CHANDIGARH, 4 SEPTEMBER: आज श्री चैतन्य गौड़ीय मठ सेक्टर-20 चण्डीगढ़ में श्री राधा अष्टमी महोत्सव बहुत ही उल्लास उमंग एवं धूमधाम से विधिपूर्वक मनाया गया। मठ के प्रवक्ता जय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि प्रात:काल सर्वप्रथम मंगला आरती हुई। उसके पश्चात मठ के प्रबंधक वामन जी महाराज ने भक्तों को संबोधित किया। वामन जी महाराज ने कहा कि आज ही के दिन राधा रानी ने ब्रज मंडल स्थित मथुरा के रावल नामक स्थान पर राजा वृषभानु को सरोवर में कमल के फूल में प्रगट होकर दर्शन दिए थे एवं धरातल पर अवतरण लिया था। राधा रानी एवं श्री कृष्ण भगवान में कोई अंतर नहीं है। राधा रानी भगवान कृष्ण की शक्ति का रूप है। त्रिदंडी स्वामी श्री सिद्धांति महाराज जी ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि साल भर में सिर्फ 1 दिन श्रीमती राधा रानी जी के चरणों के दर्शन होते हैं और उनके चरण के दर्शन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है, विघ्नों का नाश होता है, भगवान श्री कृष्ण की कृपा एवं भक्ति प्राप्त होती है।
इस शुभ अवसर पर भक्तों में प्रातः काल से ही उमंग एवं जोश था। उन्होंने राधा रानी जी के जन्म महोत्सव की खुशी में झूम झूम कर नृत्य गान व संकीर्तन किया। राधा रानी जी के दोपहर बाद प्रगट होने पर उन्हें पंचामृत से महाभिषेक किया गया। तत्पश्चात उन्हें आकर्षक पोशाक परिधान एवं 56 भोग का व्यंजन अर्पित किया गया। इस शुभ अवसर पर मंदिर को फूलों को दुल्हन की तरह सजाया गया था। राधा रानी जी के प्रगट होने की खुशी में भक्तों ने गुलाब के फूलों की वर्षा की एवं जोश उमंग भरे माहौल में महासंकीर्तन का आनंद लिया। तत्पश्चात राधा रानी भगवान श्री कृष्ण को अर्पित महाप्रसाद भंडारे का आनंद लियाl