CHANDIGARH, 27 APRIL: हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने आज बताया कि स्कूल के शिक्षकों को अब किसी भी गैर शिक्षण कार्य में नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों, शिक्षकों और एसोसिएशन से चर्चा की जा रही है।
स्कूल शिक्षा मंत्री आज चंडीगढ़ में सरकारी स्कूल शिक्षकों के 4 विभिन्न संघों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मंत्री ने कहा कि विभाग स्कूल में सफाई के उद्देश्य से एचकेआरएन के माध्यम से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को नियुक्त करने पर विचार कर रहा है। ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति 100 से अधिक विद्यार्थियों वाले विद्यालयों में ही की जायेगी। उन्होंने कहा कि पीजीटी शिक्षकों को लेक्चरर के रूप में फिर से नामित किया जाएगा। इससे पीजीटी शिक्षकों के लंबे समय से चल रही मांग पूरी हो जाएगी।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आवश्यकता के अनुसार सरकारी स्कूलों में उप-प्रधानाचार्यों की नियुक्ति पर विचार कर रही है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को एलटीसी बजट, एसीपी मामलों और छात्रों को लाभ देने वाली छात्र कल्याण योजनाओं के लिए शीघ्र बजट जारी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना के तहत राज्य में 286 पीएम-श्री स्कूल खोले जाएंगे। इसके प्रथम चरण में 124 स्कूल खोले जाएंगे।
मंत्री ने पीटीआई, डीपीई एवं व्यावसायिक शिक्षकों की विभिन्न शिकायतों के संबंध में आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी। संघों के वास्तविक सुझावों और सरकार द्वारा अनुमोदित मानदंडों को ध्यान में रखते हुए, राशनलाइजेशन के डेटा को प्रकाशित करते समय आईटी सेल को उचित सावधानी बरतने का निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 2025 तक लागू करने का निर्णय लिया गया है जबकि केंद्र सरकार ने इसे 2030 तक पुरे देश में लागू करने का लक्ष्य रखा है। बैठक में निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. अंशज सिंह और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अशोक कुमार गर्ग सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।