खरड़-बस्सी पठाना सडक़ का नाम प्रसिद्ध पंजाबी इतिहासकार ज्ञानी दित्त सिंह के नाम पर रखा
CHANDIGARH: कला एवं सांस्कृतिक क्षेत्र की मशहूर शख्सियतों के योगदान को बनता मान-सम्मान देने के लिए बड़ा फ़ैसला लेते हुए पंजाब के लोक निर्माण विभाग द्वारा सडक़ों और इमारतों का नाम रखने की अपनी नीति में संशोधन किया गया है। इसकी पुष्टि करते हुए लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला ने आज बताया कि संशोधन से पहले सड़कों या इमारतों का नाम सिर्फ धार्मिक शख्सियतों, बहादुरी पुरस्कार प्राप्त करने वाली सिविल या सैनिक शख्सियतों, जंग के शहीदों, स्वतंत्रता सैनानियों या ओलम्पिक या विश्व स्तर की चैंपियनशिप के विजेताओं के नाम पर रखा जाता था।
कैबिनेट मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने इस नीति में प्रसिद्ध पंजाबी इतिहासकारों और हमारे पंजाबी संस्कृति की नामवर शख्सियतें को शामिल करने का फ़ैसला किया है और इस संशोधन के अनुसार सबसे पहले सडक़ का नाम प्रसिद्ध पंजाबी इतिहासकार ज्ञानी दित्त सिंह जी के नाम पर रखा गया है।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की मंज़ूरी के बाद प्रसिद्ध पंजाबी इतिहासकार ज्ञानी दित्त सिंह के समाज के प्रति योगदान को बनता मान-सम्मान देने के लिए खरड़-बस्सी पठाना सडक़ (ओ.डी.आर. -12) का नाम ज्ञानी जी के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि 12.45 किलोमीटर लम्बी इस सडक़ की मरम्मत का काम भी चल रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 4.68 करोड़ रुपए है और यह काम 31 मार्च, 2021 तक मुकम्मल कर दिया जाएगा।
सिंगला ने कहा कि ज्ञानी दित्त सिंह प्रसिद्ध इतिहासकार होने के साथ-साथ विद्वान, कवि और संपादक के तौर पर भी जाने जाते हैं। वह सिंह सभा लहर के प्रसिद्ध सुधारक थे, जिन्होंने सिख धर्म संबंधी 70 से अधिक किताबें लिखीं, जिनमें से सबसे मशहूर खालसा अखबार है। सिंगला नेबताया कि यह मामला बस्सी पठाना से विधायक श्री गुरप्रीत सिंह जी.पी. की औपचारिक सिफ़ारिश के बाद उनके ध्यान में आया। इसके बाद उन्होंने तुरंत विभाग के अधिकारियों को हिदायत की कि इस मामले को प्राथमिकता के साथ विचारा जाए, जिसके बाद अब इस सडक़ का नाम ज्ञानी दित्त सिंह के नाम पर रखा गया है।