इस पुरस्कार के लिए 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक तैयार की गई पुस्तकें भाषा विभाग पंजाब को 30 अप्रैल 2021 तक भेज सकते हैं लेखक
CHANDIGARH: पंजाब सरकार द्वारा प्रो. गुरदयाल सिंह की पंजाबी साहित्य को अनमोल देन को समर्पित राज्य स्तरीय अवार्ड की स्थापना की गई है। शिक्षा और भाषा मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा प्रो. गुरदयाल सिंह के नाम पर सर्वोत्तम साहित्यक पुस्तक पुरस्कार (अनुवाद) की स्थापना की गई है।
तृप्त बाजवा ने बताया कि साल 2017 के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से अपने चुनावी मैनीफैस्टो में किये वायदे को पूरा करते हुए स्वर्गीय प्रो. गुरदयाल सिंह की पंजाबी साहित्य को अनमोल देन को समर्पित सर्वोत्तम साहित्यक पुस्तक पुरस्कार (अनुवाद) की स्थापना करने सम्बन्धी फ़ैसला किया गया है।
जि़क्रयोग्य है कि प्रो. गुरदयाल सिंह पंजाबी साहित्य की प्रसिद्ध शख्सियत हैं, जो किसी भी जान-पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनको पंजाब सरकार के भाषा विभाग की तरफ से पंजाबी साहित्य पुरस्कार, पंजाबी साहित्य रत्न पुरस्कार के साथ-साथ भारत सरकार के ज्ञानपीठ अवार्ड के साथ नवाजा जा चुका है।
तृप्त बाजवा ने कहा कि प्रो. गुरदयाल सिंह के नाम पर पंजाब सरकार की तरफ से सर्वोत्तम साहित्यक पुस्तक पुरस्कार स्थापित करना पंजाबी जगत के लिए बहुत ही गौरव की बात है।
इस सम्बन्धी अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह पुरुस्कार साल 2021 से हर साल पंजाबी में अनुवादित सर्वोत्तम पुस्तक लिखने वाले लेखक को दिया जायेगा, जिसमें 21,000 रुपए की राशि, प्लैक और शॉल के साथ सम्मानित किया जायेगा। इस पुरस्कार के लिए लेखक 01 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक तैयार की गई पुस्तकें भाषा विभाग, पंजाब को 30 अप्रैल 2021 तक भेज सकते हैं।