प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की ने आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाने पर मोदी सरकार की आलोचना की
CHANDIGARH, 17 JULY: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के लेबर कॉलोनी सेल ने आज यहां मौलीजागरां विकासनगर में देशभर में व्याप्त असहनीय महंगाई के विरोध में प्रदर्शन और रोष मार्च का आयोजन किया, जिसमें ख़राब मौसम के बावजूद हजारों स्थानीय निवासियों ने बड़े जोश से भाग लिया। इस दौरान विरोध के प्रतीक के रूप में आसमान में काले गुब्बारे छोड़े गए।
मौलीजागरां की सैकड़ों आक्रोशित महिलाओं ने मार्च के दौरान खाली बर्तन थपथपाकर भी सरकार को यह बताने की कोशिश की कि गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों में रसोई चलाना कितना मुश्किल हो गया है। विरोध का एक और आकर्षण यह रहा कि सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ नाराजगी दिखाने के लिए प्रतिभागियों द्वारा हवा में काले गुब्बारे छोड़े गए। लगभग पांच किलोमीटर लम्बे रोष मार्च के दौरान विकास नगर के लोगों ने अपने घरों की छतोंं से नारे लगा कर प्रदर्शनकारियों का स्वागत किया। मार्च के दौरान उत्साह से भरे हुए कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के विरुद्ध और कांग्रेस के समर्थन में नारे लगाए।
इस मौके पर चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के लेबर कालोनी सैल के चेयरमैन मुकेश राय ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में थोक महंगाई दर करीब 15 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रही है, जिससे लेबर कालोनियों में रहने वाले लोगों के लिए अपनी घरेलू जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने सरकार से खाद्य पदार्थों पर करों में भारी कमी करने का आह्वान किया, ताकि गरीब परिवार अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए कुछ पैसे बचा सकें।
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की ने दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुओं पर अनुचित रूप से टैक्स बढ़ाने के लिए मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भारत में जहां पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस पर पूरी दुनिया में सबसे अधिक टैक्स लगाया जाता है, वहीं यहां पर अमीरों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर सबसे कम है। उन्होंने कहा कि जा़हिर तौर पर मोदी सरकार गरीब लोगों की जेब से पैसा निकालकर अमीर कॉरपोरेट और बड़े उद्योगपतियों के खजाने में ट्रांसफर कर रही है।
इस अवसर पर चंडीगढ़ कांग्रेस के महासचिव विनोद शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी के इस हालिया बयान की निंदा की कि लोगों को अब मुफ्त की रियायतों और सब्सिडी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, क्योंकि मुफ्त की संस्कृति देश के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में अमीर कॉरपोरेट द्वारा लिए गए 11 लाख करोड़ रुपए कर्ज़ को माफ कर दिया गया है, जिसमें से 2 लाख करोड़ रुपए तो केवल पिछले साल के दौरान ही माफ कर दिए गए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास अमीरों के लाखों- करोड़ों रुपए का कर्ज माफ करने के लिए तो पर्याप्त पैसा है, लेकिन इसके पास मध्यम वर्ग और गरीब वर्गों को राहत देने के लिए एक छोटी सी राशि भी नहीं है।