गौड़ीय मठ के राधा-माधव पहुंचे अपने नए घर, सागवान से बने सिंहासन पर हुए विराजमान

52वें धर्म सम्मेलन की शुरुआत, 11 अप्रैल को होगी भव्य रथ यात्रा

CHANDIGARH, 6 APRIL: श्री चैतन्य गौड़ीय मठ सेक्टर-20 चंडीगढ़ में 52वें धर्म सम्मेलन की शुरुआत हुई। इस सम्मेलन का आगाज़ श्री चैतन्य महाप्रभु व राधा माधव जी को नवनिर्मित सिंहासन पर विराजित करके किया गया। भगवान का नया सिंहासन बंगाल के कारीगरों द्वारा हाथों से बनाया गया है जिसे पूरा करने में 3 वर्ष लगे हैं। इस सिंहासन को बनाने में 16 लाख की लागत आई है। भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु व राधा माधव जी को 3 महीने बाद भव्य कार्यक्रम आयोजित करके उनके सिंहासन पर विराजित किया गया।

मठ के प्रवक्ता जय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्य पाद त्रिदंडी स्वामी भक्ति विचार विष्णु महाराज के सानिध्य में धर्म सम्मेलन के अंतर्गत 10 अप्रैल तक रोजाना रात्रि 7:30 बजे से 10:30 बजे तक कार्यक्रम आयोजित होंगे जिसमें वैष्णवों संतों द्वारा संकीर्तन किया जाएगा। 8 अप्रैल को सुबह 7:45 से 8:45 तक श्रीविग्रहों की महाभिषेक पूजा का आयोजन किया जाएगा।दोपहर 3 बजे बच्चों के लिए ड्राइंग कम्पटीशन भी आयोजित होगा। 10 अप्रैल को राम नवमीं उत्सव मनाया जाएगा। 11 अप्रैल को सायं 4 बजे से 7 बजे तक नृत्य संकीर्तन के साथ भगवान की रथ यात्रा द्वारा इस धर्म सम्मेलन का अंत होगा। कोरोना काल के बाद पहली बार इस रथ यात्रा का आयोजन होगा जिसमें करीब 5000 श्रद्धालुओं शामिल होंगे।

बुधवार रात्रि धर्म सभा की पहली सभा का विषय ‘विश्व शांति’ का उपाय रहा। इस सभा में मुख्य अतिथि महापौर चंडीगढ़ सरबजीत कौर, हरियाणा सरकार की मंत्री कमलेश दांडा व सोना ग्रुप ऑफ कंपनीज के चैयरमैन गिरधारीलाल जिंदल थे। अखिल भारतीय मठ के अध्यक्ष विष्णु महाराज एवं हैदराबाद से पधारे संत जितेंद्रीय महाराज ने विश्व शांति के उपाय पर बोलते हुए कहा कि भगवान की शरण में जाना ही विश्व शांति का एकमात्र उपाय है।

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