CHANDIGARH: गढ़वाल सभा चंडीगढ़ में शुरू हुई वर्चस्व की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। अब संगठन के मौजूदा नेतृत्व के विरोधी खेमे ने आज मीटिंग कर पिछले दिनों तीन वरिष्ठ सदस्यों के किए गए निलंबन को भी असंवैधानिक करार दे दिया और गढ़वाल सभा चंडीगढ़ के मौजूदा नेतृत्व को कोर्ट की अवमानना में अदालत में घसीटने का ऐलान किया है। विरोधी खेमे ने फिर दोहराया कि संगठन की मौजूदा कार्यकारिणी अवैध रूप से गढ़वाल भवन पर कब्जा किए हुए है और इसे भवन से बेदखल करके ही वह दम लेंगे।
इन लोगों को किया गया था सस्पेंड
बता दें कि गढ़वाल सभा चंडीगढ़ के मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ खड़े हुए खेमे में सभा के कई वरिष्ठ सदस्य शामिल हैं। इनका नेतृत्व कर रहे कुंदन लाल उनियाल, बीएस बिष्ट और बीबी बहुगुणा को पिछले दिनों सभा की मौजूदा कार्यकारिणी ने एक मीटिंग करके सर्वसम्मति से निलंबित कर दिया था। इन तीनों की संगठन सदस्यता 6 साल के लिए सस्पेंड की गई है। इन पर संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
विरोधियों ने सेक्टर-8 के सामुदायिक केंद्र में की बैठक
इसी के विरोध में आज गढ़वाल सभा चंडीगढ़ के वरिष्ठ सदस्यों की एक विशेष बैठक सेक्टर-8 के सामुदायिक केंद्र में समाजसेवी एवं सभा के पूर्व सलाहकार बीएस बिष्ट की अध्यक्षता में हुई। बैठक में गढ़वाल सभा के पदाधिकारियों, जिनका कार्यकाल वर्ष 2018 में समाप्त हो गया था, द्वारा अपने वरिष्ठ आजीवन सदस्यों को निलम्बित करने की घोर भर्त्सना की गई। बैठक का संचालन करते हुए पूर्व महासचिव बीबी बहुगुणा ने कहा कि भवन निर्माण के सम्बन्ध में आने वाले व्यवधानों पर अपनी सूझबूझ और समाज के प्रति समर्पण की भावना से कैसे पार पाया जाता है, ये पूर्व प्रधान स्व. कन्हैयालाल शर्मा और स्व. परमानन्द शर्मा के योगदान से स्पष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि गढ़वाल भवन का प्लॉट खरीदने से लेकर आज तक भवन को भव्य स्थिति तक पहुंचाने में पूर्व पदाधिकारियों के योगदान को नजरअंदाज करना समाज के कर्मठ कार्यकर्ताओं के प्रति घोर अन्याय होगा।
कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगाया
बैठक में सभा के वर्तमान प्रधान और उसके अन्य पदाधिकारियों द्वारा सभा के वरिष्ठ सदस्यों को गैर संवैधानिक तरीके से निलम्बित करने पर सर्वसम्मति से घोर निन्दा का प्रस्ताव पारित किया गया। सभी वक्ताओं ने प्रधान विक्रम बिष्ट को तुरंत प्रभाव से त्यागपत्र देकर पांच सदस्यीय समिति को गढ़वाल सभा का कार्यभार सौंपने का सुझाव भी दिया। साथ ही यह भी कहा कि कोर्ट के आदेश का गलत हवाला देने पर संगठन के मौजूदा नेतृत्व पर कोर्ट की अवमानना का भी स्पष्ट केस बनना तय है।वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान पदाधिकारी असंवैधानिक तरीके से भवन में बैठे हुए हैं। इसलिए वरिष्ठ सदस्यों के निलम्बन का न कोई औचित्य है, न कोई प्रभाव। उन्हें कोई भी नीतिगत एवं वित्तीय फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं है। बैठक में संगठन के मौजूदा नेतृत्व को एक महीने का समय देते हुए अगली संवैधानिक कार्रवाई की चेतावनी देने का भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
एशियन जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता रोहित चमोली को किया सम्मानित
पूर्व प्रधान कुन्दन लाल उनियाल ने बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों का अभिवादन किया और गढ़वाल सभा की वर्तमान लड़ाई को संविधान के अनुसार तार्किक अंत तक ले जाने में सहयोग मांगा। मुख्य वक्ताओं में महेंद्र शर्मा, डीएस राणा, जगदीश बंगारी, शैलेश शर्मा, धीरज राणा, हरीश चंद्र शर्मा, वीरेंद्र बहुगुणा, धर्मपाल रावत, स्वरूप सिंह नेगी, विजेंदर नेगी, अर्जुन सिंह नेगी, भीम सिंह गुसाईं, बलवीर तोपवाल, विनोद नेगी, एसपी बहुगुणा, विनोद बिष्ट, गंगा सिंह नेगी, गजेंद्र नेगी, चैन सिंह राणा, बलबीर रावत, प्रदीप रावत, सुनीता थपलियाल, शांति बहुगुणा, शालू बिष्ट, प्रकाशी गुसाईं, हेमलता मिश्रा, दान सिंह बिष्ट, जसवंत सिंह कंडारी, संजय जख्मोला, देवेंद्र असवाल, नरेंद्र रावत, जगदीश मिश्रा आदि शामिल थे। इसके अतिरिक्त गढ़वाल सभा कालका एवं गढ़वाल सभा पिंजौर के प्रधान भगवान सिंह एवं पीएल नवानी आदि अन्य लोग वर्तमान मुहिम के समर्थन में उपस्थित थे। इस अवसर पर एशियन जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता रोहित चमोली को अखिल भारतीय उत्तराखंड महासभा भारत चंडीगढ़ द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।