पंजाब में पाबंदियां बढ़ींः बाजार 15 मई तक बंद, जानिए राज्य में अब किन लोगों की एंट्री बैन

पंजाब में दाखि़ल होने वाले को नेगेटिव कोविड रिपोर्ट या वैक्सीनेशन सर्टीफिकेट दिखाना अनिवार्य

चार पहिया वाहन में केवल 2 व्यक्तियों को सफर करने की अनुमति, दो पहिया वाहन पर केवल पारिवारिक मैंबर ही हो सकता है दूसरी सवारी

CHANDIGARH: पंजाब में गृह विभाग ने कोविड-19 संबंधी आज अतिरिक्त पाबंदियां लगाई हैं, जिसके अंतर्गत गैर-ज़रूरी वस्तुएं बेचने वाली सभी दुकानें 15 मई तक बंद रहेंगी। इस संबंधी जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि गृह विभाग ने हुक्म जारी किये हैं जो कि पूरे राज्य में 2 मई से 15 मई तक सख्ती के साथ लागू रहेंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि कैमिस्ट की दुकानों समेत ज़रूरी चीजें, दूध, ब्रैड, सब्जियां, फल, डेयरी और पोल्ट्री उत्पाद जैसे कि अंडे, मीट, मोबाइल रिपेयर आदि को कोविड पाबंदियों से छूट दी गई है परन्तु ये सब भी कोविड प्रोटोकॉल के पालन अधीन हैं। लैब, नर्सिंंग होम और अन्य सभी मैडीकल संस्थानों पर कोई रोक नहीं होगी।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि कोई भी व्यक्ति कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट (72 घंटों से अधिक पुरानी न हो) या टीकाकरण सर्टिफिकेट (कम से कम एक ख़ुराक) जो 2 हफ्ते से अधिक पुराना न हो, के बिना राज्य में हवाई, रेल या सडक़ मार्ग के द्वारा दाखि़ल नहीं हो सकता।

प्रवक्ता ने कहा कि कोविड प्रबंधन में शामिल अधिकारी के बिना सभी सरकारी दफ़्तर और बैंक 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करेंगे। प्रवक्ता ने आगे कहा कि डिप्टी कमिश्नर कोविड प्रबंधन और संबंधित ड्यूटियों के लिए किसी भी अधिकारी की सेवाएं लेने के लिए अधिकृत हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि कार और टैक्सियों सहित सभी चार पहिया वाहनों में 2 से अधिक यात्रियों को बैठने की आज्ञा नहीं है। हालाँकि, मरीज़ों को अस्पताल ले जाने वाले वाहनों को इस पाबंदी से छूट दी गई है।

इसी तरह स्कूटरों और मोटरसाईकलों पर पारिवारिक मैंबर के अलावा किसी भी अन्य दूसरी सवारी बिठाने की आज्ञा नहीं है। इसी तरह विवाह / संस्कार आदि रस्मों के समय 10 से अधिक व्यक्तियों के जलसे की इजाज़त नहीं दी है। 

प्रवक्ता ने बताया कि गांवों को ठीकरी पहरा लगाने के लिए कहा गया है जिससे ‘नाइट कफ्र्य़ू’ और ‘वीकेंड कफ्र्य़ू’ के आदेशों का पालन किया जा सके और सब्ज़ी मंडियों में सामाजिक दूरी कायम रखी जा सके क्योंकि सब्ज़ी मंडियां सिर्फ़ फलों और सब्जियाँ के थोक विक्रेताओं के लिए खुलीं रहेंगी।

किसान यूनियनों और धार्मिक नेताओं को भी अपील की जाती है कि वह जलसा न करें और टोल प्लाज़ा, पेट्रोल पंपों, मॉलों आदि में प्रदर्शनकारियों की संख्या को सीमित रखा जाये। आदेश में लिखा गया है कि धार्मिक स्थानों को रोजाना शाम 6 बजे बंद किया जाना चाहिए और गुरुद्वारों, मंदिरों, मस्जिदों, चर्च आदि में कम से कम भीड़ हो।

प्रवक्ता ने कहा कि जि़ला प्रशासन ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी करने वालों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही को यकीनी बनाएगी। रोड और स्ट्रीटवाईज़ विक्रेताओं जैसे कि रेहड़ी वाले आदि की आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की जायेगी।

रोज़ाना नाइट कर्फ्यू शाम 6 बजे से प्रात: 5 बजे तक और वीकेंड कर्फ्यू शुक्रवार शाम 6.00 बजे से सोमवार को प्रात:काल 5.00 बजे तक राज्यभर में जारी रहेगा और मैडीकल उद्देश्यों को छोडक़र कफ्र्य़ू के पास के बिना कोई वाहन नहीं चलेगा। 

पब्लिक ट्रांसपोर्ट (बसें, टैक्सी, ऑटो) में सवारियों की संख्या 50 प्रतिशत तक सीमित की गई है। ट्रांसपोर्ट और सिविल अधिकारी, पुलिस कर्मचारियों के साथ कफ्र्य़ू लागू करने के लिए उडऩ दस्ते गठित करेंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि सभी बार, सिनेमा हॉल, जिंम, स्पा, स्विमिंग पूल, कोचिंग सैंटर, स्पोर्टस कंपलैक्स बंद रहेंगे जबकि सभी रैस्टोरैंट (समेत होटल), कैफे, कॉफ़ी दुकान, फास्ट फूड दुकान, ढाबा आदि भी डाइन-इन सुविधा के लिए बंद रहेंगे और सिर्फ़ टेक-अवे और होम डिलीवरी के लिए काम कर सकते हैं, जिसकी रात 9 बजे तक आज्ञा है। रैस्टोरैंटों, फास्ट फूड ज्वाइंट, कॉफ़ी दुकानों आदि के अंदर बैठने की आज्ञा नहीं है।

सभी साप्ताहिक बाज़ार (जैसे कि अपनी-मंडियां) भी बंद रहेंगे और सरकारी समागमों समेत उद्घाटन, नींव पत्थर रखने की रस्म, आदि समेत सभी सामाजिक, सांस्कृतिक या खेल समारोहों और संबंधित कार्यों पर पूर्ण पाबंदी होगी परन्तु डिप्टी कमिश्नर की इजाज़त से छूट मिल सकती है। 

प्रवक्ता ने कहा कि सभी राजनैतिक समारोहों पर राज्यभर में पूर्ण पाबंदी होगी। इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी जलसे के लिए प्रबंधकों और भागीदारों के साथ-साथ आयोजन स्थल और टैंट हाऊसों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन एक्ट और महामारी रोग एक्ट के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की जाऐगी और 3 महीनों के लिए ऐसे स्थानों को सील भी कर दिया जायेगा।

वह व्यक्ति जो कि कहीं भी बड़े (धार्मिक / राजनैतिक / सामाजिक) समारोहों में शामिल हुए हैं लाजि़मी तौर पर 5 दिनों के लिए घर में क्वारंटीन रहेंगे और प्रोटोकॉल के अनुसार टैस्ट करवाएंगे। सभी शैक्षिक संस्थानों अर्थात स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे परन्तु सरकारी स्कूलों का अध्यापन और नॉन-टीचिंग स्टाफ ड्यूटी निभाएगा।

सभी मैडीकल और नर्सिंंग कॉलेज खुले रहेंगे और सभी भर्ती परीक्षाएं स्थगित की गई हैं सिवा उनके जो कोविड प्रबंधन से संबंधित भर्ती से संबंधित नहीं हैं।  इसी तरह सर्विस इंडस्ट्री समेत सभी प्राईवेट दफ़्तर, जैसे आर्कीटैक्टस, चार्टर्ड अकाउंटैंटस, बीमा कंपनियों आदि के दफ्तरों को सिर्फ़ ‘घर से काम’ करने की आज्ञा है।

सरकारी दफ्तरों में 45 सालों से अधिक उम्र के सेहत कर्मचारी और कर्मचारी जिनको पिछले 15 दिनों या इससे अधिक समय में कम से कम एक टीके की ख़ुराक नहीं मिली है, को छुट्टी लेने और उस समय तक घर रहने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। 45 साल से कम उम्र के कर्मचारियों को सिर्फ़ नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के आधार पर ही आज्ञा दी जा सकती है जो कि 5 दिनों से अधिक पुरानी न हो नहीं तो छुट्टी लेकर घर रहने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

यह आदेश हाई पॉज़ीटिविटी वाले क्षेत्रों में माईक्रो-कंटेनमेंट ज़ोन को बढ़ाने और सख्ती के साथ लागू करने के लिए भी निर्देश देता है। लागूकरण के लिए विशेष मॉनीटर नियुक्त किये जाएंगे।  सभी सरकारी दफ्तरों द्वारा शिकायतों के निपटारे को वर्चुअल / ऑनलाईन ढंग द्वारा प्राथमिकता दी जाऐगी और सार्वजनिक लेन-देन को जहाँ तक हो सके घटाया जायेगा और सिर्फ़ उसको ही आज्ञा दी जाऐगी जहाँ अति-ज़रूरी समझा जाता है। इसी तरह राजस्व विभाग सम्पत्ति की बिक्री और खरीद के लिए कनवेएंस डीड को लागू करने के लिए लोगों की संख्या को सीमित करेगा।

इस दौरान जि़ला अधिकारियों को कहा गया है कि वह एम.एच.ए. / राज्य सरकार की सभी मौजूदा हिदायतों को सख्ती के साथ लागू करें, जोकि कम से कम 6 फुट दूरी के सामाजिक दूरी के नियम (दो गज की दूरी) को लागू करे, मार्केट स्थानों और यातायात में भीड़ को नियमित करने को यकीनी बनाने और कोविड के उचित व्यवहार जैसे कि फेस मास्क न पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने आदि जैसे उल्लंघन के लिए निर्धारित जुर्माने लगाएं।

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