CHANDIGARH, 11 AUGUST: अपनी तरह की एक अनूठी पहल के तहत मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब कैबिनेट ने आज राज्य में ‘शिक्षा-और-स्वास्थ्य फंड’ गठित करने के लिए ट्रस्ट डीड को मंजूरी दे दी।
इस सम्बन्धी फ़ैसला आज पंजाब सिविल सचिवालय-1 में मुख्यमंत्री के नेतृत्व अधीन हुई मंत्री समूह की बैठक में लिया गया।
इस संबंधी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस फंड का प्रारंभिक उद्देश्य पंजाब राज्य की भौगोलिक सीमा में स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्रों में पूँजीगत ढाँचों का सृजन करना या अपग्रेडेशन में सहायता करना है, जिससे स्वैच्छित दान के द्वारा लोगों का कल्याण सुनिश्चित बने। मुख्यमंत्री इस ट्रस्ट के चेयरपर्सन होंगे, जबकि वित्त मंत्री को वाइस चेयरपर्सन, मुख्य सचिव को मैंबर सचिव और स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभागों के मंत्रियों को इसमें ट्रस्टी के तौर पर शामिल किया गया है। इस ट्रस्ट के पास सलाह-मश्वरे के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व वाली एक सलाहकार समिति भी होगी।
कपास चुगने वाले मज़दूरों को वित्तीय राहत देने के लिए नीति में संशोधन का फ़ैसला
कीटों के हमलों के कारण कपास की फ़सल के हुए नुकसान के मद्देनजऱ कपास चुगने वाले मज़दूरों को राहत देने के उद्देश्य से लिए एक अन्य अहम फ़ैसले में पंजाब कैबिनेट ने इस सम्बन्धी कृषि मज़दूरों की पहचान के लिए राजस्व विभाग की मौजूदा नीति में संशोधन को मंजूरी दे दी। इस नीति का प्रारंभिक उद्देश्य फ़सल के हुए नुकसान का मुआवज़ा सम्बन्धी किसानों के साथ-साथ कपास चुगने वाले मज़दूरों को भी देना है। मौजूदा नीति के प्रस्तावों के मुताबिक कृषि मज़दूरों की पहचान करना मुश्किल था। इस कारण इन मुश्किलों को हल करने के लिए यह संशोधन किया गया है।
संशोधित नीति के मुताबिक राजस्व पटवारी और कृषि एक्स्टेंशन अफ़सर गाँवों में समूह घरों के सर्वेक्षण के द्वारा मज़दूरों की पहचान करेंगे और पटवारी इस बात को सत्यापित करेगा कि सम्बन्धित परिवार के पास कोई कृषि योग्य ज़मीन नहीं या एक एकड़ से कम ज़मीन है। सर्वेक्षण के बाद पटवारी और कृषि एक्स्टेंशन अफ़सर इस तैयार की गई सूची को सार्वजनिक इतराज़/सत्यापित करने के लिए गाँव में निश्चित तारीख़ और समय पर साझे सार्वजनिक स्थान पर गाँव का आम सत्र कर गाँव के भूमीहीन कृषि मज़दूरों के परिवारों की सूची को अंतिम रूप देंगे। यह नीति खरीफ की फ़सल सीजन 2021 से लागू होगी।
कैबिनेट द्वारा 23 कैदियों/उम्र कैदियों की सज़ा में विशेष छूट को मंजूरी
पंजाब कैबिनेट ने भारत के संविधान की धारा 163 के अधीन पंजाब की जेलों में बंद 23 कैदियों/उम्र कैदियों की सज़ा में विशेष छूट का केस पंजाब के राज्यपाल को भारतीय संविधान की धारा 161 के अधीन विचारने के लिए भेजने का फ़ैसला किया है।
एक अन्य बड़े फ़ैसले में कैबिनेट ने सरकारी कॉलेजों में तैनात गैस्ट फेकल्टी और पार्ट टाइम लैक्चररों को मौजूदा अचनचेत और प्रसूति छुट्टी के साथ-साथ कमाई छुट्टी, आधी तनख़्वाह छुट्टी और असाधारण छुट्टी की मंजूरी दे दी है। गैस्ट फेकल्टी और पार्ट टाइम लैक्चरर लंबे समय से इन छुट्टियों की माँग कर रहे थे। पंजाब सरकार द्वारा दिखाई गई दयालुता के कारण अब इन लैक्चररों की मुश्किलें घटेंगी।
अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कौरीडोर के अंतर्गत इंटिग्रेटिड मैनुफ़ेक्चरिंग कलस्टर के लिए समझौतों पर सहीबद्ध करने की सहमति
नौजवानों के लिए नौकरियों के अवसर सृजन करने के लिए औद्योगिक क्षेत्र के लिए अनुकूल माहौल सृजन करने के लिए मंत्री समूह ने अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कौरीडोर (ए.के.आई.सी.) के अधीन इंटिग्रेटिड मैनुफ़ेक्चरिंग कलस्टर (एम.आई.सी.) के लिए शेयरहोल्डजऱ् एग्रीमेंट (एस.एच.ए.) और स्टेट स्पोर्ट एग्रीमेंट (एस.एस.ए.) को सहीबद्ध करने की सहमति दे दी है। नेशनल इंडस्ट्रियल कौरीडोर डिवैल्पमैंट कॉर्पोरेशन (एन.आई.सी.डी.सी.) की सहायता से यह प्रोजैक्ट राजपुरा के नज़दीक लग रहा है।
यह प्रोजैक्ट स्थानीय वाणिज्य को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ व्यापार को वैश्विक स्तर के मुकाबले वाला बनाने और निवेश के लिए अनुकूल माहौल सृजन करने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा। यह प्रोजैक्ट सीधे तौर पर औद्योगिक क्षेत्र में अनुमानित 32,724 रोजग़ार के अवसर और ग़ैर-औद्योगिक क्षेत्र में 14,880 रोजग़ार के अवसर मुहैया करेगा।
सहकारिता विभाग की सालाना प्रशासनिक रिपोर्टें मंज़ूर
इस दौरान पंजाब कैबिनेट ने पंजाब सहकारिता विभाग की साल 2017-18 और 2018-19 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्टों को मंज़ूरी दे दी।