CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी के तहत लाभार्थी के रूप में पात्रता के लिए पारिवारिक आय की सीमा 1 लाख 20 हजार रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार रुपये कर दी है, ताकि अधिकतम पात्र परिवारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे परिवारों का सर्वेक्षण किया जा रहा है और यह जल्द ही पूरा हो जाएगा।
मनोहर लाल आज पंचकूला में 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य में उन परिवारों, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है, के लिए अप्रैल महीने से एक योजना लागू की जाएगी। इसके तहत यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि ऐसे परिवारों को कम से कम एक लाख रुपये प्रतिवर्ष की आय अवश्य हो। मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने राज्य में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक अलग एमएसएमई विभाग स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि उद्योग रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 48,000 नए उद्योग स्थापित हुए, जिनमें 5 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य के 21 जिलों में औद्योगिक क्लस्टर स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य ऐसी प्रणाली बनाना है जिसमें लोगों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ लेने के लिए कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़े, बल्कि सरकार स्वयं उनके घर द्वार पर यह सभी लाभ पहुंचाए। इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य में एक अलग नागरिक संसाधन सूचना विभाग भी स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने जमीनों की रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करके भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के विभिन्न कार्यों को क्रियान्वित किया गया है। शिक्षित पंचायतों के बाद इस बार गांवों को प्रशिक्षित पंचायतें भी मिलेंगी, जो अपने स्तर पर समस्याओं को हल करने में सक्षम होंगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल बनाने के लिए ‘ग्राम दर्शन पोर्टल’ शुरू किया गया है और ग्रामीणों को एक छत के नीचे सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए गांवों में ग्राम सचिवालियों का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गाँव को लाल डोरा से मुक्त करने की योजना शुरू की है, जिससे ग्रामीणों को अपनी संपत्ति खरीदने बेचने और उस पर ऋण लेने का अधिकार मिलेगा। इस योजना की पूरे देश में सराहना की जा रही है और वर्तमान में इसे आठ राज्यों में ‘‘प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना’’ के नाम से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर को नल से जल’ योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 28 लाख पानी के कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में, राज्य के तीन जिलों पंचकूला, अंबाला और कुरुक्षेत्र में सभी घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया है।
राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के त्वरित ट्रायल के लिए 16 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए हैं। इसके अलावा, राज्य में महिलाओं के लिए विशेष बसें शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरियाणा के पानीपत से शुरू किए गए बेटी बचाओ-बेटी पढाओ कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि राज्य के लोगों के पूरे समर्थन और सहयोग के परिणामस्वरूप प्रदेश का लिंगानुपात जो वर्ष 2014 में 871 था, आज 922 तक पहुंच गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, पंचकूला के उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, डीजीपी क्राइम मोहम्मद अकील, एडीजीपी सीआईडी आलोक मित्तल , डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर राकेश आर्य, महापौर, नगर निगम पंचकूला कुलभूषण गोयल, परेड कमांडेंट गौरव पुरोहित और पुलिस प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।