CHANDIGARH: राज्य में कोविड के बढ़ रहे प्रभाव के मद्देनजर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पांचवीं, आठवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बिना परीक्षाओं के अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का ऐलान किया है। इसी तरह पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं, जो पहले ही स्थगित हो चुकी हैं, संबंधी फैसला बाद में कोरोना की स्थिति के आधार पर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह फैसला शीर्ष अधिकारियों और चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ पंजाब में कोविड के हालात का जायजा लेने के लिए हुई वर्चुअल मीटिंग के दौरान लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 अप्रैल तक राज्य सरकार ने सभी शिक्षा संस्थाओं को बंद करने का फ़ैसला किया था, जिसके स्वरूप 11-20 साल उम्र वर्ग में पॉजि़टिविटी दर नीचे लाने के साथ-साथ स्कूल के विद्यार्थियों को इन परीक्षाओं में राहत देने की भी जरूरत थी। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए पांच विषयों में से 4 विषयों के लिए इम्तिहान पहले ही हो चुके हैं और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड पांचवें विषय को अनदेखा करके चार विषयों में विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर नतीजे घोषित कर सकता है।
इसी तरह आठवीं और दसवीं कक्षा के लिए प्री-बोर्ड परीक्षाओं या सम्बन्धित स्कूलों द्वारा अपने तौर पर लिए गए इम्तिहानों के आधार पर नतीजे घोषित किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री, जिन्होंने इस सम्बन्ध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री को इसी हफ़्ते पत्र लिखा था, ने महामारी के मद्देनजऱ सी.बी.एस.ई. की बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित करने और सी.बी.एस.ई. की दसवीं की परीक्षाएं रद्द करने के बारे में केंद्र के फैसले पर तसल्ली ज़ाहिर की। मीटिंग में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी, शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला, मुख्य सचिव विनी महाजन, डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता भी उपस्थित थे।