CHANDIGARH, 28 MARCH: पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने राज्य के युवाओं को पशुपालन के सहायक धंधे से जोडऩे के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि जल्द से जल्द ऐसी नीति तैयार की जाए जिससे अधिक से अधिक युवा पशुपालन के धंधे को अपनाकर अपना कारोबार शुरू कर सकें।
आज यहाँ पशुपालन विभाग के मुख्य कार्यालय में अधिकारियों के साथ पहली बैठक के दौरान गहरी चिंता प्रकट करते हुए कहा कि चारा, फीड और दवाएँ महँगी होने के कारण पशुपालन का धंधा बहुत लाभकारी नहीं रहा।पशुपालन मंत्री ने कहा कि सस्ती मानक फीड और सस्ती दवाएँ पशुपालकों को मुहैया करवाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएँ, जिससे इस धंधे को लाभप्रद बनाया जा सके। मंत्री ने कहा कि पशुपालन के धंधे को प्रफुल्लित करने के लिए बढिय़ा मंडीकरण का ढांचा खड़ा करने की ज़रूरत है, जिससे पशुपालक अपने पशु और मीट, दूध, अंडे आदि पदार्थ आसानी से बढिय़ा कीमतों पर बेच सकें। इस सम्बन्धी उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मंडीकरण के ढांचे को मज़बूत करने के लिए एक रोड़मैप उनके साथ साझा किया जाए, जिसको जल्द से जल्द अमली जामा पहनाया जाएगा। इसके साथ ही कहा कि राज्य में घोड़ों का कारोबार काफ़ी बढ़ रहा है और बहुत से लोगों ने अपने स्टड फॉर्म भी बनाए हैं।
उन्होंने कहा कि घोड़ों के कारोबार में एन.आर.आई भाई भी बहुत रुचि दिखा रहे हैं। घोड़ों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खरीद-बिक्री के लिए विभाग को विशेष नीति तैयार करने के लिए भी पशुपालन मंत्री द्वारा हिदायतें जारी की गईं।कुलदीप धालीवाल ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि कई बार प्राकृतिक कारणों से या कई अन्य कारणों से पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है, जिस कारण वह पशुपालन के सहायक धंधे से किनारा कर लेते हैं।
उनके इस नुकसान की भरपाई के लिए विभाग द्वारा सुविधाजनक बीमा पॉलिसी तैयार करने के लिए अधिकारियों को हिदायतें जारी कीं। बैठक में पशुपालन विभाग की विशेष मुख्य सचिव रवनीत कौर, सचिव मालविन्दर सिंह जग्गी, संयुक्त सचिव राजपाल सिंह, वाईस चांसलर गडवासू डॉ. इन्दरजीत सिंह, निदेशक पशुपालन डॉ. एस.एस. काहलो, निदेशक डेयरी विकास कर्नैल सिंह, निदेशक मत्स्य पालन राजिन्दर कुमार कटारिया के अलावा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।