क्रिकेटर सुरेश रैना के रिश्तेदारों पर हमले और कत्ल का मामला सुलझा, 3 गिरफ्तार

लुटेरों-अपराधियों के अंतरराज्यीय गैंग के 11 अन्य सदस्यों की तलाश जारीः डी.जी.पी.

CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज क्रिकेटर सुरेश रैना के रिश्तेदारों पर हुए हमले और कत्ल केस को सुलझाने का ऐलान किया है और बताया कि लुटेरों-अपराधियों के अंतरराज्यीय गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ़्तार किया गया है।

पठानकोट जि़ले में थाना शाहपुर कंडी के गाँव थर्याल में 19 अगस्त की रात को घटी घटना में गिरफ़्तारियों संबंधी विस्तार में जानकारी देते हुए डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने कहा कि 11 अन्य दोषियों को अभी गिरफ़्तार किया जाना बाकी है। रैना के अंकल अशोक कुमार जो ठेकेदार थे, की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके पुत्र कौशल कुमार 31 अगस्त को दम तोड़ गए और उनकी पत्नी आशा रानी दीना नाजुक हालत में अस्पताल में उपचाराधीन है। हमले में ज़ख्मी हुए दो अन्य व्यक्तियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने मामले की विस्तृत और तेज़ी से जांच करने के लिए आई.जी. बॉर्डर रेंज अमृतसर के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) का गठन करने के आदेश दिए थे, जिसमें पठानकोट के एस.एस.पी., एस.पी. (इन्वेस्टिगेशन) और डी.एस.पी. धार कलाँ इसके मैंबर हैं। डी.जी.पी. ने बताया कि जांच के दौरान एस.आई.टी. ने केस (एफ.आई.आर. 153 तारीख़ 20 अगस्त, 2020 आई.पी.सी. की धारा 460/459 /458) के साथ सम्बन्धित प्रस्थितियों और भौतिक सबूतों को एकत्रित किया और पड़ताल के दौरान आई.पी.सी. की धारा 302, 307, 148, 149 भी जोड़ी गई। जांच में 100 से अधिक संदिग्ध व्यक्तियों को शामिल किया गया।

15 सितम्बर को एस.आई.टी. को सूचना प्राप्त हुई कि तीन संदिग्धों, जिनको घटना के बाद सुबह के समय पर डिफेंस रोड़ पर देखा गया था, पठानकोट रेलवे स्टेशन के नज़दीक झुग्गियों में रह रहे थे। पुलिस ने छापा मारा और इन तीनों को काबू कर लिया। डी.जी.पी. के मुताबिक इनकी पहचान सावन ऊर्फ मैचिंग, मोहब्बत और शाहरुख ख़ान के तौर पर हुई है, जो मौजूदा समय में राजस्थान के जि़ला चिवाड़ा और पिलानी झुग्गियों के निवासी हैं। इनसे सोने की अंगूठी, महिला की एक अंगूठी, महिला की एक सोने की चेन और 1530 रुपए बरामद किए गए। प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ कि यह गैंग बाकियों के साथ मिलकर अपनी सरगर्मियाँ चला रहा था और उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के अन्य हिस्सों में पहले भी ऐसे कई अपराधों को अंजाम दे चुका है। यह गैंग नहरों, रेलवे लाईनज़, हाई वोल्टेज तारों आदि कुदरती निशानों के बाद 2-3 के समूहों में अपराध वाले स्थानों की तरफ बढ़ते थे।

सावन, जो उत्तर प्रदेश का मूल निवासी है, ने एस.आई.टी. को बताया कि 12 अगस्त को वह चिरावा और पिलानी से एक ऑटो (पी.बी. 02 जी. 9025) जिसका मालिक नौसाऊ है, ग्रुप के तौर पर चले थे। नौसाऊ भी चिरावा की झुग्गियों में रह रहा था। नौसाऊ तीन अन्य समेत राशिद, रेहान, जबराना, वापहला, तवज्जल बीबी और एक अज्ञात व्यक्ति के साथ शामिल था। यह व्यक्ति जगराओं (लुधियाना) पहुँचे, जहाँ तीन अन्य रींड़ा, गोलू और साजन भी साथ मिल गए। उन्होंने हार्डवेयर स्टोर से एक आरी, दो प्लायर और एक स्कर्यू ड्राइवर और लुधियाना में कपड़े की दुकान से कच्छे एवं बनयन खरीदीं। वह 14 अगस्त की रात को जगराओं में लूट करने के बाद पठानकोट की तरफ चले गए।

डी.जी.पी. ने बताया कि पठानकोट के एस.एस.पी. गुलनीत खुराना के मुताबिक पठानकोट में संजू नाम का व्यक्ति जो इलाके से अच्छी तरह वाकिफ़ था, भी इनके साथ मिल गया। इस गैंग ने इलाके की रैकी भी की। 19 अगस्त की रात को 7-8 बजे के दरमियान निश्चित कार्य विधि के मुताबिक वह 2-3 व्यक्तियों के ग्रुपों में चले और खेत में तय जगह पर पहुँचे जहाँ राशिद, नौसाऊ और संजू उर्फ छज्जू लकड़ी की लाठियां लेने के लिए गए जहाँ उन्होंने नीलगिरी का वृक्ष काटा। रैकी के दौरान उन्होंने शटरिंग की दुकान की पहले ही पहचान की हुई थी, जहाँ बाँस की सीढिय़ों को चेन के साथ बांधा हुआ था। पहले दो घर जहाँ उन्होंने सीढिय़ाँ रखी थीं, में एक गोदाम और एक खाली घर था, जबकि तीसरा घर अशोक कुमार का था।

दोषियों में पांच व्यक्ति छत वाले के पास से सीढ़ियां इस्तेमाल करके घर में दाखि़ल हुए, जहां उन्होंने तीन व्यक्तियों को चटाई पर पड़े देखा। घर में जाने से पहले उन्होंने इन तीनों के सिर में चोट मारी, जहाँ उन्होंने नकदी और सोने के गहने लेकर भागने से पहले दो अन्य व्यक्तियों पर हमला किया। इसके बाद दोषियों ने नहर पर पहुँचने के लिए खुले मैदान के द्वारा बिजली की हाई टेंशन तारों को पार किया, जहाँ वह रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के लिए दो-दो और तीन-तीन के समूहों में बाँटे गए। नकद और गहने आपस में बांट लेने के बाद वह बिखर गए।  फऱार हुए 11 व्यक्तियों जिनमें से एक व्यक्ति की पहचान हो चुकी है, को काबू करने और इस गैंग की सम्मिलन वाली अन्य डकैतियों को सुलझाने के लिए जांच अभी भी जारी है।

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