सी-वोटर सर्वेक्षण को केजरीवाल का भाड़े का सर्वे बताते हुए नकारा
अकालियों में फूट और भाजपा का पंजाब में कोई अस्तित्व नहीं
CHANDIGARH: आगामी विधान सभा मतदान में अन्य प्रमुख राजनैतिक पार्टी से किसी किस्म के खतरे को सिरे से नकारते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को कहा कि वह यह विश्वास रखते हैं कि उनका राज्य को चलाने और सेना में रहने का तजुर्बा उनको 2022 से आगे राज्य की चुनौतियों का मुकाबला करने में मददगार साबित होगा।
एक मीडिया कार्यक्रम के दौरान बोलते हुये मुख्यमंत्री ने सी-वोटर सर्वेक्षण जिसमें 2022 विधान सभा मतदान में आम आदम पार्टी के आगे होने की बात कही थी, को नकारते हुये कहा कि यह केजरीवाल का भाड़े का सर्वेक्षण है। उन्होंने कहा कि आप नेता के पास मीडिया का बहुत बड़ा बजट है जिसका प्रयोग वह ऐसे सर्वेक्षण खरीदने के लिए कर सकता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की पार्टी से पंजाब में कांग्रेस के लिए कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसी कंपनी ने 2016-17 में आप को 100 सीटें आने की भविष्यवाणी की थी और सब कोई जानता है कि आखिरकार उनको कितनी सीटें हासिल हुई।’’ उन्होंने कहा कि केजरीवाल और उसकी पार्टी का हाल 2022 में भी यही होगा।इस बात की तरफ इशारा करते हुए कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने पिछले कार्यकाल के दौरान अपने वादों में से सिर्फ 30 प्रतिशत ही पूरे करने में असफल रहे, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केजरीवाल को पंजाब में बेहूदा बातें करने की बजाय अपने राज्य की तरफ ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह पंजाब में नौकरियाँ देने की बात कर रहे हैं जबकि उसका दिल्ली में अपना रिकार्ड बहुत खराब है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों में फूट है और कोई भी उनको एकजुट नहीं रख सकता। बड़े बादल अपनी उम्र के कारण अब पार्टी का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं हैं। भाजपा की पंजाब में संभावना बारे उन्होंने कहा, ‘‘कौन सी भाजपा?’’ पार्टी का राज्य में कोई अस्तित्व नहीं है जहाँ लोग उनसे नाराज हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा बौखलाहट में आकर शिरोमणि अकाली दल के साथ भी फिर से आपसी सहयोग स्थापित कर सकती है।आगामी विधानसभा मतदान में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने के लिए उनकी योग्यता बारे पूछे जाने पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि चाहे हर कोई अकेला ही सक्षम नहीं होता परन्तु उनका मानना है कि वह पंजाब की मदद कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको राज्य खासकर कृषि के क्षेत्र सम्बन्धी मसलों से निपटने का तजुर्बा है क्योंकि 1985 से जब भी उनको पद की सेवा निभाने का मौका मिला है तो वह कृषि के विकास के लिए काम करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग का विकास करना होगा और उनको लीडरशिप में विश्वास जताना ही पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि वास्तविकता यह है कि उन्होंने विश्वास जाहिर करते हुए साल 2017 में उनकी सरकार बनने से लेकर अब तक जमीनी स्तर पर 73000 करोड़ रुपए का निवेश किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के साथ कड़ाई से निपटने की जरूरत है और उनका सेना में प्रशिक्षण इस चुनौती से निपटने के लिए उनके लिए सहायक सिद्ध हो सकता है।मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पिछले चार सालों से सत्ता में उनकी पार्टी ने 84.6 प्रतिशत चुनावी वादे पूरे कर दिए हैं जिससे मुल्क में पंजाब ने रिकार्ड कायम किया है।
उन्होंने कहा कि कोविड के कारण एक साल के दौरान हुए घाटे के बावजूद पंजाब ने यह रिकार्ड हासिल किया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भरोसा जाहिर किया कि उनके कार्यकाल के अंत तक पंजाब के लोगों के साथ किये गए सभी वादे पूरे कर दिए जाएंगे। राज्य और लोगों की भलाई के लिए अपनी वचनबद्धता जाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘पंजाब मेरे दिल में बसता है।’’