पांच केंद्रीय टीमें करेंगी सूखे अनाज का आंकलन
CHANDIGARH, 12 APRIL: पंजाब सरकार ने गर्मी की लहर की शुरुआत के परिणामस्वरूप अनाज की उपस्थिति में बदलाव को देखते हुए सूखे अनाज के मानदंडों में छूट की मांग की है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारुचक ने आज इसका खुलासा करते हुए कहा कि अचानक अभूतपूर्व गर्मी की लहर, जो मार्च के अंतिम सप्ताह से ही राज्य में उतरी है और पिछले 2 सप्ताह से जारी है, ने गेहूं का उत्पादन किया है। अनाज का सिकुडऩा, जो एक प्राकृतिक घटना है और जिस तरह से किसान ने अपनी फसल की खेती की है, उससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे में किसान द्वारा लाए गए किसी भी ढेर को खरीदने से इंकार करना अनुचित है, जिसमें निर्धारित अनाज की तुलना में सिकुड़े हुए अनाज का प्रतिशत अधिक है।
आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के सचिव ने कल एक अर्ध आधिकारिक पत्र सचिव, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, भारत सरकार को लिखा था कि उनसे गेहूं के लिए सिकुड़े हुए अनाज के विनिर्देशों में छूट की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि एफसीआई क्षेत्रीय कार्यालय भी अपने जिला कार्यालयों से मंडियों में आ रही फसल के नमूने एकत्र कर रहा है और इस संबंध में रिपोर्ट संकलित कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने खरीदे जा रहे गेहूं में केवल 6त्न सिकुड़े अनाज की अनुमति दी है, जबकि राज्य के कई हिस्सों में सिकुड़े हुए अनाज का प्रतिशत बहुत अधिक देखा गया है।
मंत्री ने किसानों से धैर्य रखने की अपील की क्योंकि पंजाब सरकार इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने के लिए लगातार भारत सरकार के संपर्क में है। उन्होंने खरीद एजेंसियों के प्रबंध निदेशकों को इन परीक्षण स्थितियों के तहत क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने मंडियों में आने वाले गेहूं का एक-एक दाना खरीदने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
दूसरी तरफ, पंजाब सरकार के राज्य भर में खरीदे जा रहे गेहूं में सिकुड़े अनाज के विनिर्देशों की समीक्षा करने के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार ने आज समस्या की सीमा का आकलन करने के लिए पांच टीमों का गठन करने का निर्णय लिया। यह जानकारी देते हुए पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि ये दल कल राज्य में पहुंचेंगे और मंडियों में आने वाले सूखे अनाज की मात्रा का प्रत्यक्ष आकलन करने के लिए पंद्रह जिलों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह डेटा विनिर्देशों में उचित छूट देने पर अंतिम निर्णय लेने में भारत सरकार की मदद करेगा।
उल्लेखनीय है कि अत्यधिक गर्मी के कारण कई स्थानों पर गेहूं का दाना सूख गया है और कुछ मंडियों में आने वाले अनाज में 6त्न की अनुमेय सीमा से अधिक सिकुड़ा हुआ अनाज होता है। प्रवक्ता ने कहा कि इन टीमों के दौरे के दौरान कुछ मंडियों में चल रही खरीद अस्थायी रूप से बाधित हो सकती है और उन्होंने किसानों और खरीद एजेंसियों के पदाधिकारियों से इस संबंध में सहयोग करने की अपील की।