पंजाब के खेल मंत्री राणा सोढी ने किया ऐलान- बुजुर्ग खिलाड़िय़ों की पैंशन के लिए कोई सालाना आय सीमा नहीं होगी
ओलम्पियन मुक्केबाज़ लक्खा सिंह को खेल विभाग में प्रशिक्षक की नौकरी देने का ऐलान, अर्जुन, ध्यान चंद एवं तेनजि़ंग अवार्ड विजेताओं का किया सम्मान
CHANDIGARH: पंजाब के खेल एवं युवा सेवाओं और प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने ऐलान किया है कि लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड विजेता स्वत: ही पंजाब के प्रतिष्ठित अवार्ड महाराजा रणजीत सिंह पुरस्कार के लिए योग्य होंगे। खेल मंत्री ने यह ऐलान अपने सरकारी निवास पर अर्जुन, ध्यान चंद एवं तेनजि़ंग नोरगे अवार्ड विजेताओं का सम्मान करते हुए किया।
समागम के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रवासी भारतीय मामले कृपा शंकर सरोज और डायरैक्टर खेल डीपीएस खरबन्दा भी उपस्थित थे। खेल मंत्री ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार द्वारा साल 2018 में बनाई गई खेल नीति में अर्जुन अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं को स्वत: ही महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड हासिल करने के हकदार बनाया गया था, जिसके अंतर्गत पिछले साल 2019 में पुराने दिग्गज खिलाडिय़ों समेत 101 खिलाडिय़ों को महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड के साथ सम्मानित किया गया था। अब इस नीति में सभी राष्ट्रीय खेल अवार्ड विजेता खिलाड़ी शामिल होंगे, जिसमें ध्यान चंद अवार्ड और द्रोणाचार्य अवार्ड भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड विजेताओं (द्रोणाचार्य और ध्यान चंद ऐवार्डी) स्वत: ही महाराजा रणजीत सिंह अवार्डों के लिए योग्य हो जाएंगे। इसलिए खेल नीति में जल्द ही अपेक्षित बदलाव किया जाएगा। मंत्री ने खेल डायरैक्टर को कहा कि वह खेल नीति में जल्द ही अपेक्षित बदलाव यकीनी बनाएं। कैबिनेट मंत्री ने सभी जि़ला खेल अफसरों को भी हिदायत की कि वह अपने जि़लों से सम्बन्धित महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड के लिए योग्य खिलाडिय़ों के फॉर्म भरवाकर हैडक्वाटर में भेजें, जिससे कोई भी योग्य खिलाड़ी वंचित न रहे।
खेल मंत्री ने ऐलान किया कि बुज़ुर्ग खिलाडिय़ों को दी जाने वाली पैंशन पर सालाना आय की कोई सीमा नहीं लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पुराने खिलाड़ी की कितनी भी सालाना आय हो, वह पैंशन का हकदार बना रहेगा। आगामी खेल मुकाबलों के लिए इन खिलाडिय़ों को राज्य सरकार द्वारा हर तरह की मदद मुहैया कराने का भरोसा देते हुए खेल मंत्री ने कहा कि खेल के क्षेत्र में पंजाब तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, क्योंकि सरकार ने नौजवानों को उत्साहित करने के लिए व्यापक खेल नीति ऐलानी है, जिसमें नौजवानों को बड़े स्तर पर शामिल करना, पदक जीतने वाली संभावी खेल पर अधिक ध्यान केंद्रित करना, बच्चों एवं नौजवानों के सम्मिलन के लिए पाठ्यक्रम में बुनियादी बदलाव, पदक विजेताओं के लिए वित्तीय सहायता बढ़ानी और सरकारी एवं प्राईवेट क्षेत्र में होनहार खिलाडिय़ों के लिए नौकरियों के मौके मुहैया करवाना शामिल है।
खेल मंत्री ने कहा कि जुलाई महीने में हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान खिलाडिय़ों के लिए नौकरियों के और मौके सृजन करने का अहम फ़ैसला लिया गया था। अब राष्ट्रीय खेल/सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिपें/मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में स्वर्ण, रजत और कांस्य के पदक जीतने वाले खिलाड़ी ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के पदों पर भर्ती के लिए योग्य होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में खिलाडिय़ों के लिए अलग कोटा सृजन करने की सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार, पंजाब के निवासी ग्रेडिड खिलाडिय़ों, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर राज्य की नुमायंदगी की है, उनके लिए सरकारी, बोर्डों, निगमों, सहकारी/वैधानिक संस्थाओं और स्थानीय निकाय की नौकरियों में 3 प्रतिशत आरक्षित कोटा जारी रखने के लिए वचनबद्ध है। समागम के दौरान जिन खिलाडिय़ों का सम्मान किया गया, उनमें हॉकी खिलाड़ी आकाशदीप सिंह (अर्जुन अवार्ड विजेता), एथलीट कुलदीप सिंह भुल्लर, हॉकी खिलाड़ी अजीत सिंह, कबड्डी खिलाड़ी मनप्रीत सिंह, रोइंग खिलाड़ी मनजीत सिंह, फ़ुटबाल खिलाड़ी सुखविन्दर सिंह और मुक्केबाज़ लक्खा सिंह (सभी मेजर ध्यान चंद अवार्ड विजेता) और तेनजि़ंग नोरगे राष्ट्रीय अवार्ड विजेता कर्नल सरफऱाज सिंह शामिल हैं।
राणा सोढी ने इन खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन देते हुए कहा कि सभी खिलाड़ी अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए और ज्य़ादा कोशिश करें और राज्य के लिए और नाम कमाएं। इस दौरान जहाँ खिलाडिय़ों ने खेल सम्बन्धी अपने तजुर्बे साझे किए, वहीं उनके और सगे-संबंधियों ने खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी का विशेष तौर पर धन्यवाद किया। खेल मंत्री ने खिलाडिय़ों को भरोसा दिलाया कि उनकी माँगें जल्द पूरी की जाएंगी।
इसके साथ ही खेल मंत्री ने हाल ही में ध्यान चंद अवार्ड हासिल करने वाले एशियाई खेल के पदक विजेता और ओलम्पियन मुक्केबाज़ लक्खा सिंह की कमज़ोर माली हालत के सम्मुख ऐलान किया कि खेल विभाग द्वारा लक्खा सिंह को नौकरी दी जाएगी, जिसके लिए उन्होंने खेल विभाग के डायरैक्टर को इसी महीने मुक्केबाज़ी प्रशिक्षक के तौर पर नौकरी देने के निर्देश दिए। जि़क्रयोग्य है कि लक्खा सिंह अपनी कमज़ोर माली हालत के कारण टैक्सी चलाकर गुज़ारा कर रहा है।
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