आज की कविता: मैं नहीं जानती…

मैं यह तो नहीं जानती,सच कहते किसे हैं ?जो मेरा सच है,वो तेरा झूठ बना है। मैं यह भी नहीं जानती,मासूमियत है क्या ?बस बेझिझक कह दूं,तो शातिर नहीं होती। मैं बहकी हूं ?या बहकाई  गई हूं ?नासमझ हूूं जरूर,बेवकूफ  नहीं हूं। जानती हूं, पर नहीं,फरेब से गाफिल,जो तेरी कम जफऱ्ी है,मेरी सच्चाई नहीं है। […]

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परशुराम जयंती व अक्षय तृतीया पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में जुटीं महिला रचनाकार, स्व. केदारनाथ केदार को भी किया याद

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने परशुराम जयंती व अक्षय तृतीया के उपलक्ष्य में आज एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने बताया कि यह काव्य गोष्ठी उन्होंने वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ केदार को समर्पित की। वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ केदार का 3 दिन पहले ही

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उमंग अभिव्यक्ति मंच की काव्य गोष्ठी में ऑनलाइन जुटीं कई रचनाकार, मां की महिमा का किया गुणगान

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने मातृ दिवस के उपलक्ष्य में ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया और पर्यावरण को बचाने के लिए खूबसूरत स्लोगन भी दिया। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने बताया कि इस काव्य गोष्ठी में ट्राइसिटी के अलावा देश के कई हिस्सों से रचनाकारों ने भाग

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कवियों ने कविताओं से मां को याद किया

CHANDIGARH: राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच चंडीगढ़ की ओर से आज मातृदिवस के अवसर पर ऑनलाईन काव्य गोष्ठी का आज आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदीप गुप्ता, प्रदेशाध्यक्ष, महाराष्ट्र इकाई और कार्यक्रम की अध्यक्षता डाक्टर विनोद शर्मा सम्पादक चंडीभूमि ने की। गोष्ठी का आयोजन चंडीगढ़ के अध्यक्ष मुरारी लाल अरोड़ा, संरक्षक प्रेम विज,

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आज की कविताः जीवन मूल्य

हर बात तुम्हारे साथ थी जो,हर बात हमारे साथ भी है,कुछ पल भर को ठहर गई ,कुछ बची खुची भी निकल गई। जिंदगी तुम नाजुक हो,पर मै भी पत्थरदिल तो नहीं,तुम सहम सहम के कटती हो ,मैं ठिठकूं ठहरूं पर रुकूं नहीं। मैं हर ठोकर पर फिसल रही,तुम हर ठोकर पर संभल रही,मैं कंकर ,पत्थर,

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विचार-मंथनः OTT प्लेटफार्म पर अंकुश जरूरी

कैरियर बनाने की इच्छा रखने वाले हर उम्र के लोगों के लिए इसने बगैर किसी भेदभाव के अनेक द्वार खोल दिए हैं। आज के युग में तकनीक, जिसे टेक्नोलॉजी कहते हैं, लगातार और तीव्रता के साथ बदल रही है। इसके व्यावहारिक पक्ष को हम सभी ने कोरोनाकाल में विशेष तौर पर महसूस किया, जब घर

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विचार-मंथनः कोरोना ने मानव को नहीं, मानवता को परास्त किया

शहर एक-एक सांस के लिए मोहताज था, जब एक क्षण की सांस भी मौत को जिंदगी से दूर धकेलने के लिए बहुत थी, तब इन नेताओं के लिए तीन घंटे का फोटो सेशन भी कम पड़ रहा था। त्राहिमाम के इस काल में संवेदनहीनता की पराकाष्ठा यहीं तक सीमित नहीं रही। कभी सरकारी अस्पताल से

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व्यंग्य: नए-नए शब्दों की बरसात

कल पप्पू अपने पापा से पूछ रहा था- ‘डैडी, डैडी आजकल कोरोना अंकल आपके पास नहीं आ रहे ?’ बाप ने बेटे को ‘डांटा- ‘कोरोना अंकल के बच्चे…….वो खुराना अंकल हैं।’ पप्पू ने सफाई दी- ‘डैैडी मैं ये वर्ड बार-बार रेडियो, टीवी, क्लास, इधर-उधर, आपके फोन, आंटियों की बातचीत में सुन-सुन कर अंकल के नाम

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आज की कविताः मेरे दिल का ख्याल

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है,कि- हम औरतों को भीये इज़ाज़त होती किघूम सकें टोली में,पी सकें चाय कुल्हड़ मेंकिसी सड़क के किनारेचाय की दुकान पर,खड़े होकर बतियाएं, मजे उड़ाएंउंगली में बीड़ी दबालंबे-लंबे कश लेकरधुएं के छल्ले उड़ाएंऔर लंबी सांस लेकर कहेंयार-आज आफिस की मीटिंग मेंनए प्रोजेक्ट ने बहस पकड़ी थी,काम बहुत था,खड़े-खड़े टांगें

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कवि डॉ. विनोद शर्मा का काव्य संग्रह बढ़ते कदम प्रकाशित

यह पुस्तक यकीनन साहित्य जगत में अपना उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करेगी: प्रेम विज CHANDIGARH: संवाद साहित्य मंच के महासचिव चर्चित कवि डॉ. विनोद कुमार शर्मा का काव्य संग्रह “बढ़ते कदम” प्रकाशित होकर आ गया है। जैसे ही हालात ठीक होंगे, पुस्तक का विमोचन विधिवत किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए मंच के अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध

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ऑनलाइन काव्य गोष्ठीः उमंग अभिव्यक्ति मंच ने महिलाओं में कम किया कोरोनाकाल का तनाव, कई नुस्खे बताए

CHANDIGARH: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने कोरोनाकाल के तनाव के बीच सभी में उत्साह भरने के लिए एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मोटिवेशनल स्पीकर सोनीमा सत्या और प्रख्यात साहित्यकार डॉ. प्रज्ञा शारदा को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया। रचनाकारों ने अपने अनुभव भी सांझा किए मंच की फाउंडर श्रीमती

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हरियाणा संस्कृत अकादमी ने साहित्यकारों के लिए पुरस्कारों की घोषणा की:जानिए चंडीगढ़ ट्राइसिटी से सूची में किस-किसका नाम

CHANDIGARH: हरियाणा संस्कृत अकादमी ने वर्ष 2017  तथा वर्ष 2018 के लिए संस्कृत के साहित्यकारों के लिए पुरस्कारों की घोषणा की है। अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि वर्ष 2017 के लिए डॉ. वेद प्रकाश उपाध्याय, चंडीगढ़ तथा वर्ष 2018 के लिए डॉ. जगदीश प्रसाद सेमवाल,जीरकपुर को संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान के लिए चुना गया है। इसी प्रकार, ‘हरियाणा संस्कृत गौरव

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रामनवमी पर उमंग अभिव्यक्ति मंच की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में बही भक्तिरस धारा

PANCHKULA (HARYANA): उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने रामनवमी के पावन अवसर पर ऑनलाइन के माध्यम से काव्य गोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें ट्राइसिटी के अलावा बाहर से भी कवयित्रियों ने हिस्सा लिया। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सभी ने घर पर रहकर प्रभु श्री

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व्यंग्य: मेरे यार की शोक सभा

हमारे एक अंतरंग मित्र का अकाल चला जाना हो गया। परंपरानुसार सब गैरपरंपरागत और आधुनिक तरीके से अंतिम संस्कार के लिए इलैक्ट्रिक क्रिमेशन में इकटठे् हुए औेर खटाक-फटाक से अंतिम विदाई दे दी गई। न धुआं-न धक्कड़ ओैर एकसप्रेस-वे से निकल गए फक्कड़। कुछ रिश्तेदारों का सुझाव था कि आज के क्विक सिस्टम में लगे

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विचार-मंथनः ऐसे फैसले किसी वज्रपात से कम नहीं

ऐसे फैसले लेते समय सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि इन बचत खातों में अधिकतर मध्यम वर्ग ही निवेश करता है। यही बचत उसके बुढ़ापे या बुरे समय की पूंजी होती है, क्योंकि उसके बुढ़ापे के लिए सरकार की तरफ से न तो कोई पेंशन योजना है और न ही उसकी बीमारी के लिए कोई

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आज की कविताः बा

बा तुम थींबापू की छायादेश व घर कोधुरी पे साधाबापू के, बापू बनने कीऐतिहासिक प्रक्रिया में साथईंट बनी वो नींव कीसदा रही वो साथ। चाहे नहीं था पढ़ना आयापर बापू का साथ निभायासात वर्ष की उम्र में हो गईबापू संग सगाईतेरह वर्ष की उम्र में हो गईपिता के घर से विदाई। उन्नीस वर्ष की आयु

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अभिव्यक्ति की गोष्ठी में साहित्यकारों ने प्रेम, स्त्री विमर्श और अंतर्मन को उद्वेलित करती रचनाएं पेश कीं

CHANDIGARH: शहर की सबसे पुरानी साहित्यिक संस्था अभिव्यक्ति ने अप्रैल की साहित्यिक संध्या का आयोजन किया, जिसमें ट्राइसिटी के जाने-माने साहित्यकारों ने भाग लिया। कविताओं और कहानियों के द्वारा जीवन के अनेक महीन पहलुओं को छुआ गया। डॉ. पंकज मालवीय ने गोष्ठी की शुरुआत में हार जीत नाम की कहानी में विकलांगता में दिमागी संतुलन पर

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हास्य व्यंग्य: मैंने ट्वीट किया

यदि आजादी की लड़ाई के वक्त व्हाट्स एप या ट्विटर होते तो घर बैठे हम सोशल मीडिया पर ही अंग्रेजों को डरा-डरा कर आजादी ले लेते। आज गली-मोहल्ले में किसी के घर के आगे जाकर तू-तू मैं-मैं करने का किसी के पास टेैम नी है जी! सो ट्विटर हैंडल घुमाओ और मोड़ दो अपना मुंह

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विचार-मंथनः देश की राजनीति की दिशा तय करेंगे पांच राज्यों के चुनाव

वो दल, जो केवल हिंदी भाषी राज्यों तक सीमित था, आज असम में अपनी सरकार बचाने के लिए मैदान में है। केरल तमिलनाडु और पुड्डुचेरी जैसे राज्यों में अपनी जड़ें जमा रहा है तो पश्चिम बंगाल में प्रमुख विपक्षी दल है। चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। जहां

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आज की कविताः तीखे शब्द

तीखे और कड़वे शब्दहैं कमजोर की निशानी,लेकिन समझ नहीं पाता हैकोई भी अभिमानी। पैर फिसल जाने पर इंसांबच सकता है लेकिन,जुबां फिसल जाए तोबचना होता है नामुमकिन। जब कमाकर खाय मनुष्यतो कहलाये संस्कृति,जब वो छीन कर खाता हैतो बन जाय विकृति। मरणोपरांत ना सोचे, बोलेना कुछ ही कर पाए,जीवित जो ना सोचे, बोलेवो मृतप्रायः कहलाए।

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