चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने दिए संकेत, वीकेंड लॉकडाउन व ऑड-ईवन हटाने की मांग कर रहे सभी रेहड़ी मार्केट्स के प्रधान हुए एकजुट, कांग्रेस भी रेहड़ी मार्केट्स केे साथ आई
CHANDIGARH: कोरोनाकाल में लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए शहर के रेहड़ी मार्केट्स के दुकानदारों का गुस्सा चंडीगढ़ प्रशासन पर कभी भी फूट सकता है। यह दुकानदार पहले ऑड-ईवन आधार पर दुकानें खुलने से परेशान थे, अब पिछले शनिवार से लागू हुए वीकेंड लॉकडाउन ने उन्हें आक्रोश से भर दिया है। लिहाजा, शनिवार, रविवार व सोमवार को दुकानों के बाहर नारेबाजी से भी प्रशासन पर कोई असर नहीं पड़ा तो मंगलवार को सभी रेहड़ी मार्केट्स की एसोसिएशनों के प्रधान एक मंच पर आ गए। उन्होंने सेक्टर-22 स्थित शास्त्री मार्केट में मीटिंग करके प्रशासन से अंतिम बार गुहार लगाते हुए अब बड़े स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी दे डाली।
सभी मार्केट प्रधान हुए एकजुट
शास्त्री मार्केट में हुई मीटिंग में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल समूह के संयोजक कैलाश चंद जैन ने विशेष रूप से हिस्सा लिया, जबकि सेक्टर-22 शास्त्री मार्केट के प्रधान जसविंदर नागपाल लाटी, सेक्टर-19 पालिका मार्केट के प्रधान नरेश जैन, सेक्टर-19 सदर बाजार के प्रधान नरेंद्र सिंह रिंकू, सेक्टर-41 कृष्णा मार्केट के प्रधान सुनील जैन, सेक्टर-15 पटेल मार्केट के प्रधान सुनील कुमार महाजन सहित इन मार्केट्स से कई पदाधिकारी मीटिंग में शामिल हुए। उन्होंने ऑड-ईवन सिस्टम को वीकेंड लॉकडाउन के बावजूद जारी रखे जाने का कड़ा विरोध किया।
व्यापारियों का दर्द
मीटिंग में व्यापारियों का कहना था कि ऑड-ईवन फार्मूले के साथ वीकेंड लॉकडाउन में 2 दिन दुकानें बंद रहने से हर दुकानदार को सप्ताह में केवल 2 दिन अपनी दुकान खोलने का मौका मिलेगा। इन दो दिनों में वह क्या कमा पाएगा और क्या खाएगा। दुकान के कर्मचारियों का वेतन अलग से देना है, जबकि कोरोनाकाल में व्यापार वैसे ही तीन महीने ठप्प रहा है। अब थोड़ा पटरी पर लौटने लगा तो प्रशासन ने ऑड-ईवन फार्मूले के साथ वीकेंड लॉकडाउन लागू करके फिर व्यापार को तीन महीने पहले वाली स्थिति में पहुंचा दिया है। मीटिंग में कहा गया कि इस स्थिति के चलते रेहड़ी मार्केट के दुकानदारों को रोजी-रोटी के लाले पड़ जाएंगे।
प्रशासक से बात करेंगे अरुण सूद
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल समूह के संयोजक कैलाश चंद जैन ने मीटिंग के बाद इस मामले को चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के समक्ष उठाया। जैन के मुताबिक सूद ने भी माना कि ऑड-ईवन फार्मूला और लॉकडाउन दोनों एक साथ लागू करना सरासर गलत है। सूद ने कहा है कि वह इस बारे में प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से बात करेंगे और जल्द ही समस्या का हल निकाला जाएगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों कई मौकों पर यह देखा गया है कि सत्तारूढ़ दल के प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण अरुण सूद की बातों को चंडीगढ़ प्रशासन न केवल गंभीरता से ले रहा है, बल्कि उन पर अमल भी कर रहा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन देर रात तक मंदिर और शहर को खुला रखने व नाइट कफ्र्यू हटाने का फैसला भी प्रशासन ने अरुण सूद के कहने के बाद ही किया था।
दुकानदारों की मांगों की अनदेखी न करे प्रशासन: छाबड़ा
शहर के रेहड़ी मार्केट्स में ऑड-ईवन प्रणाली और वीकेंडलॉकडाउन की खिलाफत करते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा है कि प्रशासन किस आधार पर ऐसे आदेशों को लागू कर रहा है, जोकि जनविरोधी हैं। छाबड़ा ने मीडिया को जारी किए बयान में कहा कि क्या प्रशासन के अधिकारियों ने यह आदेश जारी करते समय अनुमान लगाया था कि इस सिस्टम में एक दुकान हफ्ते में महज दो दिन ही खुल पाएगी। कारोबार पहलेे से ही ठप्प है, ऊपर से ऐसे फैसले समझ से परे हैं।
कोरोनाकाल में फेल साबित हुआ बीजेपी शासित चंडीगढ़ प्रशासन
प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि कोरोनाकाल में पूरी तरह फेल साबित हुआ बीजेपी शासित चंडीगढ़ प्रशासन मनमाने फैसले नहीं ले सकता। कोरोनाकाल में प्रशासन काहर फैसला आगे दौड़ पीछे छोड़ वाला रहा है, क्योंकि इसमें कभी किसी की राय नहीं ली गई। बावजूद इसके कोरोना मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। छाबड़ा ने कहा कि प्रशासन शहर में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, भीड़ न करने व बेवजह न घूमने के आदेश का ही सख्ती से पालन करवा दे, वो ही काफी है। क्योंकि इनकी खुलेआम रोजाना धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रशासन कागजों में नियम बना रहा है पर जमीनी स्तर पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है।
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