूरी तैयारी की गई है, जिसमें सुरक्षा प्रबंध मज़बूत करने और बाज़ारों, राम-लीला वाले स्थानों पर कोविड नियमों की सख़्ती से पालना करना यकीनी बनाया जाएगा।
डी.जी.पी. ने कहा कि पुलिस फि़लहाल किसानों के बढ़ते रोष प्रदर्शनों से भाजपा और आर.एस.एस. नेताओं के घेराव पर ध्यान केंद्रित कर रही है। डी.जी.पी. के अनुसार सितबंर महीने के दौरान कोविड के कारण 22 पुलिस मुलाजि़मों ने अपनी जान गवाँई है, जिसके साथ मृतक पुलिस मुलाजि़मों की कुल संख्या 39 हो गई।
इस समय तक कुल 434 पुलिस कर्मी पाजि़टिव पाए गए हैं और सितम्बर महीने के दौरान 72 केस प्रतिदिन आए थे जो संख्या अब 10 पर आ गई। राज्य के स्वास्थ्य संबंधी माहिरों की सलाहकार कमेटी के प्रमुख डॉ. के.के. तलवाड़ ने कहा कि चाहे पाजि़टिव होने की दर कम होकर 2.60 प्रतिशत हो जाना अच्छा संकेत है, परन्तु इसके साथ ही उन्होंने त्योहारों के सीजन के दौरान पंजाब में दूसरी लहर आने संबंधी भी सावधान किया है।
उन्होंने कहा कि इस समय पर एक दिन में सिफऱ् 500 से अधिक केस हैं और अगले कुछ दिनों की संभावनाएं भी सकारात्मक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों और स्वास्थ्य प्रणाली में चुनौतियों के साथ पंजाब जल्द ही दूसरी लहर देख सकता है।
दुनिया के अलग-अलग मुल्कों और यहाँ तक कि दिल्ली में दूसरी लहर की घटनाओं का हवाला देते हुए डॉ. तलवाड़ ने कहा कि पंजाब को उनके तजुर्बों से सबक लेते हुए उसी के मुताबिक तैयारियाँ करनी चाहीए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की कोविड विशेषज्ञ कमेटी के मैंबर डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि चाहे नवंबर महीने में स्थिति स्थायी तौर पर काबू में रहे, परन्तु सर्द ॠतु की शुरुआत में मामलों में वृद्धि हो सकती है। डॉ. तलवाड़ ने सुझाव दिया कि आशावर्करों को ऑक्सीमीटर मुहैया करवाए जाएँ, जिससे वह अपने-अपने इलाकों में जांच कर सकें।
उन्होंने आगे बताया कि हरेक अस्पताल में मृत्यु-दर का ऑडिट करने के लिए माहिरों की टीमों का गठन किया जा रहा है, जिससे अंतर की पहचान की जा सके क्योंकि राज्य में मृत्यु-दर अभी भी अधिक चल रही है, जो कि 3.1 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य के बावजूद कि एक अक्तूबर को रिकवरी दर 82 प्रतिशत थी जो 13 अक्तूबर को 90.3 फीसदी तक पहुँच गई है, जब राज्य में पुष्टि किए गए मामलों की कुल संख्या 1,23,211 थी। स्वा
स्थ्य सचिव हुसन लाल ने कहा कि मामलों की मृत्यु-दर अभी भी अधिक है जो राष्ट्रीय औसत 81 के विरुद्ध 131 है। उन्होंने मीटिंग के दौरान बताया कि आने वाले हफ़्तों और महीनों में ऑक्सीजन की सप्लाई की उचित उपलब्धता को यकीनी बनाने के लिए पहले पड़ाव के लिए सप्लाई बढ़ाने के लिए टैंडरिंग प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने मैडीकल ऑक्सीजन की दरें तय की थीं, जिसमें ऑक्सीजन सिलंडरों की यातायात भी शामिल है, हालाँकि अभी लिक्विड ऑक्सीजन की यातायात की दरें तय नहीं की गई।
पहले पड़ाव में जालंधर, लुधियाना के जि़ला अस्पतालों और पटियाला, अमृतसर और फरीदकोट के मैडीकल कॉलेजों में ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिससे दूसरे पड़ाव में मानसा, संगरूर, बठिंडा और पटियाला के जि़ला अस्पतालों और तीसरे पड़ाव में रोपड़, फिऱोज़पुर, गुरदासपुर के जि़ला अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे।
हुसन लाल ने कहा कि जहाँ तक पोस्ट-कोविड किटों का सम्बन्ध है, सरकारी अस्पतालों से सेहतयाब हो चुके सभी मरीज़ों को बाँटे जाने के लिए अब तक अलग-अलग जि़लों को 10,000 किटें भेजी जा चुकी हैं। चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव डॉ. डी.के. तिवाड़ी ने मीटिंग में सरकारी अस्पतालों और प्लाज़्मा सेंटरों की स्थिति संबंधी संक्षेप में जानकारी दी।