CHANDIGARH: साहित्य संगम ट्राइसिटी जीरकपुर ने एक साहित्य काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें काव्य पाठ के अलावा अन्य विषयों पर भी चर्चा हुई। इसमें प्रो. अश्विनी कुमार चड्ढा ने मानव मूल्यों का आंकलन अध्यात्म जीवन के सर्वांगीण विकास पर बल दिया। सुश्री कृष्णा ने योग और निरोगता के पहलुओं पर अपनी चर्चा की।
इंजीनियर दत्ता ने अपने विचार रखे। सुरेंद्र सिंगला ने संयोजक की भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी समयकालीन रचनाओं से गोष्ठी में रंग भरा। टेकचंद अत्री ने गोष्ठी का संचालन करते हुए वतन के हाथों में आज तक वो ऋचाओं की मेहंदी रची हुई है पर अपनी नज्म पढ़कर सुनाई। श्रीधर मोहन के रंगे स्वर की साधना को सभी ने सराहा।
प्रोफेसर योगेश्वर ने नारी चेतना पर अपने विचार रखें। स्वर साधना के धनी प्रवीण कुमार सुधाकर और मक्खन सक्सेना के भाव भरे गीतों ने श्रोताओं का दिल जीत लिया। इसमें पत्रकार शिवकुमार वर्मा ने भी भाग लिया।प्रो. फूलचंद मानव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में साहित्य संगम की आगामी रूपरेखा से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि आगामी गोष्ठी बड़े स्तर पर करवाएंगे और उसमें दिल्ली के साहित्यकार भी शामिल होंगे। उन्होंने वर्तमान परिस्थितियों के बीच सुरक्षा संज्ञान पर भी चर्चा की।
गोष्ठी की समाप्ति पर बोलते हुए सचिव प्रोफेसर योगेश्वर कौर ने सभी के साहित्यिक योगदान को सराहा।