कहा-चुनाव नतीजों ने न सिर्फ कांग्रेस सरकार की नीतियों का समर्थन किया, बल्कि अकाली दल, आप और भाजपा की लोक व किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ जनादेश दिया
CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को प्रांतीय म्यूंसिपल चुनाव में कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत को न सिफऱ् उनकी सरकार की विकासमुखी नीतियों का समर्थन बताया बल्कि विपक्ष शिरोमणि अकाली दल, आप और भाजपा की लोक विरोधी नीतियों के खि़लाफ़ जनादेश बताया।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ और पार्टी के समूह विधायकों, सदस्यों और वर्करों को इन म्यूंसिपल चुनावों, जिनके नतीजे आज घोषित गए, में एक बड़ी जीत की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों ने इन तीनों पार्टियों के विभाजनकारी, अलोकतंात्रिक, असंवैधानिक और प्रतिगामी एजंडे को पूरी तरह से रद्द कर दिया है। उन्होंने लोगों को इन नकारात्मक और बुरी ताकतों को पराजय देने के लिए धन्यवाद किया और बधाई दी जोकि पंजाब और इसके भविष्य को बर्बाद करन पर तुली हुई थीं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि काले खेती कानूनों को अमल में लाए जाने के बाद ये पहले बड़े चुनाव थे जिन्होंने लोगों में भाजपा के खि़लाफ़ पाए जा रहे रोष को उजागर किया है, जो पार्टी अपने पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल और दिल्ली में आप की मिलीभगत के साथ किसान विरोधी बिल लागू करवाने की जि़म्मेदार है। उन्होंने आगे बताया कि इन पार्टियों ने पंजाब को तबाह करने के स्पष्ट मंसूबों के साथ किसानों के हकों को अपने पैरों के नीचे कुचला। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल और आप द्वारा बहाए गए मगरमच्छ के आंसू और ड्रामेबाज़ी को राज्य के लोगों ने अच्छी तरह समझते हुए राजनीति कर रही इन पार्टियों को करारा जवाब दिया।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि अब जब कांग्रेस के मुकाबले अकाली दल, आप और भाजपा कहीं आस-पास भी नज़र नहीं आईं और यहाँ तक कि कई वार्डों में आज़ाद उम्मीदवारों से भी पीछे रह गईं। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि पंजाब के शहरी क्षेत्रों के वोटरों ने सभ्यक प्रशासन और प्रगति के हक में फ़ैसला देते हुए स्पष्ट रूप में इन पार्टियों की संकुचित राजनैतिक सोच को नकार दिया है। उन्होंने आगे बताया कि इन पार्टियों को पंजाब के मसलों से दूर रहने का यह एक साफ़ और स्पष्ट संदेश है। उन्होंने कहा कि पंजाब इन पार्टियों द्वारा राज्य के लोगों के साथ की गई धोखाधड़ी और फऱेब को न तो माफ करने और न ही भूलने के लिए तैयार है।
आखिऱी नतीजों के मुताबिक कांग्रेस ने 1815 वार्डों (म्यूंसिपल कौंसिलों) में से 1199 और नगर निगमों की 350 सीटों में से 281 पर जीत हासिल की है जबकि अकाली दल को म्यूंसिपल कौंसिलों में 289 और नगर निगमों में 33, भाजपा को म्यूंसिपल कौंसिलों में 38 और नगर निगमों में 20 और आप को म्यूंसिपल कौंसिलों में 57 और नगर निगमों में 9 सीटें हासिल हुई। बाकी की सीटों पर ज़्यादातर आज़ाद उम्मीदवारों का कब्ज़ा रहा जबकि बहुजन समाज पार्टी ( के) और सी.पी.आई. को क्रमवार 13 और 12 वार्डों में जीत हासिल हुई। साल 2015 के बठिंडा, होशियारपुर, मोगा और पठानकोट जिलों में हुई नगर निगमों के चुनाव में कांग्रेस को मिलीं 11 सीटों के मुकाबले अब स्थिति बड़े स्तर पर कांग्रेस के पक्ष में है। इसका अंदाज़ा इसी से लगता है कि पार्टी ने अपनी कारगुज़ारी में सुधार करते हुए 149 सीटों पर जीत हासिल की है। इसी तरह वार्डों में साल 2015 की 356 सीटों के मुकाबले कांग्रेस ने अब 1480 सीटों पर जीत हासिल की है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इन नतीजों से इन सभी पार्टियों को एक वर्ष से भी कम समय के अंदर होने वाले विधानसभा चुनाव में पैदा होने वाली स्थिति की झलक देखने को मिल गई है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और आप को इन म्यूंसिपल चुनाव के दौरान जिस करारी हार का सामना करना पड़ा है वह तो अभी शुरुआत है और आने वाले महीनों के दौरान ये तीनों ही पार्टियाँ देश के राजनैतिक नक्शे और पंजाब की राजनीति से गायब हो जाएंगी।