CHANDIGARH: राज्य में लगातार चल रही शीत लहर के मद्देनजऱ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब में तापमान में गिरावट देखी जा रही है और ठंड के लम्बे समय तक संपर्क में रहने से कई बीमारियाँ जैसे फ्लू, नाक बहना, हाइपोथर्मीया, फरौस्टबाईट आदि होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे ठंडे मौसम से अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी के बारे में और अधिक जानकारी देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के डायरैक्टर डॉ. अन्देश ने कहा कि लोगों को शीत लहर के बारे में मौसम विभाग के पूर्वानुमानों पर नजऱ रखनी चाहिए।
शीत लहर के हालातों के मद्देनजऱ पंजाब के लिए मौसम विभाग द्वारा ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को शीत लहर की स्थितियों से अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों की पूरी तरह से पालना करनी चाहिए। उसने ओमीक्रॉम वेरीऐंट के खतरे के विरुद्ध भी चेतावनी दी, क्योंकि यह डेल्टा वेरीऐंट की अपेक्षा तीन गुना अधिक संक्रामक है और उन्होंने लोगों को अपना टीकाकरण पूरा करने और कोविड के अनुरूप व्यवहार की पालना करने की अपील की। शीत लहर से पहले स्थानीय मौसम के पूर्वानुमानों के लिए रेडियो सुनो, टीवी देखो, अखबारें पढ़ो। भारतीय मौसम विभाग द्वारा मौसम की चेतावनी को ट्रैक करो, ज़रुरी सर्दियों के कपड़ों का स्टॉक करो, कपड़े की कई परतें और ज्यादा मददगार हैं। अतिरिक्त भोजन, पीने वाला पानी, दवाएँ, और अन्य ज़रूरी सामान जैसी संकटकालीन सप्लाईओं को तैयार रखो। ठंड के लम्बे समय तक संपर्क में रहने से विभिन्न बीमारियाँ जैसे फ्लू, नाक बहने की संभावना बढ़ जाती है, इन जैसे लक्षणों के लिए डॉक्टर से संपर्क करो।ठंडी लहर के दौरान यह करोमौसम की जानकारी और संकटकालीन प्रक्रिया की जानकारी का ध्यान से पालन करो और सलाह के अनुसार काम करो।
जितना संभव हो सके घर के अंदर रहो और ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए यात्रा को कम से कम करो। ढीली फिटिंग और कपड़े की कई परतें पहनो। तंग कपड़े खून के चक्कर को घटाते हैं। कपड़ों की एक परत की बजाय विंडप्रूफ़ गर्म ऊनी मल्टी-लेयर कपड़े पहनो। अपने आप को सूखा रखो। यदि गीला हो तो अपने सिर, गर्दन, हाथों और पैरों की उंगलियों को उचित ढंग से ढकें, क्योंकि ज़्यादातर सर्दी का नुकसान शरीर के इन अंगों के द्वारा होता है। दस्ताने की अपेक्षा मिटन को प्राथमिकता दो, मिटन और ज्यादा गर्मी और इनसूलेशन प्रदान करते हैं, क्योंकि उंगलियाँ अपनी गर्मी को साझा करती हैं और ठंड के लिए कम सतह क्षेत्र का पर्दाफाश करती हैं, गर्मी के नुकसान को रोकने के लिए टोपियाँ और मफ़लर का प्रयोग करो, इंसूलेट्ड/वॉटरप्रूफ जूते पहनें।
शरीर के तापमान के संतुलन को बनाए रखने के लिए सेहतमंद भोजन खाओ, अपेक्षित रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियाँ खाओ। गर्म तरल पदार्थ नियमित तौर पर पीओ, क्योंकि यह ठंड से लडऩे के लिए शरीर की गर्मी को बरकरार रखेगा।अपनी चमड़ी को नियमित रूप से तेल, पैट्रोलियम जैली या बॉडी क्रीम से नमी दो, बुजुर्ग लोगों और बच्चों का ध्यान रखो। उन पड़ोसियों की जांच करो जो अकेले रहते हैं और बुजुर्ग हैं, उनकी तंदरुस्ती संबंधी।
ज़रूरत के अनुसार ज़रूरी सामान स्टोर करो। उपयुक्त पानी स्टोर करो, क्योंकि पाईपें जम सकती हैं। ग़ैर-औद्योगिक भवनों के लिए हीट इनसूलेशन पर गाईड की पालना करो और ज़रूरी तैयारी के उपाय करो। ठंड के लम्बे समय तक संपर्क में रहने से चमड़ी फीकी, सख़्त और सुन्न हो सकती है, और शरीर के खुले अंगों पर काले छाले हो सकते हैं और तुरंत डॉक्टर की सलाह लो। ठंड के लक्षणों जैसे कि ठंड की लहर के संपर्क में आने के समय पर, उंगलियाँ, पैरों की उंगलियाँ, कानों की लोबां और नाक के सिरे पर सुन्न होना, सफ़ेद या फीके दिखने के लक्षणों के लिए ध्यान रखो। हल्के गर्म (गर्म नहीं) पानी से ठंड से प्रभावित अंगों का इलाज करो।
शीत लहर के गंभीर संपर्क से हाइपोथर्मीया हो सकता है-शरीर के तापमान में कमी जिससे बोलने में कपकपी, नींद आना, मासपेशियों में ऐंठन, साँस लेने में कठिनाई हो सकती है। हाइपोथर्मीया एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसके लिए तुरंत डॉक्टरी सहायता की ज़रूरत होती है। हाइपोथर्मीया/फरौस्टबाईट से पीडि़त किसी व्यक्ति के लिए जितनी जल्दी हो सके डॉक्टरी सहायता लो, नाक बहने के लक्षणों के लिए डॉक्टर की सलाह लो, ख़ासकर कोविड-19 महामारी के दौरान पालतू जानवरों को घर के अंदर ले जाओ। पशुओं या घरेलू जानवरों को अंदर ले जाकर ठंडे मौसम से बचाओयह न करने की हिदायतें ठंड के लम्बे समय तक संपर्क से बचो, कपकपी को नजरअन्दाज ना करो।
यह पहला लक्षण है कि शरीर गर्मी गंवा रहा है-घर के अंदर जाओ।शराब ना पीओ। यह आपके शरीर का तापमान घटाता है और हाइपोथर्मीया के जोखिम को बढ़ाता है। ठंडे हुए शरीर के हिस्से की मालिश ना करो। इससे अधिक नुकसान हो सकता है, प्रभावित व्यक्ति को कोई भी तरल पदार्थ ना दो, जब तक पूरी तरह सचेत नहीं होता। बंद कमरों में मोमबत्तियाँ, लकडिय़ाँ आदि ना जलाओ और कार्बन मोनोऑक्साईड के ज़हर को रोको।