कपूरथला और होशियारपुर में मैडीकल कालेजों का रखा जाएगा नींव पत्थर
CHANDIGARH: राज्य में शैक्षिक ढांचे को और मज़बूती देने के उद्देश्य से पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शिक्षा विभाग में अलग-अलग काडरों से सम्बन्धित खाली पड़े 10,880 पदों की भर्ती को मंजूरी दे दी है। विभिन्न विभागों की उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री ने शिक्षा को मुख्य क्षेत्र बताया जिसकी कार्यवाही सुचारू ढंग से चलाने के लिए विशेष ध्यान दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने प्राइमरी स्कूलों में 2000 शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती करने के भी निर्देश दिए जिससे अकादमिक पहलू पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ स्कूली विद्यार्थियों के स्वस्थ स्वास्थ्य को भी यकीनी बनाया जा सके। हरेक गाँव में कलस्टर बनाने की वकालत करते हुये जिसके अंतर्गत प्राइमरी, मिडल और हाई स्कूल वाला गाँव ही एक शारीरिक शिक्षा ट्रेनर की सेवाएं ले सकेगा, मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग को इस प्रस्ताव पर सक्रियता से विचार करने के लिए कहा।
इसके इलावा मुख्यमंत्री ने अलग-अलग यूनियनों से सम्बन्धित मुद्दों पर विचार विमर्श किया और हिदायत की कि विभाग इस संबंधी विचार विमर्श कर सकता है और उनकी माँग को जाँचने के बाद वित्त विभाग के पास मामला उठाया सकता है। रमसा के अधीन भर्ती किये गए लगभग 1000 हैड्डमास्टरों और अध्यापकों की लम्बे समय से लटकती आ रही माँग को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग को वेतनों के लिए राज्य का बनता हिस्सा जारी करने के निर्देश दिए जिस पर भारत सरकार (2016 में) द्वारा लगाई गई ऊपरी सीमा करके कट लगाया गया था।
इससे सरकारी खज़ाने पर लगभग 3.2 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। एक और अहम फ़ैसले में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग में लगभग 3400 अलग -अलग पदों की भर्ती को मंजूरी दे दी है जिससे स्वास्थ्य संभाल प्रणाली को और मज़बूत किया जा सके।
इसके इलावा मुख्यमंत्री ने आयुषमान भारत स्कीम के अधीन आंगणवाड़ी /आशा वर्करों और अन्य स्वास्थ्य वर्करों को शामिल करन सम्बन्धी प्रस्ताव को मंत्रीमंडल की मीटिंग में लाने के हुक्म दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि वह जल्द ही कपूरथला और होशियारपुर में मैडीकल कालेजों का नींव पत्थर रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि संगरूर में 100 प्रतिशत सरकारी फंडिंग से नया मैडीकल कालेज बनाया जायेगा। यह नये मैडीकल कालेज राज्य में मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।
इस मौके पर दूसरों के अलावा उप मुख्यमंत्री ओ.पी. सोनी, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, मैडीकल शिक्षा मंत्री डा. राज कुमार वेरका, शिक्षा मंत्री परगट सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव हुसन लाल, प्रमुख सचिव वित्त के.ए.पी. सिन्हा, सचिव सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास राज़ी पी. श्रीवास्तव और प्रमुख सचिव मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान आलोक शेखर मौजूद थे।