पंजाब पुलिस ने लॉरेंस-रिन्दा गिरोह के 11 गुर्गे दबोचे, 7 संभावित हत्याओं को टाला

CHANDIGARH 30, JUNE: एडीजीपी एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए.जी.टी.एफ.) प्रमोद बान ने आज यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुये बताया कि एक व्यापक और योजनाबद्ध ऑपरेशन में पंजाब पुलिस ने गैंगस्टरों लारेंस बिशनोयी और हरविन्दर रिन्दा की हिमायत वाले एक अंतर-राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसके 11 सदस्यों को गिरफ्तार करके उनसे 9 हथियार और पांच लूटे गए वाहन बरामद किये हैं। यह कार्यवाही जालंधर ग्रामीण पुलिस द्वारा की गई। 

गिरफ्तार किये गए व्यक्तियों की पहचान नकोदर, जालंधर के मुहम्मद यासीन अख्तर उर्फ जैसी पुरेवाल; मोहाली के नवां शहर बडाला के सागर सिंह; समराला, लुधियाना के अमर मलिक; लोहियाँ, जालंधर का नवी; नकोदर, जालंधर के अंकुश सबरवाल उर्फ पाया; ऊना (एचपी) के सुमित जसवाल उर्फ काकू; फिलौर, जालंधर का अमनदीप उर्फ शूटर; फिलौर, जालंधर के शिव कुमार उर्फ शिव; विशाल उर्फ फौजी निवासी नकोदर, जालंधर; ऊना(एचपी) के अरुण कुमार उर्फ मनी राणा और कपूरथला के अनू उर्फ पहलवान के तौर पर हुयी है। गिरफ्तार किये गए सभी व्यक्तियों का पुराना अपराधिक रिकार्ड है जो घृणित अपराधों के मामलों का सामना कर रहे हैं। 

एडीजीपी प्रमोद बान जिनके साथ एसएसपी जालंधर ग्रामीण स्वप्न शर्मा भी मौजूद थे, ने बताया की यह गिरोह कई पड़ोसी राज्यों में सक्रिय है और कत्ल, कत्ल की कोशिश, हथियारबंद डकैती, संगठित फिरौती, डकैती और नशा तस्करी जैसे अपराधों में शामिल था। उन्होंने आगे कहा, ‘‘इनकी गिरफ्तारी के साथ पंजाब पुलिस ने कम से कम सात कत्ल, दो पुलिस हिरासत से भगाने और चार हथियारबंद डकैतियों को नाकाम कर दिया है।’’

ए. डी. जी. पी. ने बताया की प्राथमिक जांच अनुसार इस गिरोह को हरविन्दर सिंह उर्फ रिन्दा के निर्देशों पर गोलडी बराड़ का साथी विक्रम बराड़ चला रहा था। जि़क्रयोग्य है कि राजस्थान के हनूमानगढ़ का रहने वाला बराड़ इस समय विदेश में रह रहा है और वह छह राज्यों की पुलिस को वांछित है। वह लारेंस बिशनोयी का सहपाठी है और सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है। 

गिरफ्तार किये व्यक्तियों के बारे जानकारी देते हुये एसएसपी स्वप्न शर्मा ने बताया कि मुहम्मद यासीन अख्तर उर्फ जैसी एक साल से लापता है। उन्होंने आगे बताया कि बराड़ और लारेंस का नजदीकी साथी जैसी कम से कम 16 अपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। 
उन्होंने बताया की गिरफ्तार किये गए एक और व्यक्ति जिसकी पहचान अंकुश सबरवाल उर्फ पाया के तौर पर हुयी है, के खिलाफ छह अपराधिक मामले दर्ज हैं। अंकुश 2014 में नकोदर के एक आईलैटस सेंटर में विक्रम बराड़ का विद्यार्थी था और महाराष्ट्र के सौरव महाकाल, जिसको पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, को सुरक्षित पनाह मुहैया करवा रहा था। महाकाल के राज्य में दो महीने मौजूद रहने के समय दौरान उसने महाकाल के साथ मिलकर पंजाब में तीन अपराधों को अंजाम भी दिया था। 

एसएसपी ने बताया कि अरुण कुमार उर्फ मनी राणा जेल में बंद गैंगस्टर है और लारेंस-जग्गू भगवानपुरिया ग्रुप के इशारे पर कार्यवाही कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि गिरफ्तार किये गए गिरोह ने ऊना, हिमाचल प्रदेश में एक अदालती सुनवायी के दौरान मनी राणा के पुलिस हिरासत में से भागने की योजना बनायी थी। उन्होंने बताया की सुमित जसवाल उर्फ काकू को गिरफ्तार कर लिया गया है क्योंकि वह भागने की इस कोशिश के लिए रेकी करने और लौजिस्टिकस का प्रबंध करने में सक्रियता से शामिल था। उन्होंने कहा कि इस गिरोह की गिरफ्तारी से दोआबा क्षेत्र और खास कर जालंधर में संगठित अपराधिक गतिविधियों को बड़ी चोट लगी है। जि़क्रयोग्य है कि पिछले दो महीनों के दौरान जालंधर ग्रामीण पुलिस ने राज्य भर में अलग-अलग जेलों में बंद गैंगस्टरों से सम्बन्धित 32 गैंग सदस्यों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे में से 38 हथियार बरामद किये हैं।

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