CHANDIGARH: अंतिम तारीख़ 31 दिसंबर, 2013 के साथ सभी शहरी विकास अथॉरिटी के डिफॉल्टर अलॉटियों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब मंत्रीमंडल ने आज बकाया किश्तों की वसूली के लिए पंजाब अर्बन डिवैल्पमैंट अथॉरिटीज़ अमैनेस्टी स्कीम-2021 को मंज़ूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार जिन अलॉटियों को ड्रा ऑफ लॉट्स या नीलामी या किसी अन्य प्रक्रिया के आधार पर अलॉटमैंट पत्र जारी किए गए थे, परन्तु जिन्होंने 31 दिसंबर, 2013 के बाद एक या इससे अधिक किश्तों की अदायगी नहीं की, अब अमैनेस्टी स्कीम के अधीन नोटीफिकेशन की तारीख़ से तीन महीनों के अंदर ब्याज के साथ मूल रकम जमा करवा सकते हैं।
किश्तें न देने के कारण अलॉटमैंट रद्द होने सम्बन्धी या 31 दिसंबर, 2013 के बाद किश्तें न देने सम्बन्धी मुक़दमा चलने के मामलों में भी इस स्कीम का लाभ लिया जा सकता है। इस तरह के मामलों को ऐसे समझा जाएगा जैसे कि अलॉटमैंट रद्द नहीं हुई और ज़ब्त की गई राशि को ज़ब्ती की तारीख से अलॉटियों के खातों में जमा करवाई समझा जाएगा। हालाँकि, अथॉरिटी द्वारा कब्ज़ा ले लेने के मामलों में यह स्कीम लागू नहीं होगी।
जि़क्रयोग्य है कि लॉट्स और नीलामी के द्वारा बिकने वाले अलग-अलग रिहायशी प्लॉटों, फ्लैटों, व्यापारिक प्लॉटों, संस्थागत प्लॉटों, औद्योगिक प्लॉटों और चंक साईट्स की अलॉटमैंट सम्बन्धी 700 करोड़ रुपए बकाया हैं। मौजूदा निर्देशों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति समय पर बनती किश्त की अदायगी नहीं करता है, जोकि सालाना 3 प्रतिशत से 5 प्रतिशत के दरमियान होती है, तो सालाना देरी के हिसाब से स्कीम की ब्याज दर के अलावा जुर्माना लगाया जाता है। यह जुर्माना सालाना 17 प्रतिशत तक की शुद्ध ब्याज दर में बदल जाता है, जोकि बहुत ज़्यादा होती है।