हास्य व्यंग्य: 14 फरवरी को राष्ट्रीय प्रेम दिवस घोषित हो

वसंत और वेलेंटाइन दोनों का अंग्रेजी में विक्टरी साइन वी है, जो अक्सर नेता चुनाव परिणाम आने से पहले ही दिखाने लगते हैं। इन दोनों का चोली-दामन का साथ है। कभी वेलेंटाइन-डे आगे तो कभी वसंत पहले। कई बार इतना तामझाम, शोरगुल, हो-हुल्लड़, बाजार में रौनक हमारे किसी राष्ट्रीय उत्सव पर नहीं दिखाई देती, जितनी […]

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आज की कविताः खामोशी, खामोश हो जाएगी…

जिद तुम्हारी टूट जाएगीजब याद हमारीकेवल याद बन जाएगी। तुम चुपके सेमेरी खामोशी पढ़नाखामोशी जबखामोश हो जाएगी। मजा हैबदल जाने मेंबदला लेने में नहींबदल गए हम तोफितरत बदल जाएगी। खोने का अहसास है क्यापूछो मेरे दिल से जराकहना बहुत चाहा मगरचुप रहे हम सदा। नए रिश्ते जुड़ते हैंपुराने टूटने के बाददिल बहुत रोता हैदर्द फूटने

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एनए कल्चरल सोसाइटी ने साहित्यकार प्रेम विज को सम्मानित किया

CHANDIGARH: एनए कल्चरल सोसाइटी चंडीगढ़ ने एक सम्मान समारोह आयोजित कर शहर के साहित्यकार व समाजसेवियों को सम्मानित किया। यह समारोह सेक्टर-37 में आयोजित किया गया। इसमें संस्था की अध्यक्ष पायल और शैली तनेजा ने सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज को सम्मानित किया। इस मौके पर सम्मानित सदस्यों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

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आज की कविताः कहानी किसान की

रात के पिछले पहर मेंहल की हत्थीहाथ में पकड़ करखेतों की पगडंडी परकदम बढ़ाता चला जा रहा हैबादल जिसके मीत हैंखेत जीत के गीत हैंखुद भूखा रहकर वोजहां का पेट भरता हैवर्षा, धूप, आंधी, सर्दीकोहरा भरी कड़कती ठंडी रात मेंदुनिया को सुख पहुंचाने कोमेहनत से नहीं डरता हैउसका नाम किसान है। जिसका नाम किसान हैआज

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ऑनलाइन ‘संगीत और कविता’ कार्यक्रम में जुटे ट्राइसिटी के कवि, अपनी रचनाओं से बांधा समां

CHANDIGARH: Srijan-an institute of performing arts चंडीगढ़ की तरफ से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि व Srijan के संस्थापक डा. डीएस गुप्त की नौवीं पुण्यतिथि पर ऑनलाइन संगीत और कविता का कार्यक्रम करवाया गया, जिसमें चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के कवियों ने शिरकत की । संस्था के अध्यक्ष सोमेश और जनरल सैक्रेटरी श्रीमती अमरज्योति शर्मा ने मुख्यातिथि श्रीमती

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नेता जी की जब से कुर्सी छूटी, तब से नींद भी है उनसे रूठी…

कवियों ने कविताओं से चलाए व्यंग्य बाण CHANDIGARH: संवाद साहित्य मंच के तत्वावधान में एक हास्य व्यंग्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें पंद्रह कवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जालंधर के वरिष्ठ साहित्यकार एवं व्यंग्यकार सुरेश सेठ थे। उन्होंने कहा कि हास्य जहां हमें गुदगुदाता है, वहीं हमें सोचने के लिए

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भारत मेरी रगो में: अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में शरीक हुए देश-विदेश के जाने-माने कवि

CHANDIGARH: मेदान इंडोनेशिया में भारत के प्रधान कौंसलावास और इंडियन ऐक्सपैट्रिएट एसोसिएशन, मेदान इंडोनेशिया (आई.ई.ए.एम) द्वारा गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन “भारत मेरी रगो में” का आयोजन किया गया। मेदान, इंडोनेशिया में भारत के कौंसल जनरल रघु गुरुराज ने अपने उद्घाटन भाषण के साथ अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन “भारत मेरी रगों में” का

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आज की कविताः झंडा ऊंचा रहे हमारा…

झंडा ऊंचा रहे हमाराअमर रहे गणतंत्र हमाराछब्बीस जनवरी आई हैयही संदेशा लाई है। झंडा वंदन किया सभी नेजन-गण-मन मिल गाया हैरंग-बिरंगे गुब्बारों नेसबका मन हर्षाया है। भांति-भांति की छटा झांकियोंकी हर मन को भायी हैछब्बीस जनवरी आई हैबंटती आज मिठाई है। झंडा फहरा रहा भवनों परहर घर पर मैदानों मेंइसकी छटा निराली देखोजोश भरे जवानों

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विचार-मंथनः शक्ति के साथ शांति का संदेश देता भारत

अहिंसा के मंत्र से दुनिया को अवगत कराने वाला भारत आज एक बार फिर विश्व के मानचित्र पर मजबूती के साथ उभर रहा है। बिना हथियार उठाए आजादी हासिल करने वाला गांधी का यह देश आज आत्मनिर्भर भारत के मंत्र के सहारे हथियारों का निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है। वो भारत जो कल तक दुनिया

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हास्य व्यंग्यः मेरी मोटर साइकिल और गणतंत्र दिवस

सुबह-सुबह हवा बहुत अच्छी थी। बाहर निकले तो देखा, हमारी मोटर साइकिल हवा हो चुकी थी। हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई और अपनी भी हवा,  हवाई हो गई। रिपोर्ट लिखाने भागे-भागे पहुंचे  थाने। मुंशी जी व्यस्त थेे, कंप्यूटर में व्यस्त थे । हम चोरी से त्रस्त थे । बुरे ग्रहों से ग्रस्त थे। हौसले

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कवियों ने कविताओं से भारत की आजादी और महानता का किया यशोगान

CHANDIGARH: गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में साहित्य व कला परिषद ने `हमारा प्यारा भारत’ विषय पर विशेष काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध शिक्षाविद रविंद्र तलवार थे, जबकि अध्यक्षता वरिष्ठ कवि प्रो. मोहन सपरा ने की। कार्यक्रम के आरंभ में अध्यक्ष प्रेम विज और महासचिव विनोद शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया और

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कमलम में नेताजी की याद में सजी कवियों की महफिल, भाजपा ने मनाया पराक्रम दिवस

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के सेक्टर- 33 स्थित कार्यालय`कमलम’ में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 125वें जन्म दिवस एवं गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में भाजपा के कला एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ ने कवि सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अरुण सूद,  हिमाचल के सह प्रभारी एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन, उपाध्यक्ष प्रेम कौशिक, संगठन

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व्यंग्य: मैं आम आदमी हूं…

मैं आम आदमी हूं। कभी किसी की टोपी पर चिपका नजर आता हूं तो कभी आरके लक्ष्मण के कार्टूनों में दिखता हूं। या फिर ‘वाग्ले की दुनियाÓ का हिस्सा बन जाता हूं। कभी-कभी मुसद्दी लाल की तरह आफिस-आफिस भटकता हूं। मुझे ही मुद्दा बनाकर लोग लोकसभा पहुंचते हैं। मजबूत कुर्सियों पर परलोक सभा जाने तक

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आज की कविताः मैं समझ नहीं पाई…

प्रसव पीड़ा को सहती हुईउसकी चीखपहुंच गई वहांजहां निवास करती हैसृष्टि।निढाल होपरास्त सा महसूसकरती हैजब पता चलता हैकिपैदा हुई है बेटी।क्योंकिबेटी के आने सेन होता है कोईखुशन मिलती है बधाईपड़ी रहती हैअकेलीछा जाता हैसन्नाटा चारों ओरहो जाते हैं सब खामोश।न कोई पूछता हैन बूझता हैन पास आता हैन हाल पूछता हैबस मिलती हैसबसे जुदाई।बेटा होतातो

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विचार-मंथनः मजहबी स्वतंत्रता के नाम पर आर्थिक युद्ध !

धर्म अथवा पंथ जब तक मानव के व्यक्तिगत जीवन का हिस्सा बनने तक सीमित रहे, वो उसकी आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बनकर उसमें एक सकारात्मक शक्ति का संचार करता है। जब वो मानव के व्यक्तिगत जीवन के दायरे से बाहर निकल कर समाज के सामूहिक आचरण का माध्यम बन जाता है तो वो समाज में

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हास्य व्यंग्य: कोरोना कन्फ्यूज, बंदा महफूज

लो जी, वैक्सीन आ गई। कोरोना ने भी साथ-साथ पल्टी मार ली। अभी वैज्ञानिक सोच ही रहे थे कि कोविड के कितने कजन ब्रदर हैं…? 6 हैें या ज्यादा हैं ? तभी इसके साढ़़ू मिस्टर स्ट्रेन बिन बुलाए टपक पड़े। कोरोना कन्फ्यूज है कि चीन में ही रहूं या ब्रिटेन का चक्कर लगा आऊं ? बाइडेन के देश जाऊं या ब्राजील हो आऊं। भारत में जनता बड़ी स्ट्रांग है। ठंड में लाखों की

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आज की कविताः पेड़ होना परम्परा है…

जैसे पेड़ का जुडऩा जरूरी है धरती सेलहरों का जुडना जरूरी है नदी सेऔर धूप का जुडऩा जरूरी है सूरज सेवैसे ही आदमी का जुडना जरूरी है परम्परा सेपेड़, लहरें और धूपधरती की शाश्वत परम्परायेंही तो हैं दरअसल पिताजैसे नींव है आदमी कीवैसे ही परम्परा नींव हैपिता की जैसे धरती का अस्तित्व सूरज सेवैसे ही

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हास्य व्यंग्य: 2021 की पहली सुबह

बड़ी सुहानी सुबह थी।  मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के विपरीत आसमान साफ था। हम  हर रोज की तरह टी-शर्ट में लेक की तरफ मार्निंग वॉक के लिए निकल पड़े। ट्रैफिक सिग्नलों पर हरी, लाल बत्तियों के बजाय ऑरेंज लाइटें ही जल रही थीं। लोग बड़े अनुशासन से गाड़ियां चला रहे थे। ट्रैफिक पुलिस नहीं

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आज की कविताः यथार्थ

किताबों में लिखा हैमन की सुनोमन की कहोमन की करो। की थी एक बारमैंने भी मन की,मन की लिखी थीतो शब्द रूठ गए,थोड़ा सा सच बोलातो अपने भूल गएज़रा सी आवाज़ उठाईंतो रिश्ते टूट गए। मौन रही जब तकसबने कमज़ोर माना,निशब्द रही तोगूंगी जाना। पर अब नहीं,अब नहीं जी सकतीदोहरी ज़िंदगी,नहीं लगा सकती नकाब,नहीं करना

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विद्याधाम ने नववर्ष नव चेतना दिवस के रूप में मनाया

CHANDIGARH: नववर्ष के उपलक्ष्य में विद्याधाम यू.एस.ए (हूस्टन) की ओर से नए वर्ष पर नव वर्ष नव चेतना दिवस गांधी स्मारक भवन सैक्टर-16 में मनाया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, काव्य गोष्ठी व सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विद्याधाम की चेयरपर्सन और अध्यक्ष डा.सरिता मेहता थीं और अध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ

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