मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने की वचनबद्धता दोहराई
CHANDIGARH, 24 MAY: पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने की अपनी सरकार की वचनबद्धता दोहराते हुये मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को अपने विभाग में एक प्रतिशत कमीशन मांगने के दोषों के तहत बरख़ास्त कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मेरी सरकार घूसख़ोरी को कतई बरदाश्त न करने की राह पर चलती रहेगी और किसी को भी, चाहे वह कितना भी रसूखदार क्यों न हो, उसे ऐसी अनियमितताओं की इजाज़त नहीं दी जा सकती।“
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्होंने डॉ. सिंगला को अपनी कैबिनेट में से बरख़ास्त कर दिया है और पुलिस को केस दर्ज करने के लिए कह दिया है। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ़ उनके ही ध्यान में था और वह इसको आसानी से दबा या टाल सकते थे परन्तु उन्होंने खटकड़ कलां की पवित्र धरती पर पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त करने का प्रण लिया था और इस दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने उनको पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिए चुना था और हमारा यह फ़र्ज़ बनता है कि हर पंजाबी की इच्छाओं पर खरा उतरें। उन्होंने कहा कि चाहे देश को आज़ाद हुए को 75 साल हो चुके हैं परन्तु राज्य में ऐसी कोई मिसाल नहीं मिलती, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने साल 2015 में तब मिसाल कायम की, जब उन्होंने भ्रष्टाचार के दोषों के तहत अपने ख़ाद्य एवं सप्लाई मंत्री को बरख़ास्त किया था। भगवंत मान ने कहा कि हमारा संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि राज्य में भ्रष्ट कार्यवाहियों की इजाज़त नहीं दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनसे पहले मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को पनाह देते रहे और बाद में यह कहते रहे हैं कि उनको अपने मंत्रियों की तरफ से किये जा रहे भ्रष्टाचार के बारे पता था। भगवंत मान ने कहा कि अब पंजाब में ऐसी कार्यवाहियां बिल्कुल बरदाश्त नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंगला ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है और अब कानून अपना काम करेगा।
विरोधी पक्ष पर तनज़ कसते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी भ्रष्टाचार संबंधी हमारी सरकार पर राजनैतिक निशाने साधेंगे परन्तु उन्होंने भ्रष्टाचार के खि़लाफ़ कदम उठाया है, जबकि विरोधी हमेशा भ्रष्ट नेताओं को बचाते और आगे बढ़ने में मदद करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का इरादा और नीयत साफ़ है कि भ्रष्ट कार्यवाहियों की इजाज़त नहीं दी जायेगी और जो भी भ्रष्टाचार में शामिल होगा, उसे गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।