शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने कहा-विद्यार्थियों की सुरक्षा हमारी मुख्य प्राथमिकता, कक्षाओं में निजी रूप से हाजिरी जरूरी नहीं
CHANDIGARH: पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने बताया कि पंजाब सरकार ने 19 अक्टूबर से 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए कंटेनमैंट ज़ोन से बाहर स्कूल खोलने का फ़ैसला किया है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि गृह विभाग द्वारा कंटेनमैंट ज़ोन से बाहर के क्षेत्रों में स्कूल फिर खोलने सम्बन्धी गृह विभाग से दिशा-निर्देश जारी होने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने भी विद्यार्थियों की सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजजऱ् (एस.ओ.पीज़.) जारी किया है।
उन्होंने कहा कि स्कूल खोलने के मौके पर कोविड-19 महामारी सम्बन्धी सावधानियां सही तरीके से लागू करवाने के लिए जि़ला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल अथॉरिटी को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल फिर खोलने के बाद विद्यार्थियों की सुरक्षा को यकीनी बनाना उनकी सरकार की मुख्य प्राथमिकता होगी और स्कूलों में एस.ओ.पीज़. लागू करवाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की विशेष टीमें गठित की जाएंगी।
उन्होंने आगे कहा कि चाहे स्कूलों को फिर खोला जा रहा है परन्तु ऑनलाइन शिक्षा ही अध्यापन की प्राथमिक विधि रहेगी और सभी विद्यार्थियों की हाजिऱी लाजि़मी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अध्यापक पहले ही ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं और अगर कुछ विद्यार्थी निजी तौर पर उपस्थित होने की जगह ऑनलाइन कक्षाएं लगाने को ही प्राथमिकता देते हैं तो वह ऐसा कर सकेंगे। विद्यार्थी अपने माँ-बाप की लिखित सहमति के बाद ही स्कूलों में जाकर कक्षाएं लगा सकेंगे।
सिंगला ने बताया कि अभिभावकों को यह बात सुनिश्चित बनानी होगी कि उनका बच्चा मास्क पहन कर ही स्कूल जाए और वह अन्य के साथ मास्क की अदला-बदली न करे। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को सार्वजनिक स्थानों पर कम से कम बातचीत के साथ-साथ पुरी बाज़ूओं वाले कपड़े पहनने के लिए भी प्रोत्साहित करें।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए दिन में स्कूल तीन घंटे के लिए खुलेंगे और सिफऱ् नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को ही स्कूल में बुलाया जाएगा। अन्य किसी भी कक्षा के विद्यार्थी को स्कूल नहीं बुलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या ज़्यादा है और सामाजिक दूरी का मापदंड बरकरार नहीं रखा जा सकता तो उस मामले में स्कूल प्रमुख/मैनेजमेंट अपने स्तर पर दो शिफ्टों में कक्षाएं लेने या वैकल्पिक दिनों में विद्यार्थियों को बुलाने संबंधी अपने स्तर पर फ़ैसला ले सकते हैं।
सिंगला ने कहा कि कंटेनमैंट ज़ोन से सम्बन्धित विद्यार्थियों और स्टाफ को स्कूलों और अन्य शिक्षा संस्थाओं में आने की कोई ज़रूरत नहीं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सिफ़ारशों के मुताबिक बुज़ुर्ग, गर्भवती और अन्य मुलाजि़मों, जिनको मैडीकल हालत के कारण अतिरिक्त एहतियात रखने की ज़रूरत है, को सलाह है कि वह विद्यार्थियों से सीधे संपर्क की ज़रूरत वाले काम को प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अधिकारी यह बात भी यकीनी बनाएं कि स्कूलों में पैरों से चलने वाली हाथ धोने वाली मशीनें और संपर्क रहित थर्मोमीटर, साबुन वग़ैरा उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्कूली बसों और वैनों को चलाने से पहले उनकी सैनेटाईज़ेशन और इनमें विद्यार्थियों के बीच सामाजिक दूरी यकीनी बनाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षाओं में विद्यार्थियों की सीटों के बीच 6 फुट की दूरी पर निशान बनाए जाएँ और इसी तरह स्टाफ रूम, दफ़्तर, होस्टलों और अन्य स्थानों पर भी सामाजिक दूरी बरकरार रखी जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट विद्यार्थियों को सामाजिक दूरी बरकरार रखने की याद दिलाने वाले पोस्टर/संदेश /स्टिक्कर और संकेत लगाने यकीनी बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में ऐसी कोई गतिविधियां न करवाई जाएँ, जिनमें सामाजिक दूरी की पालना नहीं अपनाई जा सकती। स्कूलों में प्रार्थना सभा भी कक्षाओं या खुले स्थानों या जहाँ जगह उपलब्ध है और हॉल में ही अध्यापकों की हाजिऱी में करवाई जाएँ।