कद्दावर कांग्रेसी नेता हाफिज अनवार उल हक को पंजाब सरकार ने 7 दिन में ही दिया प्रमोशन, अब पंजाब बैकवर्ड क्लासेज, लैंड डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कार्पोरेशन का बनाया चेयरमैन

CHANDIGARH: कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हाफिज अनवार उल हक को अब पंजाब सरकार ने पंजाब बैकवर्ड क्लासेज, लैंड डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कार्पोरेशन का चेयरमैन नियुक्त किया है। सात दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने हाफिज अनवार उल हक को पंजाब मुस्लिम कम्युनिटी एवं डेवलपमेंट बोर्ड का चेयरमैन बनाया था लेकिन उनकी कार्यशैली व कद को देखते हुए पंजाब सरकार ने सात दिन में ही उन्हें एक तरह से प्रमोशन देते हुए पंजाब बैकवर्ड क्लासेज, लैंड डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कार्पोरेशन का चेयरमैन बना दिया है। इससे हाफिज अनवार उल हक के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके घर व फोन पर बधाई देने वालों का तांता लग गया है।

बता दें कि नगर निगम चुनाव में जबरदस्त दमदारी से लड़े चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष हाफिज अनवार उल हक को उनकी कद्दावरी को देखते हुए पंजाब मुस्लिम कम्युनिटी एवं डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन पद पर नियुक्ति के रूप में पार्टी ने बड़ा इनाम दिया था लेकिन अब सात दिन के भीतर ही जिस तरह पंजाब की कांग्रेस सरकार ने उन्हें इससे भी बड़ी जिम्मेदारी पंजाब बैकवर्ड क्लासेज, लैंड डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कार्पोरेशन का चेयरमैन बनाकर दी है, उसको देखते हुए हाफिज अनवार उल हक का कद पंजाब व चंडीगढ़ की सियासत में और बड़ा हो गया है। हाफिज अनवार उल हक को नई नियुक्ति पंजाब के पूर्व विधायक हरजिंदर सिंह ठेकेदार के स्थान पर दी गई है। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने यह नियुक्ति पत्र जारी किया।

उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष हाफिज अनवार उल हक चंडीगढ़ के अलावा पंजाब, हरियाणा व जम्मू-कश्मीर तक के राजनीतिक गलियारों में जानी-मानी सियासी शख्सियतों में शुमार किए जाते हैं। मुस्लिम समुदाय में उनका खासा प्रभाव माना जाता है। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने उनकी पत्नी जन्नत जहां उर्फ नैना चौधरी को वार्ड-4 की सीट से उम्मीदवार बनाया था। यह ऐसी सीट है, जिस पर भाजपा पिछले 15 साल से काबिज थी। कांग्रेस यहां कभी 2 हजार वोट भी हासिल नहीं कर पाई थी। यहां तक कि कांग्रेस संगठन नाम की भी कोई चीज नहीं थी। ऐसे में हाफिज अनवार उल हक ने यहां अपने दम पर बहुत कम समय में न केवल कांग्रेसियों की फौज खड़ी कर दी, बल्कि भाजपा व आम आदमी पार्टी के भी कई नेता और कार्यकर्ता अपनी पार्टियों को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। नतीजा यह हुआ कि निगम चुनाव में इस सीट पर विरोधियों के पसीने छूट गए। यह हाफिज अनवार उल हक का ही प्रभाव था कि पंजाब के कैबिनेट मंत्री डॉ. राजकुमार वेरका, पूर्व मंत्री मोहिंदर सिंह केपी समेत पंजाब के कई बड़े कांग्रेस नेता भी यहां जन्नत जहां के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे।

यह बात अलग है कि कांग्रेस उम्मीदवार जन्नत जहां मामूली वोटों के अंतर से चुनाव में असफल हो गईं। इसका सबसे बड़ा कारण कांग्रेस का ही भितरघात माना जा रहा है लेकिन कांग्रेस के पंजे से हमेशा दूर रही इस सीट पर दमदारी से चुनाव लड़ने और यहां पार्टी को पुनर्जीवित कर देने को लेकर कांग्रेस हाफिज अनवार उल हक की परफॉर्मेंस से बेहद खुश नजर आ रही है। पंजाब में हाफिज अनवार उल हक की इस नियुक्ति से कांग्रेस को पंजाब के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीटों पर फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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