CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य भर में बिजली संकट से निपटने के लिए उद्योगों पर लगाई सभी बिजली बन्दिशें सोमवार शाम को तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश दिए हैं।
मानसून में देरी के कारण कृषि और घरेलू क्षेत्र दोनों में अप्रत्याशित माँग के कारण यह संकट पैदा हुआ था।
तलवंडी साबो थर्मल पलांट के बंद पड़े तीन यूनिटों में से एक यूनिट के चलने के उपरांत राज्य में बिजली की स्थिति की समीक्षा करते हुये मुख्यमंत्री ने पंजाब राज पावर कारपरोशेन लिमटिड को निर्देश दिए कि राज्य भर में उद्योगों पर बिजली के प्रयोग सम्बन्धी लगाई सभी बन्दिशें को तुरंत हटाया जाये। मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि तलवंडी साबो में 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू होने से राज्य में बिजली की स्थिति में सुधार हुआ है।
पी.एस.पी.एस.एल. की तरफ से पंजाब के केंद्रीय और सरहदी जोन के जिलों में ऐसी ही बन्दिशों को आंशिक तौर पर हटाने के फ़ैसले के तुरंत बाद मुख्यमंत्री की तरफ से सभी बन्दिशें पूर्ण तौर पर हटाने के निर्देश दिए गए हैं। पी.एस.पी.एस.एल. ने निरंतर बिजली प्रयोग करने वालों को छोड़ कर सभी उद्योगों को आज से पूरे सामर्थ्य के साथ काम करने की आज्ञा दी गई थी।
हालाँकि मुख्यमंत्री के दख़ल के बाद राज्य भर के सभी उद्योग, जो 24 घंटे निरंतर बिजली का प्रयोग कर रहे (टेक्स्टाईल, केमिकल और स्पिनिंग मिल आदि) शामिल हैं, अब पूरे सामर्थ्य के साथ काम कर सकते हैं।
गौरतलब है कि बिजली की माँग में हुई असाधारण वृद्धि के कारण पी.एस.पी.सी.एल. ने एक अस्थाई उपाय के तौर पर राज्य के औद्योगिक उपभोक्ताओं पर बन्दिशें लगाने के हुक्म दिए थे जिससे घरेलू उपभोक्ताओं को निरंतर बिजली सप्लाई देने के साथ साथ धान की बीजाई सम्बन्धी कामों के लिए कृषि सैक्टर को 8 घंटे बिजली सप्लाई मुहैया करवाई जा सके। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि निरंतर चलने वाले उद्योगों को अपने लोड के 50 प्रतिशत सामर्थ्य के साथ चलाने के लिए कहा गया था।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि महत्वपूर्ण बात यह है कि उपभोग की और ज्यादा माँग के बावजूद पावरकॉम ने शुरू से ही छोटे और मध्यम दर्जे की सप्लाई वाले औद्योगिक उपभोक्ताओं, चावल शैलर मालिकों, पशु फीड यूनिटों, काल सैंटरों, मशरूम फार्मों, फूड प्रोसैसिंग यूनिटों और अन्य ज़रूरी उद्योगों /सेवाओं पर कोई पाबंदी नहीं लगाई।
पंजाब में बिजली के 99,834 छोटे औद्योगिक उपभोक्ता और 30176 दर्मियाने उपभोक्ता हैं जिन पर घरेलू क्षेत्र में बिजली की बढ़ती माँग के बावजूद बिजली के प्रयोग सम्बन्धी कोई भी पाबंदी नहीं लगाई गई। कमी को पूरा करने के लिए सिर्फ़ बड़ी सप्लाई वाले उपभोक्ताओं (संख्या में 5071) जो 1000 केवीए एससीडी का प्रयोग करते हैं, को दिन में 12 घंटे 100 केवीए का प्रयोग करने के लिए कहा गया था। बड़ी सप्लाई वाली भट्टियाँ जिनमें से 282 राज्य में कार्यशील हैं, को सिर्फ़ 5 प्रतिशत एस.सी.डी. तक सीमित किया गया था।
प्रवक्ता ने कहा कि तलवंडी साबो थर्मल प्लांट के काम न करने के बावजूद पावरकॉम ने 1 जुलाई को सफलतापूर्वक 3066 लाख यूनिट की बिजली की माँग पूरी की थी। दिन में बिजली की माँग, राज्य में एक दिन में 3018 लाख यूनिट बिजली की पूर्ति के पहले रिकार्ड को पार कर गई।