CHANDIGARH: पंजाब सरकार ने आज अंतर-विभागीय मीटिंग के दौरान महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने को जांच और अभियोजन अमले को मज़बूती देने के लिए कई कदम उठाने का निर्णय लिया, जिसमें महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण के मामलों से निपटने के लिए पोक्सो एक्ट के अधीन 9 और फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित करना और राज्य के सभी 27 पुलिस जि़लों में यौन उत्पीडऩ रिस्पांस टीमें गठित करना शामिल है।
यह फैसले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों की समयबद्ध जांच को यकीनी बनाने और अभियोजन दर में सुधार लाने के लिए हाल ही में जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत लिए गए हैं।
इस उच्च स्तरीय ऑनलाइन मीटिंग के दौरान मुख्य सचिव विनी महाजन ने अधिकारियों को हिदायत दी कि वर्ष 2016 से 2020 तक महिलाओं और बच्चों से सम्बन्धित लम्बित पड़े मामलों का पहल के आधार पर निर्णय किया जाए और इन मामलों में उच्च स्तरीय जांच यकीनी बनाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों की जांच में तेज़ी लाने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार करने के निर्देश दिए और महिलाओं और बच्चों के $िखला$फ हुए अपराधों के सम्बन्ध में सभी विभागों की भूमिका और जि़म्मेदारियां दिखाने के लिए कहा।
मुख्य सचिव विनी महाजन ने लम्बित मामलों की महीनावार प्रगति का जायजा लेने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (ए.सी.एस.) गृह की अध्यक्षता अधीन राज्य स्तरीय समिति गठित करने का हुक्म दिया और स्वास्थ्य, पुलिस और अभियोजन विभाग को प्रशिक्षण प्रोग्रामों के अलावा महिलाओं और बच्चों से जुड़े आपराधिक मामलों की बेहतर जाँच के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने सम्बन्धी निर्देश दिए और इस सम्बन्ध में कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए ज़रूरी प्रोग्रामों का प्रबंधन करने के लिए भी कहा।
इस मीटिंग में डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब दिनकर गुप्ता, प्रमुख सचिव सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास राज़ी पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण हुस्न लाल और सचिव गृह मामले अरुण सेखड़ी ने हिस्सा लिया। इसके साथ ही मीटिंग में एडीजीपी महिला एवं बाल मामले गुरप्रीत कौर दियो, डायरैक्टर पंजाब पुलिस अकैडमी (पी.पी.ए) फिल्लौर अनीता पुंज और डायरैक्टर प्रौसीक्यूशन एंड लिटीगेशन सतनाम सिंह कलेर भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा फोरेंसिक विज्ञान लैबोरेटरी (एफएसएल) में लम्बित पड़े मामलों के तेज़ी से निपटारे को यकीनी बनाने के लिए अतिरिक्त वैज्ञानिक अधिकारियों और फोरेंसिक माहिरों की भी भर्ती की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि पीडि़तों को मुआवज़ा मुहैया कराने की म़ज़ूरी सम्बन्धी प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा, जिससे मुआवज़े की अदायगी बिना किसी देरी के की जा सके।
मुख्य सचिव ने गृह विभाग को 9 और फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना में तेज़ी लाने की हिदायत की, जिसके लिए सरकार द्वारा म़ज़ूरी दे दी गई है और तीन फास्ट-ट्रैक अदालतें पहले ही लुधियाना और जालंधर में चल रही हैं। गौरतलब है कि राज्य में बलात्कार के मामलों से निपटने के लिए सात फास्ट-ट्रैक अदालतें पहले ही कार्यशील हैं।
श्रीमती महाजन ने बताया कि 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए विभिन्न प्रोजैक्ट शुरू किए जाएंगे।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि पंजाब पुलिस ने यौन शोषण के मामलों से निपटने के लिए सभी 27 पुलिस जि़लों में यौन उत्पीडऩ रिस्पांस टीमें स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही इस तरह के जाँच के अधीन मामलों की प्रगति पर विचार-विमर्श और निगरानी के लिए साप्ताहिक मीटिंगें की जाएंगी।
डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता ने बताया कि राज्य भर के सभी थानों में समर्पित हेल्प डैस्क स्थापित किए गए हैं और थानों में आने वाली महिला शिकायतकर्ताओं की समस्याएँ केवल महिला कर्मचारी ही सुनेंगी। उन्होंने कहा कि यह हेल्प डैस्क साझ केन्द्रों से काम करेंगे, जोकि पुलिस स्टेशनों के नज़दीक स्थित हैं। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि यौन शोषण से जुड़े मामलों से निपटने के लिए कुछ अन्य जि़ला स्तरीय विशेष अभियोजक नियुक्त किए जा सकते हैं।
डी.जी.पी. ने कहा कि पंजाब पुलिस अकैडमी फिल्लौर विभागों के दरमियान बेहतर तालमेल के लिए पुलिस, स्वास्थ्य, अभियोजन विभाग और फोरेंसिक विज्ञान लैबोरेटरी समेत विभागों के लिए साझे प्रशिक्षण सत्र और व्यक्तिगत वर्कशॉप का आयोजन करेगी। उन्होंने आगे कहा कि पहला प्रशिक्षण बैच तीन हफ़्तों के अंदर-अंदर शुरू किया जाएगा। शुरुआत में यह प्रशिक्षण ऑनलाइन करवाया जाएगा, जबकि बाद में फिजिकल तौर पर प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।