पंजाब: सब-इंस्पेक्टर की कार के नीचे आईईडी लगाने वाले व्यक्ति समेत सात व्यक्ति गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने आतंकवादी-गैंगस्टर गठजोड़ के एक और मामले का किया पर्दाफाश, कैनेडा आधारित गैंगस्टर लखबीर ही इस साजिश का मास्टरमाइन्ड निकला: डीजीपी गौरव यादव

CHANDIGARH, 28 AUGUST: डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने आज यहाँ बताया कि अमृतसर में सब-इंस्पेक्टर की कार के नीचे इम्परूवाईजड़ एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाने वाले व्यक्ति समेत सात व्यक्तियों की गिरफ़्तारी के साथ पंजाब पुलिस ने सरहदी राज्य में शांति भंग करने के लिए काम कर रहे आतंकवादी-गैंगस्टरों के गठजोड़ के एक और मामले का पर्दाफाश किया है। बताने योग्य है कि इस साजिश के पीछे कैनेडा आधारित गैंगस्टर लखबीर सिंह उर्फ लंडा का हाथ होने का पता लगा है।  

16 अगस्त, 2022 को दो अन्जाने मोटरसाईकल सवार व्यक्तियों ने सी-ब्लॉक रणजीत एवैन्यू, अमृतसर के क्षेत्र में सब-इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह के आवास के बाहर खड़ी एसयूवी बोलैरो (पीबी02-सीके-0800) के नीचे एक आई.ई.डी. लगाया था। स्थानीय पुलिस ने मौके से करीब 2.79 किलोग्राम वजऩ वाला मोबाइल फ़ोन-ट्रिगरिंग आई.ई.डी. और 2.17 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई।  

कार के नीचे प्रीफैब्रीकेटिड आई.ई.डी. लगाने वाले गिरफ़्तार व्यक्ति की पहचान तरन तारन के गाँव पट्टी के दीपक (22) के तौर पर हुई है, जबकि लॉजिस्टिक, तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले 6 अन्य गिरफ़्तार व्यक्तियों की पहचान गाँव सभरा तरन तारन के निवासी हरपाल सिंह (पंजाब पुलिस में कॉन्स्टेबल) और फतेहदीप सिंह; हरीके तरन तारन के निवासी राजिन्दर कुमार उर्फ बाऊ; भिक्खीविंड के रहने वाले खुशहालबीर सिंह उर्फ चिट्टू, वरिन्दर सिंह उर्फ अब्बू और गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी के तौर पर हुई है। वरिन्दर और गोपी, जोकि गोइन्दवाल जेल में बंद थे और लंडा के करीबी हैं, ने निर्धारित जगह से आईईडी प्राप्त करने के लिए खुशहालबीर की मदद ली थी।  

पुलिस ने मुलजिमों के पास से दीपक द्वारा आईईडी लाने के लिए इस्तेमाल किया गया हीरो एचएफ-100 मोटरसाईकल (पीबी38ई2670) और पाँच मोबाइल फ़ोन बरामद किये हैं। इसके अलावा फतेहदीप और हरपाल के कब्ज़े से 2.52 लाख रुपए और 3614 यूएस डॉलर, 220 यूरो, 170 पाऊंड और पासपोर्ट बरामद किये हैं।  

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस को घटना के अगले ही दिन दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हरपाल और फतेहदीप, जो मालदीव फऱार होने की कोशिश कर रहे थे, की गिरफ़्तारी के साथ इस मामले में पहली सफलता मिली।  

उन्होंने बताया कि गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों से पूछताछ में राजिन्दर बाऊ की शमूलियत का खुलासा हुआ, जो कि कोविड-19 टीकाकरण सम्बन्धी सर्टिफिकेट न होने के कारण भारत से भागने में असफल रहने के बाद शिरडी भाग गया था। उन्होंने आगे बताया कि बाऊ को 20 अगस्त, 2022 को एटीएस मुम्बई की सहायता से गिरफ़्तार किया गया था।  

मामले की अगली जांच के दौरान जेल के दो कैदियों वरिन्दर और गुरप्रीत की भूमिका का पता चला, जिन्होंने कैनेडा स्थित आतंकवादी लखबीर लंडा के निर्देशों पर आईईडी प्राप्त करने और इसको दीपक और उसके साथी को सौंपने के लिए खुशहालबीर चिट्टू और फतेहदीप की मदद ली थी, फिर दीपक और उसके साथी द्वारा यह आईईडी सब-इंस्पेक्टर की कार के नीचे लगाया गया। उन्होंने बताया कि खुशहालबीर को 21 अगस्त, 2022 को गिरफ़्तार किया गया था।  

डीजीपी ने कहा कि खुशहालबीर फतेहदीप के साथ लंडा द्वारा बताए गए स्थान से आईईडी लेने के लिए गया था, जो उनको वीडियो चैट के द्वारा स्थान पर जाने संबंधी समझा रहा था। उन्होंने कहा कि 16 तारीख़ की सुबह को लंडा के निर्देशों पर हरपाल, फतेहदीप और राजिन्दर बाऊ रणजीत एवैन्यू क्षेत्र में गए, जिससे यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि आईईडी का धमाका करने के लिए सब कुछ ठीक है। लंडा तीनों से जानकारी लेकर सारी कार्यवाही की निगरानी कर रहा था।  

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि दीपक, फतेहदीप, रजिन्दर बाऊ और हरपाल का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और लंडा ने उनको अन्य देशों के द्वारा ग़ैर-कानूनी तौर पर विदेशों ख़ासकर कैनेडा में बसाने के वादे के साथ आतंकवादी गतिविधियाँ करने के लिए प्रेरित किया था।  
पुलिस कमिश्नर (सीपी) अमृतसर अरुण पाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने दीपक के साथी की भी पहचान कर ली है, जो कि आईईडी लगाने के लिए उसके साथ मोटरसाईकल पर गया था। इसके अलावा मोटरसाईकल के मालिक और मोटरसाईकल का प्रबंध करने वाले व्यक्ति की पहचान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बाकी मुलजिमों को पकडऩे के लिए पुलिस टीमें छापेमारी कर रही हैं और जल्द ही वह सलाखों के पीछे होंगे।  

जि़क्रयोग्य है कि कॉन्स्टेबल हरपाल को आतंकवादी गतिविधियों में भूमिका के लिए जल्द ही नौकरी से बखऱ्ास्त कर दिया जायेगा। थाना रणजीत एवैन्यू अमृतसर में विस्फोटक पदार्थ एक्ट की धाराओं 3, 4 और 5 के तहत एफआईआर नंबर 152 तारीख़ 16.08.2022 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।  

लखबीर कौन है?  लखबीर लंडा (33), जो कि तरन तारन का रहने वाला है और 2017 में कैनेडा भाग गया था, ने मोहाली में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस हैडक्वाटर पर रॉकेट प्रोपैल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) आतंकवादी हमले की भी साजिश रची थी। वह पाकिस्तान आधारित वांछित गैंगस्टर हरविन्दर सिंह उर्फ रिन्दा का करीबी माना जाता है, जिसने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के साथ हाथ मिलाया था।  

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