Punjab: अदालत ने अनाज मंडियों के टेंडर घोटाले में डिप्टी डायरैक्टर राकेश कुमार सिंगला को इश्तिहारी भगौड़ा किया घोषित

विजिलैंस द्वारा भगौड़े सिंगला के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी

CHANDIGARH, 5 DEC: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने अनाज मंडियों में कथित टेंडर आवंटन घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश कुमार सिंगला, डिप्टी डायरैक्टर(मुअत्तल), खाद्य और सिवल सप्लाई विभाग के खिलाफ फौजदारी कार्यवाही शुरू करने में सफलता हासिल की क्योंकि उसको श्री सुमित मक्कड़, सीजेएम लुधियाना की अदालत द्वारा भगौड़ा आपराधी (पीओ) घाषित कर दिया गया है।

यह जानकारी देते हुए यहां विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि उक्त आरोपी को तत्कालीन खाद्य एवं सिवल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु द्वारा विभाग की मुख्य विजीलैंस कमेटी का चेयरमैन नियुक्त करने के साथ-साथ लकड़ी के क्रेटों और श्रम एवं अनाज की ढुलाई नीति का निरीक्षण करने का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस केस के अलग-अलग मुलजिमों से पूछताछ दौरान यह बात सामने आई है कि राकेश सिंगला ने कथित दोषी ठेकेदार/ टैंडरकार तेलू राम से 30 लाख रुपए रिश्वत की माँग की थी और 20 लाख रुपए रिश्वत के तौर पर लिए थे, जिसके बदले ठेकेदार तेली राम को अलग-अलग अनाज मंडियों के लिए ढुलाई के टैंडर अलाट कर दिए गए थे।

प्रवक्ता ने बताया कि अदालत के ताज़ा हुक्मों के बाद विजीलैंस की तरफ से उसकी गिरफ़्तारी को अंजाम देने के लिए उसके विरुद्ध रैड्ड कार्नर नोटिस ( आरसीऐन) जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी क्योंकि वह अपनी गिरफ़्तारी से बचने के लिए विदेश चला गया है। विजीलैंस ब्यूरो को उसकी बड़ी रिश्वत के साथ बनाई गई जायदाद के बारे भी अहम जानकारी मिली है क्योंकि विजीलैंस ब्यूरो की तकनीकी टीम ने उसकी जायदादों का मूल्यांकन भी किया है।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस सम्बन्ध में एफ. आई. आर नंबर 11 तारीख़ 16- 08- 2022, आई. पी. सी. की धारा 420, 409, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7, 8,12, 13( 2) के अंतर्गत ठेकेदार तेलू राम, जगरूप सिंह, सन्दीप भाटिया और गुरदास राम एंड कंपनी के मालिक/ भाईवालों के साथ- के साथ ख़ाद्य और सिवल सप्लाई विभाग के अधिकारियों/ कर्मचारियों के इलावा सम्बन्धित खरीद एजेंसियों के अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरुद्ध यह मुकदमा पहले ही दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में शामिल 17 मुलजिमों में से 6 गिरफ़्तारी के बाद जेल में बंद हैं और इस मामले में बाकी मुलजिमों की गिरफ़्तारी के लिए यत्न जारी हैं।

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